रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना की चौथी लहर का खतरा मंडरा रहा है. एक तरफ जहां कोरोना बार-बार प्रदेश में दस्तक दे रहा है. वहीं मंकीपॉक्स का खतरा भी बढ़ चुका (risk of monkeypox increased with corona in Chhattisgarh) है. फिलहाल मंकीपॉक्स के मरीज की पुष्टि अभी नहीं हुई है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर सख्ती बरत रहा है. जिन देशों में मंकीपॉक्स के मरीज ज्यादा है उन देशों से आने वाले लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में एडवाइजरी जारी की है.
मंकीपॉक्स लक्षण वाला बच्चा आईसोलेट : एपिडेमिक कंट्रोल हेड डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि " रायपुर में 13 वर्ष के एक बच्चे में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे(Suspected case of monkeypox in Raipur) हैं. बच्चे को मेकाहारा में आइसोलेशन में रखा गया है. बच्चे के सैंपल को जांच के लिए पुणे के लैब में भेजा गया है. इसके अलावा बच्चे के संगत में आने वाले अन्य बच्चों को भी ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. मंकीपॉक्स को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है. लेकिन मंकीपॉक्स के उपचार हॉस्पिटल में उपलब्ध है"
कोरोना के साथ मंकीपॉक्स का भी खतरा : डॉक्टर सुभाष मिश्रा एपिडेमिक कंट्रोल हेड डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि " बच्चे में मंकीपॉक्स अभी प्रमाणित नहीं हुआ है शायद वह दूसरी बीमारी हो सकती है. लेकिन कोरोना लगातार प्रदेश में बढ़ रहा है. इसको लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है. सरकार ने जो गाइडलाइन बनाई है. उसको शक्ति से पालन करने की आवश्यकता है. वह व्यक्ति जिनको डायबिटीज , हाई ब्लड प्रेशर , छोटे बच्चे, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति उनको सावधान रहने की ज्यादा आवश्यकता है. कोरोना मरीजोंं की संख्या तो अभी बढ़ रही है. लेकिन तेजी से टीकाकरण हो रहा (covid vaccination in chhattisgarh) है इस वजह से गंभीर मरीज नहीं मिल रहे हैं "
मंकीपॉक्स को लेकर एडवाइजरी : डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि " संक्रमण वाले देश से छत्तीसगढ़ आने वाले व्यक्तियों को खासकर निगरानी रखनी है. विश्व के कुछ देशों में इसकी रिपोर्ट मिलने पर भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर चौकसी बढ़ा दी (Monkeypox cases in Chhattisgarh) है. भारत सरकार ने राज्यों को भी एडवाइजरी जारी किया है. छत्तीसगढ़ में भी राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों में एडवाइजरी जारी की गई है. मंकीपॉक्स के लक्षण किसी भी व्यक्ति में पाए जाते हैं तो प्राथमिकता से उससे आइसोलेशन में रखकर जांच और उपचार करना है. साथ ही उस व्यक्ति की हिस्ट्री लेकर कांटेक्ट ट्रेसिंग भी करनी है. "
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मंकीपॉक्स का इलाज है संभव : डॉक्टर सुभाष मिश्रा डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि '' शासन ने मंकीपॉक्स की नि:शुल्क जांच और इलाज की पूरी व्यवस्था की है. मंकीपॉक्स बीमारी में बुखार के साथ शरीर में दाने होते हैं. इसके साथ-साथ हाथ पैर के जोड़ों में गठान भी बन जाते है. इस तरह के पॉक्स मूलतः 7 से 21 दिन में ठीक हो जाते हैं. लेकिन किसी किसी में यह गंभीर रूप से भी देखने को मिल सकता है. इस तरह के बीमारी में या लक्षण दिखने पर सावधान रहने की जरूरत है."