रायपुर: पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार आसमान छूते जा रहे हैं. पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों ने लोगों की नींद उड़ा दी है. लगातार बढ़ते पेट्रोल-डीजल के विरोध में दिल्ली में कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल आंदोलन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी दामों के साथ राजनीति में भी आग लगी हुई है. हालांकि मामले में प्रदेश बीजेपी चुप्पी साधी हुई है.जबकि प्रदेश में तत्कालीन रमन सरकार ने उस दौरान केंद्र की मनमोहन सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन किया था.
मनमोहन सरकार के खिलाफ रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल ने चलाई थी साइकिल
मनमोहन सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने और महंगाई के खिलाफ तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने साइकिल रैली निकाली थी. बढ़ते हुए पेट्रोल-डीजल के दाम वापस लेने की मांग की गई. बीजेपी का कहना था कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी. क्योंकि पेट्रोल- डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन बढ़ेगा. इससे महंगाई आसमान छूने लगी. हालांकि उस दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी थी. कांग्रेस के नेता उस दौरान बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर कुछ भी कहने से बचते नजर आए थे.
डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर बीजेपी की चुप्पी
वहीं बीजेपी ने अब मामले में चुप्पी साध रखी है. इनके नेता पेट्रोल-डीजल बढ़ती कीमत पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. अब भाजपा देश में लगातार बढ़ रहे डीजल पेट्रोल के दाम को लेकर ना तो आंदोलन करती नजर आ रही है और ना ही केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते दिख रही है. अब तो बीजेपी के नेता पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दामों पर जनता के विरोध के दौरान भी उनके साथ खड़े नहीं होते. कुल मिलाकर देखें तो छत्तीसगढ़ की भाजपा बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दामों पर चुप्पी साधे हुए हैं.
बीजेपी की चुप्पी पर कांग्रेस की चुटकी
बीजेपी की चुप्पी पर कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि बीजेपी सरकार के दौरान रमन सिंह और उनके मंत्री ने महंगाई के खिलाफ साइकिल चलाकर राजनीतिक नौटंकी की थी. अब जब पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं तो बीजेपी को ये सब नहीं दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के दौरान क्रूड आयल 117 डॉलर था और आज क्रूड ऑयल के दाम 50 डॉलर पर है. लेकिन पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी आसमान छू रही है. त्रिवेदी ने कहा कि मोदी सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम उपभोक्ताओं की जेब से पैसा निकाल रही है. छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं का दोहरा रवैया है. उस समय पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े थे. लेकिन आज पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर महंगाई बढ़ाई जा रही है. जो भाजपा नेताओं को दिखाई नहीं देता है.
क्या 1 मार्च से थम जाएंगे ट्रकों के पहिए, जानें
'वैश्विक महंगाई का असर'
कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि कांग्रेस शासन में सभी चीजें महंगी हुई थी. यही वजह है कि कांग्रेस का देश से सफाया हो गया. महंगाई बहुत बड़ा मुद्दा था. इसे लेकर भाजपा की तरफ से सड़क की लड़ी गई थी. उपासने ने कहा की आज वैश्विक महंगाई है. विश्व में डीजल-पेट्रोल के दामों में ऊंच-नीच होता है. उसका प्रभाव भारत पर भी पड़ा है. यह स्थायी नहीं है. अस्थाई वृद्धि है. आने वाले समय में डीजल पेट्रोल के दाम कम होंगे.उपासने ने कहा कि यूपीए की सरकार में सबसे अधिक 100 रुपये पेट्रोल के दाम बढ़े थे. इस दौरान गैस सिलेंडर लोगों को नहीं मिलती थी. अब मुफ्त में गैस सिलेंडर गरीबों को दिया जा रहा है. गरीबों को सुविधा मिले इस प्रकार की व्यवस्था की है. कांग्रेस ने केवल लोगों की जेब खाली करने का काम किया था.
जानकारों की राय
वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार थी और केंद्र में मनमोहन सरकार थी. उस दौरान बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने साइकिल रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया था. लेकिन अब परिस्थिति ऐसी नहीं है. द्विवेदी ने कहा कि यदि इसी तरह से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते रहे तो आने वाले समय में इन नेताओं को भी साइकिल का ही सहारा लेना पड़ेगा.
'केंद्र सरकार को दे संदेश'
द्विवेदी ने कहा कि भाजपा नेताओं को समझना होगा कि लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम से अब जनता परेशान हो गई है. ऐसे में भाजपा के तमाम स्थानीय नेताओं को इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को एक संदेश देना चाहिए कि इसका असर लोगों पर पड़ रहा है. द्विवेदी ने कहा कि हो सकता है कि केंद्र में भाजपा सरकार है तो छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता खुलकर विरोध ना करें. लेकिन केंद्र सरकार से डीजल पेट्रोल के दाम घटाने के लिए आग्रह तो कर ही सकते हैं.
द्विवेदी का कहना है कि जल्द विधानसभा सत्र है. ऐसे में भाजपा विपक्ष में होने के नाते राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है. लेकिन उन्हें इसके साथ-साथ केंद्र सरकार से भी पेट्रोल-डीजल के दामों को कम करने की अपील करना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके.
वर्तमान में छत्तीसगढ़ भाजपा के रवैया को देखकर कहा जा सकता है कि जनता के मुद्दे चाहे जो भी हों लेकिन राजनीतिक दल अपनी पार्टी के अनुसार उसके पक्ष में और विरोध में काम करते हैं. यदि विपक्ष में है तो विरोध करेंगे और यदि सत्ता पक्ष में तो चुप्पी साधे रहेंगे. अब देखने वाली बात है कि आसमान छू रहे डीजल-पेट्रोल के दाम कब कम होंगे या फिर इसी तरह बेलगाम होते हुए यह दाम बढ़ते रहेंगे.