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छत्तीसगढ़ में 'राम' भरोसे राजनीति

जब-जब किसी भी प्रदेश में चुनाव का समय नजदीक आता है तब-तब वहां के दलों को एक नाम याद आता है. जो उस जगह के हर कोने में वास करता हो. छत्तीसगढ़ में भी ऐसा भी कुछ नजर आ रहा है. राम वन गमन पथ पर्यटन परिपथ एक ऐसा साधन जिसे सभी वोट साधना चाहते हैं. चाहे वह कांग्रेस हो या फिर बीजेपी. तो आईये जानते है कि इन दो दलों के लिए राम क्यों इतने महत्वपूर्ण है...

Ram in Chhattisgarh
क्या राम भरोसे है छत्तीसगढ़ सरकार
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Published : Oct 7, 2021, 8:41 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 10:38 PM IST

रायपुर: उत्तर प्रदेश दौरे से लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने रायपुर के चंदखुरी में प्राचीन कौशल्या माता मंदिर (Ancient Kaushalya Mata Temple) के जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण किया. यह राम वन गमन पथ के उस प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका निर्माण अगले ढाई साल में होना है. उस समय छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections in Chhattisgarh) भी होने हैं. लिहाजा छत्तीसगढ़ में अब राम के नाम पर राजनीति भी शुरू हो गई है.

छत्तीसगढ़ में अचानक क्यों याद आए भगवान राम

15 सालों में राम के लिए बीजेपी ने क्या किया: कांग्रेस

छत्तीसगढ़ अपनी आदिम संस्कृति और सभ्यता (Primitive Culture And Civilization) के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ को राम का ननिहाल भी कहा जाता है. छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ((Chief Minister Bhupesh Baghel)) राम के नाम पर ही भाजपा को घेरने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री बघेल ((Chief Minister Bhupesh Baghel)) ने कहा कि सब राम को अलग-अलग रूप में देखते हैं. कोई वोट दिलाने के रूप में देखते हैं. हम गांधी के अनुयाई हैं, जिनकी मौत के समय उनके मुंह से राम का नाम निकला था. भाजपा ने 15 साल के शासन में राम वन गमन पथ और माता कौशल्या के मंदिर (Kaushalya Mata Temple) के लिए कुछ नहीं किया. लेकिन भूपेश सरकार अब इन स्थानों को साकार रूप देकर एक नई पहचान देने की कोशिश कर रही है.

वोट के लिए भुनाया जा रहा 'राम का नाम', 15 सालों में भाजपा ने उनके लिए क्या किया है काम?: भूपेश बघेल

मुंह में राम बगल में छुरी: बीजेपी

बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Former Minister Brijmohan Agarwal) ने कहा कि मुंह में राम बगल में छुरी की तर्ज पर कांग्रेस प्रदेश में काम कर रही है. पूर्व मंत्री का आरोप है कि कांग्रेस (Congress) भगवा ध्वज का अपमान कर रही है. उसे रबड़ी खीर और मलाई खिलाई जा रही है और जो इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें जेल भेजा जा रहा है. यह राम भक्त नहीं है यह वोट भक्त हैं और अब तो जो कुछ कवर्धा में हुआ है जो कुछ रायपुर में हो रहा है यहां की जनता देख रही हैं.

राम ने बिताया था लंबा समय

वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ से दो तरह से संबंध है. पहला उनका यह ननिहाल है और दूसरा वनवास के दौरान भगवान राम (Lord Ram) ने काफी लंबा समय छत्तीसगढ़ में बिताया है. ऐसे में सरकार चाहे कोई भी हो वह जनता की भावनाओं के अनुरूप ही काम करेगी.

राम के नाम पर ही पार्टियों को फायदा

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि यह केंद्र सरकार की योजना (Central Government Scheme) है. जिसे राज्य सरकार के सहयोग से पूरा किया जा रहा है. वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि यह योजना भाजपा सरकार (BJP government) के दौरान लाई गई थी. उस दौरान काफी लंबा शोध किया गया था. उसके बाद इस मार्ग को तैयार किया गया. क्योंकि अब भाजपा सरकार चली गई है. ऐसे में उस काम को कांग्रेस सरकार आगे बढ़ा रही है. ऐसे में यह स्वाभाविक है कि वर्तमान सरकार भी उसी रास्ते पर चलेगी. जिस पर पिछली सरकार चल रही थी. इसका फायदा वर्तमान सरकार को ही मिलेगा. उन्होंने ने कहा कि हमारे देश में राम के नाम पर भिक्षा मांगी जाती है, ऐसे में इनके नाम पर वोट ना मांगें यह मुमकिन नहीं है.

क्या है राम वन गमन पथ

सरकार ने विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक और लोक स्त्रोतों के आधार पर भगवान राम के वनवास से जुड़े 75 स्थानों को चिन्हित किया है. इसे ही राम वन गमन पथ पर्यटन परिपथ (Ram Van Gaman Path Tourist Circuit) के तौर पर विकसित किया जाना है. योजना के पहले चरण में कोरिया से सुकमा तक के 9 स्थलों को विकसित करने की योजना है. इसमें सीतामढ़ी- हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण खरौद (जांजगीर चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चांदखुरी (रायपुर) सिहावा सप्त ऋषि आश्रम (धमतरी), रामाराम (सुकमा) का विकास किया जा रहा है.

रायपुर: उत्तर प्रदेश दौरे से लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने रायपुर के चंदखुरी में प्राचीन कौशल्या माता मंदिर (Ancient Kaushalya Mata Temple) के जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण किया. यह राम वन गमन पथ के उस प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका निर्माण अगले ढाई साल में होना है. उस समय छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections in Chhattisgarh) भी होने हैं. लिहाजा छत्तीसगढ़ में अब राम के नाम पर राजनीति भी शुरू हो गई है.

छत्तीसगढ़ में अचानक क्यों याद आए भगवान राम

15 सालों में राम के लिए बीजेपी ने क्या किया: कांग्रेस

छत्तीसगढ़ अपनी आदिम संस्कृति और सभ्यता (Primitive Culture And Civilization) के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ को राम का ननिहाल भी कहा जाता है. छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ((Chief Minister Bhupesh Baghel)) राम के नाम पर ही भाजपा को घेरने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री बघेल ((Chief Minister Bhupesh Baghel)) ने कहा कि सब राम को अलग-अलग रूप में देखते हैं. कोई वोट दिलाने के रूप में देखते हैं. हम गांधी के अनुयाई हैं, जिनकी मौत के समय उनके मुंह से राम का नाम निकला था. भाजपा ने 15 साल के शासन में राम वन गमन पथ और माता कौशल्या के मंदिर (Kaushalya Mata Temple) के लिए कुछ नहीं किया. लेकिन भूपेश सरकार अब इन स्थानों को साकार रूप देकर एक नई पहचान देने की कोशिश कर रही है.

वोट के लिए भुनाया जा रहा 'राम का नाम', 15 सालों में भाजपा ने उनके लिए क्या किया है काम?: भूपेश बघेल

मुंह में राम बगल में छुरी: बीजेपी

बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Former Minister Brijmohan Agarwal) ने कहा कि मुंह में राम बगल में छुरी की तर्ज पर कांग्रेस प्रदेश में काम कर रही है. पूर्व मंत्री का आरोप है कि कांग्रेस (Congress) भगवा ध्वज का अपमान कर रही है. उसे रबड़ी खीर और मलाई खिलाई जा रही है और जो इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें जेल भेजा जा रहा है. यह राम भक्त नहीं है यह वोट भक्त हैं और अब तो जो कुछ कवर्धा में हुआ है जो कुछ रायपुर में हो रहा है यहां की जनता देख रही हैं.

राम ने बिताया था लंबा समय

वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ से दो तरह से संबंध है. पहला उनका यह ननिहाल है और दूसरा वनवास के दौरान भगवान राम (Lord Ram) ने काफी लंबा समय छत्तीसगढ़ में बिताया है. ऐसे में सरकार चाहे कोई भी हो वह जनता की भावनाओं के अनुरूप ही काम करेगी.

राम के नाम पर ही पार्टियों को फायदा

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि यह केंद्र सरकार की योजना (Central Government Scheme) है. जिसे राज्य सरकार के सहयोग से पूरा किया जा रहा है. वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि यह योजना भाजपा सरकार (BJP government) के दौरान लाई गई थी. उस दौरान काफी लंबा शोध किया गया था. उसके बाद इस मार्ग को तैयार किया गया. क्योंकि अब भाजपा सरकार चली गई है. ऐसे में उस काम को कांग्रेस सरकार आगे बढ़ा रही है. ऐसे में यह स्वाभाविक है कि वर्तमान सरकार भी उसी रास्ते पर चलेगी. जिस पर पिछली सरकार चल रही थी. इसका फायदा वर्तमान सरकार को ही मिलेगा. उन्होंने ने कहा कि हमारे देश में राम के नाम पर भिक्षा मांगी जाती है, ऐसे में इनके नाम पर वोट ना मांगें यह मुमकिन नहीं है.

क्या है राम वन गमन पथ

सरकार ने विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक और लोक स्त्रोतों के आधार पर भगवान राम के वनवास से जुड़े 75 स्थानों को चिन्हित किया है. इसे ही राम वन गमन पथ पर्यटन परिपथ (Ram Van Gaman Path Tourist Circuit) के तौर पर विकसित किया जाना है. योजना के पहले चरण में कोरिया से सुकमा तक के 9 स्थलों को विकसित करने की योजना है. इसमें सीतामढ़ी- हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण खरौद (जांजगीर चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चांदखुरी (रायपुर) सिहावा सप्त ऋषि आश्रम (धमतरी), रामाराम (सुकमा) का विकास किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 7, 2021, 10:38 PM IST
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