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SPECIAL: पीएम स्वनिधि योजना, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार में एक बार फिर रार

पीएम स्वनिधि योजना को लेकर छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस में बयानबाजी का दौर चल रहा है. बीजेपी का आरोप है कि प्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है, तो इधर कांग्रेस सिरे से आरोपों को खारिज कर रही है.

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Published : Oct 26, 2020, 12:09 PM IST

rhetoric between bjp and congress in chhattisgarh regarding pm swanidhi scheme
पीएम स्वनिधि योजना

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र के बीच चल रहा शीत युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र छत्तीसगढ़ सरकार पर कई योजनाओं को लागू नहीं करने का आरोप लगाता आया है तो वहीं प्रदेश सरकार ने केंद्र पर कई योजनाओं का लाभ नहीं देने का आरोप लगाया है. ताजा मामला प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लेकर है. जिसे लेकर एक बार फिर बीजेपी और प्रदेश की कांग्रेस सरकार में ठन गई है.

पीएम स्वनिधि योजना, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार में एक बार फिर रार

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना पर बीजेपी-कांग्रेस में रार

बीजेपी का आरोप है कि प्रदेश में स्वनिधि योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि इस योजना के लिए बीजेपी की तरफ से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं और स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं. कई आवेदनों को ऑनलाइन जमा भी किया गया है, लेकिन बैंकों ने अब तक लोन देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की हैं.

योजना को ठीक से संचालित करने की मांग

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पीएम स्वनिधि योजना

उपासने ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्या को लेकर वे मुख्य सचिव और राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. इतना ही नहीं यदि जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर इस योजना को सुचारू रूप से संचालित करने की मांग करेंगे.

'राजभवन को पार्टी कार्यालय न समझे बीजेपी'

बीजेपी के आरोपों को कांग्रेस ने निराधार बताया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि बीजेपी प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है और झूठ बोल रही है. तिवारी का कहना है कि स्वनिधि योजना में हितग्राहियों को पैसा न मिलने की कहीं से भी कोई शिकायत नहीं मिली है. उपासने के राजभवन जाने की बात पर विकास तिवारी ने कहा कि बीजेपी राजभवन को अपनी पार्टी का कार्यालय समझने की कोशिश न करें.

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना

कोरोनाकाल में बेरोजगार हुए फेरीवाले और छोटे-छोटे व्यवसाय करने वालों को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत आवेदकों को 10 हजार रुपए बैंक से लोन मिलने का प्रावधान है.

1 जुलाई 2020 को शुरू हुई थी योजना

इस योजना की शुरुआत 1 जुलाई 2020 को की गई. सरकार ने इस योजना के लिए 5000 करोड़ का बजट रखा है. ये योजना स्ट्रीट वेंडर्स की मदद के उद्देश्य से चलाई जा रही है.

10 हजार रुपये का दिया जाता है लोन

स्वनिधि योजना के तहत सरकार के द्वारा 10 हजार रुपये का लोन दिया जाता है. ये लोन सालभर में किस्तों में लौटाया जा सकता है. इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाता है. जो इच्छुक लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें इस योजना के तहत आवेदन करना होता है.

कैसे चुकाना है लोन

स्वनिधि योजना के तहत दिए गए 10 हजार रुपये के लोन को 12 किस्तों में चुकाना होता हैं. इसके लिए 650 रुपये की 12 किस्त निर्धारित की गई है. इस तरह से 10 हजार का लोन लेने के बाद लोगों को सिर्फ 7 हजार 800 रुपये जमा करना पड़ता हैं.

योजना के पात्र लाभार्थी

  • नाई
  • शूमेकर
  • पान की दुकान चलाने वाले
  • सब्जी बेचने वाले
  • कपड़े धोने वाले की दुकान
  • फल बेचने वाले
  • चाय का ठेला लगाने वाले
  • स्ट्रीट फूड विक्रेता

अप्लाई करने की प्रक्रिया

पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने के लिए pmsvanidhi.mohua.org.in या मोबाइल ऐप की मदद से अप्लाई किया जा सकता है. यह लोन देशभर में फैले 3.8 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए भी लिया जा सकता है.

पढ़ें: रायपुर: विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर आज भूपेश कैबिनेट की बैठक, कृषि कानून और धान खरीदी पर होगी चर्चा

लोन मिलने के बाद छलकी चेहरे पर खुशी

स्वनिधि योजना के तहत छत्तीसगढ़ से भी हजारों लोगो ने लोन के लिए आवेदन किया हैं. आवेदन करने के बाद उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है. फिर लोगों को राशि उनके खाते में पहुंचाई जा रही है. खाते में राशि पहुंचने पर छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले लोगों के चहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है.

ETV भारत की पड़ताल\50 फीसदी से भी कम आवेदनों को किया गया स्वीकृत

जहां एक और लोन की राशि मिलने के बाद कुछ लोगों के चेहरे पर खुशी है, तो वहीं दूसरी ओर ज्यादातर लोग ऐसे भी है जिन्हें आवेदन करने के बाद भी अब तक राशि नहीं मिली है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बात की जाए तो यहां प्राप्त आवेदनों के अनुपात में स्वीकृत होने वाले आवेदनों की संख्या आधे से भी कम है. रायपुर नगर निगम राजस्व विभाग की उपायुक्त कृष्णा देवी खटीक के अनुसार स्वनिधि योजना के तहत 22 अक्टूबर तक 8433 प्रकरण आए हैं, जिसमें से 3582 प्रकरणों को बैंक से स्वीकृति प्रदान की गई है. बाकी के प्रकरणों पर भी जल्द स्वीकृति दी जाएगी. योजना को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत रायपुर में 16 हजार 909 लोगों को लोन दिया जाना है.

भाजपा चला रही प्रचार-प्रसार अभियान

प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना के प्रचार प्रसार अभियान का प्रदेश संयोजक सच्चिदानंद उपासने को बनाया गया है. उनके द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कैंप लगाकर स्वनिधि योजना के लिए लोगों से फॉर्म भरवाए जा रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: सियासत में दागियों की बढ़ती संख्या प्रदेश के लिए चिंताजनक, कब खत्म होगा राजनीति और अपराध का गठजोड़ ?

प्रदेश में नहीं हो रहा है सही तरीके से योजना का क्रियान्वयन

रायपुर में स्वनिधि योजना के आधे से ज्यादा मामले अभी भी लंबित है. ऐसे में प्रदेश के अन्य हिस्सों में स्वनिधि योजना की क्या स्थिति होगी , इसे बखूबी समझा जा सकता है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई का खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ सकता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र के बीच चल रहा शीत युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र छत्तीसगढ़ सरकार पर कई योजनाओं को लागू नहीं करने का आरोप लगाता आया है तो वहीं प्रदेश सरकार ने केंद्र पर कई योजनाओं का लाभ नहीं देने का आरोप लगाया है. ताजा मामला प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लेकर है. जिसे लेकर एक बार फिर बीजेपी और प्रदेश की कांग्रेस सरकार में ठन गई है.

पीएम स्वनिधि योजना, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार में एक बार फिर रार

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना पर बीजेपी-कांग्रेस में रार

बीजेपी का आरोप है कि प्रदेश में स्वनिधि योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि इस योजना के लिए बीजेपी की तरफ से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं और स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं. कई आवेदनों को ऑनलाइन जमा भी किया गया है, लेकिन बैंकों ने अब तक लोन देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की हैं.

योजना को ठीक से संचालित करने की मांग

rhetoric between bjp and congress in chhattisgarh regarding pm swanidhi scheme
पीएम स्वनिधि योजना

उपासने ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्या को लेकर वे मुख्य सचिव और राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. इतना ही नहीं यदि जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर इस योजना को सुचारू रूप से संचालित करने की मांग करेंगे.

'राजभवन को पार्टी कार्यालय न समझे बीजेपी'

बीजेपी के आरोपों को कांग्रेस ने निराधार बताया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि बीजेपी प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है और झूठ बोल रही है. तिवारी का कहना है कि स्वनिधि योजना में हितग्राहियों को पैसा न मिलने की कहीं से भी कोई शिकायत नहीं मिली है. उपासने के राजभवन जाने की बात पर विकास तिवारी ने कहा कि बीजेपी राजभवन को अपनी पार्टी का कार्यालय समझने की कोशिश न करें.

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना

कोरोनाकाल में बेरोजगार हुए फेरीवाले और छोटे-छोटे व्यवसाय करने वालों को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत आवेदकों को 10 हजार रुपए बैंक से लोन मिलने का प्रावधान है.

1 जुलाई 2020 को शुरू हुई थी योजना

इस योजना की शुरुआत 1 जुलाई 2020 को की गई. सरकार ने इस योजना के लिए 5000 करोड़ का बजट रखा है. ये योजना स्ट्रीट वेंडर्स की मदद के उद्देश्य से चलाई जा रही है.

10 हजार रुपये का दिया जाता है लोन

स्वनिधि योजना के तहत सरकार के द्वारा 10 हजार रुपये का लोन दिया जाता है. ये लोन सालभर में किस्तों में लौटाया जा सकता है. इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाता है. जो इच्छुक लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें इस योजना के तहत आवेदन करना होता है.

कैसे चुकाना है लोन

स्वनिधि योजना के तहत दिए गए 10 हजार रुपये के लोन को 12 किस्तों में चुकाना होता हैं. इसके लिए 650 रुपये की 12 किस्त निर्धारित की गई है. इस तरह से 10 हजार का लोन लेने के बाद लोगों को सिर्फ 7 हजार 800 रुपये जमा करना पड़ता हैं.

योजना के पात्र लाभार्थी

  • नाई
  • शूमेकर
  • पान की दुकान चलाने वाले
  • सब्जी बेचने वाले
  • कपड़े धोने वाले की दुकान
  • फल बेचने वाले
  • चाय का ठेला लगाने वाले
  • स्ट्रीट फूड विक्रेता

अप्लाई करने की प्रक्रिया

पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने के लिए pmsvanidhi.mohua.org.in या मोबाइल ऐप की मदद से अप्लाई किया जा सकता है. यह लोन देशभर में फैले 3.8 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए भी लिया जा सकता है.

पढ़ें: रायपुर: विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर आज भूपेश कैबिनेट की बैठक, कृषि कानून और धान खरीदी पर होगी चर्चा

लोन मिलने के बाद छलकी चेहरे पर खुशी

स्वनिधि योजना के तहत छत्तीसगढ़ से भी हजारों लोगो ने लोन के लिए आवेदन किया हैं. आवेदन करने के बाद उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है. फिर लोगों को राशि उनके खाते में पहुंचाई जा रही है. खाते में राशि पहुंचने पर छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले लोगों के चहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है.

ETV भारत की पड़ताल\50 फीसदी से भी कम आवेदनों को किया गया स्वीकृत

जहां एक और लोन की राशि मिलने के बाद कुछ लोगों के चेहरे पर खुशी है, तो वहीं दूसरी ओर ज्यादातर लोग ऐसे भी है जिन्हें आवेदन करने के बाद भी अब तक राशि नहीं मिली है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बात की जाए तो यहां प्राप्त आवेदनों के अनुपात में स्वीकृत होने वाले आवेदनों की संख्या आधे से भी कम है. रायपुर नगर निगम राजस्व विभाग की उपायुक्त कृष्णा देवी खटीक के अनुसार स्वनिधि योजना के तहत 22 अक्टूबर तक 8433 प्रकरण आए हैं, जिसमें से 3582 प्रकरणों को बैंक से स्वीकृति प्रदान की गई है. बाकी के प्रकरणों पर भी जल्द स्वीकृति दी जाएगी. योजना को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत रायपुर में 16 हजार 909 लोगों को लोन दिया जाना है.

भाजपा चला रही प्रचार-प्रसार अभियान

प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना के प्रचार प्रसार अभियान का प्रदेश संयोजक सच्चिदानंद उपासने को बनाया गया है. उनके द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कैंप लगाकर स्वनिधि योजना के लिए लोगों से फॉर्म भरवाए जा रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: सियासत में दागियों की बढ़ती संख्या प्रदेश के लिए चिंताजनक, कब खत्म होगा राजनीति और अपराध का गठजोड़ ?

प्रदेश में नहीं हो रहा है सही तरीके से योजना का क्रियान्वयन

रायपुर में स्वनिधि योजना के आधे से ज्यादा मामले अभी भी लंबित है. ऐसे में प्रदेश के अन्य हिस्सों में स्वनिधि योजना की क्या स्थिति होगी , इसे बखूबी समझा जा सकता है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई का खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ सकता है.

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