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जल संरक्षण को लेकर लोगों का गजब जुनून, यहां घर-घर है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

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Published : Jul 12, 2021, 9:31 PM IST

पानी को लेकर समस्या हर साल झेलनी पड़ती है. यह समस्या अब बढ़ती जा रही है जो गर्मियों में विकराल रूप भी लेती है, लेकिन राजधानी रायपुर के साईं वाटिका कॉलोनी (sai vatika colony, raipur) में रहने वाले लोगों ने बहुत अच्छे से अपने जीवन में उतार लिया है. न केवल बारिश के पानी को वाटर हार्वेस्टिंग (water harvesting) से बर्बादी से बचा रहे हैं. बल्कि पानी की खपत को भी लगभग आधा कर दिया है.

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साईं वाटिका कॉलोनी रायपुर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

रायपुर: जल ही जीवन है, जल है तो कल है. ऐसे स्लोगन और कोट्स आए दिन अखबारों, सोशल मीडिया और दीवारों में लिखे हुए नजर आते हैं, लेकिन जल संरक्षण (water conservation in raipur) को लेकर राजधानी रायपुर के साईं वाटिका कॉलोनी (sai vatika colony, raipur) में रहने वाले लोगों ने बहुत अच्छे से अपने जीवन में उतार लिया है. तभी वह न केवल बारिश के पानी को वाटर हार्वेस्टिंग (water harvesting) से बर्बादी से बचा रहे हैं. बल्कि अपने पानी संबंधित जरूरतों को सीमित कर और उसका विवेक पूर्वक उपयोग कर पानी की खपत को लगभग आधा कर दिया है. लोगों की यह पहल पानी बचाने की दिशा में दूसरों के लिए एक मिसाल है.

जल संरक्षण को लेकर लोगों का गजब जुनून

ऐसे हुई शुरुआत

साईं वाटिका कॉलोनी के रहने वाले लोगों ने बताया शुरुआत में कॉलोनी का मेंटेनेंस कॉलोनाइजर की ओर से किया जाता था. उस दौरान गर्मी के दिनों में जलसंकट के समय पानी टैंकर से सप्लाई होता था. जब कॉलोनी डिवेलपर ने निवासी को मैनेजमेंट सौंपा. उसके बाद 2007 में कॉलोनी के लोगों ने साईं वाटिका कॉलोनी रेसीडेंसी एसोसिएशन का गठन किया गया. उसके बाद सभी ने मिलकर कॉलोनी के घरों से बारिश के पानी को एकत्रित करने की योजना बनाई. इसके लिए कॉलोनी में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है.

जल संरक्षण को लेकर लोगों का गजब जुनून

धमतरी का ये वार्ड पार्षद 10 सालों से कर रहा जल संरक्षण, खुद करते हैं नलों की मरम्मत

दिन में एक बार ही पानी देने की हुई शुरुआत

रहवासियों ने बताया कि, पानी को बचाने के लिए सभी लोगों ने निर्णय लिया कि सभी 1 दिन में 1 हजार लीटर पानी में अपनी दिनचर्या चलाएंगे. सभी के घर में दिन में एक बार कम्युनिटी बोर से पानी की सप्लाई की जाती है. आज भी जल की समस्या दूर होने के बाद भी यहां के निवासियों ने अपने जीवन में पानी के महत्व को समझते हुए कम पानी में अपने जीवन यापन करना सीख लिया है.

3 से 4 लाख रुपए की बचत

कॉलोनी के पूर्व अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि शुरुआत में गर्मियों के समय बाहर से टैंकर बुलाना पड़ता था. ऐसे में गर्मी के समय 3 से 4 लाख रुपए पानी टैंकर का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगने के बाद अब यहां टैंकर नहीं बुलाना पड़ता है. वहीं कॉलोनीवासियों पर आने वाला आर्थिक बोझ भी कम हुआ है. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बोर भी रिचार्ज हो गए हैं. वहीं जमीन का जल स्तर भी बढ़ गया है.

अंबिकापुर: पानी को बचाने के लिए नगर निगम की नेक पहल, आप भी सहयोग करें

हर रोज 1000 लीटर पानी से करते हैं अपना गुजारा

साईं वाटिका कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि पानी की समस्या को देखते हुए सभी ने संगठित रूप से इस पर कार्य किया. सभी ने अपनी आदतों और अपनी दिनचर्या में पानी की बचत करने की शुरुआत की. परिणाम यह रहा है कि अब यहां पानी की कोई किल्लत नहीं है. कॉलोनी वासियों ने बताया कि आज भी वे अपने इस आदत में कोई बदलाव नहीं किए हैं. 1000 लीटर पानी में ही सभी अपने पूरे दिन का गुजारा कर लेते हैं.

पानी का करते हैं रियूज

कॉलोनी में रहने वाली गृहणियों ने बताया कि वे अपने घरों में पानी के इस्तेमाल बड़ी सावधानी से करती हैं. पानी का रियूज किया जाता है. किचन में सब्जी-भाजी धोने के दौरान उस पानी को गार्डन में डाला जाता है. वहीं बर्तन धोने के लिए कम से कम पानी का इस्तेमाल किया जाता है.

महात्मा गांधी के घर में भी लगा था वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम : सीएम भूपेश

वाटर हार्वेस्टिंग का दिखा परिणाम

साईं वाटिका कॉलोनी के रहवासियों ने पानी के इस्तेमाल को लेकर अपनी आदतों को बदला है. वहीं यहां लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के चलते ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ते हुए भी देखा है. कॉलोनी वासियों ने लोगों से अपील भी की है कि अगर आपके घर में पक्की छत है तो आप रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूर लगाएं. जल का संरक्षण जरूर करें.

आंकड़ों में पानी का बचत

  • साईं वाटिका में लगभग 150 मकानों में पानी बचाने के लिए यह मुहिम चल रही है.
  • 150 मकान के हिसाब से 1 दिन में 15, 00000 लीटर पानी की बचत की जा रही है.
  • साल भर की अगर बात की जाए तो 5, 47, 50000 लीटर पानी बचाया जा रहा है.
  • 15 सालों में 82,12, 50000 लीटर पानी की बचत की गई.
  • पिछले 15 सालों में 8,21, 250 घन मीटर पानी की बचत रहवासियों ने की है.

रायपुर: जल ही जीवन है, जल है तो कल है. ऐसे स्लोगन और कोट्स आए दिन अखबारों, सोशल मीडिया और दीवारों में लिखे हुए नजर आते हैं, लेकिन जल संरक्षण (water conservation in raipur) को लेकर राजधानी रायपुर के साईं वाटिका कॉलोनी (sai vatika colony, raipur) में रहने वाले लोगों ने बहुत अच्छे से अपने जीवन में उतार लिया है. तभी वह न केवल बारिश के पानी को वाटर हार्वेस्टिंग (water harvesting) से बर्बादी से बचा रहे हैं. बल्कि अपने पानी संबंधित जरूरतों को सीमित कर और उसका विवेक पूर्वक उपयोग कर पानी की खपत को लगभग आधा कर दिया है. लोगों की यह पहल पानी बचाने की दिशा में दूसरों के लिए एक मिसाल है.

जल संरक्षण को लेकर लोगों का गजब जुनून

ऐसे हुई शुरुआत

साईं वाटिका कॉलोनी के रहने वाले लोगों ने बताया शुरुआत में कॉलोनी का मेंटेनेंस कॉलोनाइजर की ओर से किया जाता था. उस दौरान गर्मी के दिनों में जलसंकट के समय पानी टैंकर से सप्लाई होता था. जब कॉलोनी डिवेलपर ने निवासी को मैनेजमेंट सौंपा. उसके बाद 2007 में कॉलोनी के लोगों ने साईं वाटिका कॉलोनी रेसीडेंसी एसोसिएशन का गठन किया गया. उसके बाद सभी ने मिलकर कॉलोनी के घरों से बारिश के पानी को एकत्रित करने की योजना बनाई. इसके लिए कॉलोनी में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है.

जल संरक्षण को लेकर लोगों का गजब जुनून

धमतरी का ये वार्ड पार्षद 10 सालों से कर रहा जल संरक्षण, खुद करते हैं नलों की मरम्मत

दिन में एक बार ही पानी देने की हुई शुरुआत

रहवासियों ने बताया कि, पानी को बचाने के लिए सभी लोगों ने निर्णय लिया कि सभी 1 दिन में 1 हजार लीटर पानी में अपनी दिनचर्या चलाएंगे. सभी के घर में दिन में एक बार कम्युनिटी बोर से पानी की सप्लाई की जाती है. आज भी जल की समस्या दूर होने के बाद भी यहां के निवासियों ने अपने जीवन में पानी के महत्व को समझते हुए कम पानी में अपने जीवन यापन करना सीख लिया है.

3 से 4 लाख रुपए की बचत

कॉलोनी के पूर्व अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि शुरुआत में गर्मियों के समय बाहर से टैंकर बुलाना पड़ता था. ऐसे में गर्मी के समय 3 से 4 लाख रुपए पानी टैंकर का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगने के बाद अब यहां टैंकर नहीं बुलाना पड़ता है. वहीं कॉलोनीवासियों पर आने वाला आर्थिक बोझ भी कम हुआ है. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बोर भी रिचार्ज हो गए हैं. वहीं जमीन का जल स्तर भी बढ़ गया है.

अंबिकापुर: पानी को बचाने के लिए नगर निगम की नेक पहल, आप भी सहयोग करें

हर रोज 1000 लीटर पानी से करते हैं अपना गुजारा

साईं वाटिका कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि पानी की समस्या को देखते हुए सभी ने संगठित रूप से इस पर कार्य किया. सभी ने अपनी आदतों और अपनी दिनचर्या में पानी की बचत करने की शुरुआत की. परिणाम यह रहा है कि अब यहां पानी की कोई किल्लत नहीं है. कॉलोनी वासियों ने बताया कि आज भी वे अपने इस आदत में कोई बदलाव नहीं किए हैं. 1000 लीटर पानी में ही सभी अपने पूरे दिन का गुजारा कर लेते हैं.

पानी का करते हैं रियूज

कॉलोनी में रहने वाली गृहणियों ने बताया कि वे अपने घरों में पानी के इस्तेमाल बड़ी सावधानी से करती हैं. पानी का रियूज किया जाता है. किचन में सब्जी-भाजी धोने के दौरान उस पानी को गार्डन में डाला जाता है. वहीं बर्तन धोने के लिए कम से कम पानी का इस्तेमाल किया जाता है.

महात्मा गांधी के घर में भी लगा था वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम : सीएम भूपेश

वाटर हार्वेस्टिंग का दिखा परिणाम

साईं वाटिका कॉलोनी के रहवासियों ने पानी के इस्तेमाल को लेकर अपनी आदतों को बदला है. वहीं यहां लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के चलते ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ते हुए भी देखा है. कॉलोनी वासियों ने लोगों से अपील भी की है कि अगर आपके घर में पक्की छत है तो आप रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूर लगाएं. जल का संरक्षण जरूर करें.

आंकड़ों में पानी का बचत

  • साईं वाटिका में लगभग 150 मकानों में पानी बचाने के लिए यह मुहिम चल रही है.
  • 150 मकान के हिसाब से 1 दिन में 15, 00000 लीटर पानी की बचत की जा रही है.
  • साल भर की अगर बात की जाए तो 5, 47, 50000 लीटर पानी बचाया जा रहा है.
  • 15 सालों में 82,12, 50000 लीटर पानी की बचत की गई.
  • पिछले 15 सालों में 8,21, 250 घन मीटर पानी की बचत रहवासियों ने की है.
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