रायपुर/ हैदराबाद : भारत के नागरिकों को उनके अधिकार दिलवाने और देश को स्वतंत्र, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के उद्देश्य से 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया. जिसकी खुशी में हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं. इस दिन अपने वीर सपूतों और महान स्वतंत्रता सेनानियों को भी पूरा देश नमन करता है.
आजादी के पहले नारों ने बदली तस्वीर : आजादी से पहले देश में कई ऐसे नेता और स्वतंत्रता सेनानी हुए.जिनके नारों में भारतावसियों के मन के अंदर आजादी की अलख जगाई. ऐसे महान पुरुषों के कहे गए वाक्य सिर्फ शब्द ना होकर एक बहुत बड़े वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बनें. आज हम गणतंत्र दिवस के अवसर पर याद किए जाने वाले ऐसे ही नारों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.आजादी से पहले देश में कई ऐसे नेता और स्वतंत्रता सेनानी हुए.जिनके नारों में भारतावसियों के मन के अंदर आजादी की अलख जगाई.
ऐसे महान पुरुषों के कहे गए वाक्य सिर्फ शब्द ना होकर एक बहुत बड़े वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बनें. आज हम गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐसे ही कुछ नारों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.जिनसे देशभक्ति का एहसास होता है.
गणतंत्र दिवस जब आता है, विश्व को भारत अपनी शक्ति दिखाता है.
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा है, हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है.
न तेरा देश है और न ही मेरा देश है। यह भूमि भारत है और हम सभी का देश है.
इस दिन के लिए वीरों ने अपना खून बहाया है. झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है.
भारत माता तेरी गाथा, सबसे ऊंची है तेरी शान, तेरे आगे शीश झुकाए और दे तुझको हम सब सम्मान.
देशभक्ति की आओ मिलकर अलख जगाए, और अब हम सब मिलकर रिपब्लिक डे मनाएं.
अपनी जमीन अपना वतन, आवाज दो हम एक है.
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा, हम बुलबुले है, इसकी यह गुलिस्तां हमारा.
हमें जान से भी ज्यादा यह गणतन्त्र हमारा है, याद रखेंगे उन शहीदों को जो बलिदान तुम्हारा हैं.
आओ चलो हम फिर से खुद को जगाते है, देश के शहीदों के आगे अपना सिर झुकाते हैं.
धरती हरी भरी हो तो आकाश मुस्कुराए, ऐसा कुछ करके दिखाओ कि इतिहास जगमगाए
यह है बलिदानों की धरती, हर कोई करता है इसे सलाम. यहां है बहती प्रेम की गंगा और हर दिल में बसता है भगवान.
सबके अधिकारों का रक्षक अपना ये गणतंत्र पर्व है, लोकतंत्र ही मंत्र हमारा हम सबको इस पर्व पर गर्व है.
आओ चलो सब मिलकर भारत को अखण्ड बनाए, जिसमे सभी को अधिकार दिलाएं, हमको मिला है एक संविधान, जिसमे है हमारा सुखी विधान.
बस इतना ही कहना काफी नहीं कि भारत हमारा मान है, अपना फर्ज निभाओ जिससे देश कहे हम उसकी शान है.
आओ सब मिलकर एक हो जाए ,खुशी से राष्ट्रीयता का ये पर्व मनाएं.
ये भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस पर कैसे तैयार करें स्पीच
कब बना था हमारा संविधान : देश से जातिगत भेदभाव, असामनता और अशिक्षा को दूर करने के लिए करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन के कठोर प्रयास के बाद हमारे देश के सबसे बड़े संविधान को 26 जनवरी 1950 लागू किया गया.वहीं हमारी देश का सम्पूर्ण रुप से विकास हो सके इसलिए हर नागिरक को बराबर के अधिकार दिए गए, महिला और पुरुष दोनों को ही समान रुप से अधिकार दिए गए. सभी को शिक्षा, धर्म, बोलने की आजादी समेत अपने राजनेता को चुनने का अधिकार दिया गया. इसके साथ ही महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाए गए और जातिगत भेदभाव जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म किया गया.