रायपुर: छत्तीसगढ़ में मरवाही उप चुनाव से पहले जोगी परिवार की जाति को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है. इस बार जाति के मामले में उनकी परिवार की बहू और अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी फंसती नजर आ रही हैं. इस मामले को लेकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी सक्रिय होती दिख रही है. कांग्रेस के आदिवासी विधायक बुधवार को इस मामले में शिकायत करने राजभवन पहुंचे थे. वहीं आज विधायक रेणु जोगी राजभवन पहुंची और राज्यपाल से मुलाकात की हैं.
विधायक रेणु जोगी ने बताया कि उन्होंने इसके लिए राज्यपाल से समय मांगा था. जिसके बाद वो गुरुवार को राज्यपाल से मिलने पहुंची थीं. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'मरवाही में जो उपचुनाव है उसमें नए-नए नियम बनाए जा रहे हैं. मुझे आशंका है कि जोगी परिवार के किसी भी सदस्य को चुनाव लड़ने भी दिया जाएगा या नहीं. जैसे मेरे बहू की आज प्रमाण पत्र की विस्तार से जांच हो रही होगी या हो गई होगी कलेक्टर मुंगेली के द्वारा जो उन्हीं के अधीनस्थ एसडीएम विभागीय अधिकारी ने उन्हें स्थाई प्रमाण पत्र जनजाति का दिया था. उसके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.'
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रेणु जोगी ने कहा, 'नारी शक्ति का सम्मान छत्तीसगढ़ के प्रदेश की सरकार को करना चाहिए. लोकतंत्र की हत्या नहीं होने चाहिए. विशेषकर नारी शक्ति का सवाल हो तो उस पर संदेह नहीं करना चाहिए. मैं तो यह सोचती थी कि जोगी जी ने 32 वर्ष कांग्रेस के लिए रात दिन एक किये हैं. सरकारी नौकरी छोड़कर राजीव जी के आग्रह पर कांग्रेस पार्टी में आए थे.'
रेणु जोगी ने कांग्रेस से अपील करते हुए कहा कि, 'जैसे उत्तर प्रदेश में सम्मान स्वरूप सोनिया जी और राहुल जी की सीट पर समाजवादी पार्टी और बसपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारते हैं. कांग्रेस को भी चाहिए मरवाही में अमित जोगी के बारे में इसपर सोचें. मुझे शुरू में तो अपेक्षा थी कि सरकार शुरू में जो अच्छे शब्द श्रद्धांजलि सभा और विधान सभा में कही है. इतना सम्मान वह पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सदस्य होने का करती होगी, लेकिन यहां तो उल्टा हमारे जो मूल अधिकार हैं, हमें उससे ही वंचित करने की कोशिश की जा रही है.'