रायपुर : छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ एक बार फिर नियमितिकरण को लेकर विरोध कर रहा है. संविदाकर्मी सरकार को वादा याद दिला रहे हैं. जिसके विरोध में 15 मई से प्रत्येक जिले में प्रति दिवस 'संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा, अब नहीं तो कब' के थीम पर आयोजित की जाएगी. सरकार एक तरफ जहां अपने घोषणा पत्र के अधिकतम वादे को पूरा करने की बात कर रही है. वहीं संविदाकर्मी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है. 21 जून के बाद सभी संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे.
सीएम भूपेश पर वादाखिलाफी का आरोप : छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि "वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र बनाकर सभी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था. कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 फरवरी 2019 को कर्मचारियों के मंच पर आकर घोषणा की थी.जिसमें उन्होंने कहा था कि ये वर्ष किसानों का है. अगला वर्ष कर्मचारियों का होगा. लेकिन अब तक कर्मचारियों की सुध नहीं ली गई. यह सभी संविदा कर्मचारियों के लिए बहुत ही चिंताजनक बात है कि ये वादा पूरा नहीं किया गया है."
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कैसे होगा विरोध : इस विरोध प्रदर्शन के तहत 15 मई से 21 जून तक 33 जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा. प्रत्येक जिला में निर्धारित तिथि में जिला स्तर के धरनास्थल पर छुट्टी लेकर संविदा कर्मचारी तैनात रहेंगे. धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे.इसके साथ ही जिला स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी पीड़ा और समस्या को बताएंगे. साथ ही साथ स्थानीय विधायकों से मुलाकात सरकार को वादा याद दिलाएंगे