रायपुर: छत्तीसगढ़ स्टेट डेंटल काउंसिल ने निजी अस्पतालों के डेंटल डॉ. मनीष कुमार और डॉ. रवि कुमार गोयल का पंजीयन 1 साल के लिए निलंबित कर दिया है. 2 साल पहले छत्तीसगढ़ के दो डॉक्टरों का मामला सामने आया था. इसमें डॉक्टरों द्वारा सामान्य बच्चों के दांतों में तार लगाकर स्मार्ट कार्ड से 10-10 हजार निकाल लेने की बात कही गई थी. जिसमें अब कार्रवाई करते हुए दोनों डॉक्टरों का पंजीयन 1 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.
ये है पूरा मामला
रायपुर के आसपास के दर्जन भर गांवों के 1 हजार 400 से ज्यादा बच्चों के दांतों में तार लगाया गया है. शुरुआती पड़ताल में सामने आया कि इन सभी बच्चों के दांत में तार लगाने के लिए स्मार्ट कार्ड से रकम निकाली गई है. जिसके बाद मामला मीडिया में आया और स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए. स्वास्थ्य संचालक ने इसकी जांच के लिए समिति बनाई थी. जांच रिपोर्ट में दोनों डॉक्टरों को दोषी पाया गया था. डॉक्टरों ने ऐसे ही कई इलाज कर स्मार्ट कार्ड से 1 करोड़ 40 लाख की रकम निकाल ली थी. इसके बाद मामला स्टेट डेंटल काउंसिल के सामने आया. विचार विमर्श के बाद काउंसिल ने दोनों डॉक्टरों को 1 साल के लिए निलंबित कर दिया है.
रकम दोगुना करने के नाम पर ग्रामीणों से 28 लाख रुपये की ठगी
टेढ़े मेढ़े दांत बताकर इलाज के लिए निकाले जाते थे पैसे
डॉक्टर रायपुर के आसपास के गांवों के स्कूलों में शिविर लगाते थे. बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े कहकर बच्चो और उनके माता-पिता को डराया जाता था. इसके बाद अस्पताल बुलाकर कैशलेस इलाज के नाम पर स्मार्ट कार्ड से 10 हजार रुपये निकाल लिए जाते थे. इनमें ज्यादातर बच्चे ऐसे थे जिनको इस तरह के इलाज की कोई जरूरत ही नहीं थी.