बिलासपुर: बिलासपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा का मामला बढ़ता ही जा रहा है. बिलासपुर में सरकारी जमीन रिक्शा चालक के नाम कब्जा होने के बाद अब चिरमिरी के एक मजदूर के नाम जमीन दर्ज कराने का खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में जुटी है.
दरअसल सरकंडा क्षेत्र के एक बिल्डर ने कूट रचित दस्तावेज के सहारे जमीन को मजदूर के नाम चढ़ा कर उसे ले लिया और जमीन को बेच दिया. पुलिस ने इस मामले में मजदूर को गिरफ्तार कर लिया है. बिल्डर और उसके सहयोगी फरार बताया जा रहा है. कूट रचित दस्तावेज बनाने वाले पहले से ही जेल में बंद बताया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: बिलासपुर में श्रद्धा मर्डर जैसी वारदात, युवती का मर्डर कर लाश को कार में रखा
पुलिस के अनुसार सरकंडा, तोरवा क्षेत्र की सरकारी जमीन में हेरफेर की शिकायत मिली थी, जिसमें प्रशासन ने जांच के बाद सरकंडा थाने में शिकायत की थी. तब जांच में मामला का खुलासा हुआ था कि चिल्हाटी, मोपका क्षेत्र के खसरा नंबर 1859/1 के आलावा 3 एकड़ जमीन और उर्तुम, देवरीखुर्द, तोरवा धान मंडी की शासकीय जमीन का मालिक चिरमिरी के मजदूर अमलदास विश्वकर्मा पिता स्वर्गीय मानसिंह विश्वकर्मा के नाम है. पुलिस ने चिरमिरी में दबिश देकर अमलदास को पकड़ लिया.
सरकंडा पुलिस के अनुसार अमलदास चिरमिरी के खदान में मजदूरी का काम करता है. उसके बाद उसे वहां से नौकरी से निकाल दिया गया था. उसकी राजकिशोर नगर के एक बिल्डर से चिरमिरी में मुलाकात हुई थी. अमलदास ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था. उसे केवल अपना नाम लिखना आता था. सुरेश ने उसे ज्यादा रकम देने का लालच देकर शहर में ले आया और अपने सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी कूट रचित दस्तावेज से जमीन को अमलदास के नाम करा दिया.