ETV Bharat / state

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 2022: इसलिए की गई थी इस दिन की शुरुआत - अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 2022

सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करने को और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस (International Plastic Bag Free Day 2022)मनाया जाता है. ये हर साल 3 जुलाई को मनाया जाता है.

International Plastic Bag Free Day
अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस
author img

By

Published : Jul 3, 2022, 1:16 PM IST

रायपुर: प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने को हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है. मौजूदा समय में दुनिया भर में प्लास्टिक का उपयोग काफी बढ़ गया है. ऐसे में ये दिन काफी महत्व रखता है, क्योंकि प्लास्टिक प्राकृतिक पर्यावरण के लिए खतरा है. इतना ही नहीं ये आने वाली पीढ़ी को भी खतरे में डाल सकता (International Plastic Bag Free Day 2022) है.

इसलिए की गई थी इस दिन की शुरुआत: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 3 जुलाई को पूरे विश्व में मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य देशों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने को प्रोत्साहित करना है. सिंगल यूज प्लास्टिक ऐसे प्लास्टिक उत्पाद हैं, जिन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और इन्हें रिसाइकल भी नहीं किया जा सकता है. हालांकि, भारत ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम में प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, कॉफी स्टिरर, सोडा और पानी की बोतलें और ज्यादातर फूड पैकेजिंग शामिल हैं.

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का महत्व: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करना है. सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें हमारे जलाशयों को दूषित करती हैं. प्लास्टिक नदियों और समुद्री जीवों के लिए बहुत बड़ा खतरा है. प्लास्टिक को खाने से कई जलीय जंतु मारे जाते हैं.

यह भी पढ़ें: National doctor day 2022: कुछ यूं हुआ आजादी के बाद छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का इतिहास: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस बैग मुक्त विश्व की एक पहल है. ग्रेट प्लास्टिक पैच की खोज 1997 में समुद्र में की गई थी. इसके बाद दुनिया भर के लोगों ने रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक के उपयोग के दुष्प्रभावों पर चर्चा करना शुरू कर दिया. 2002 में, बांग्लादेश प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना. देश ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन तब लगाया जब इस बात पर प्रकाश डाला गया कि प्लास्टिक तूफानी नालों को बंद कर देता है जिससे बाढ़ की स्थिति और खराब हो जाती है. प्लास्टिक कचरे के ढेर को देश में जलभराव का एक कारण बताया गया.

रायपुर: प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने को हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है. मौजूदा समय में दुनिया भर में प्लास्टिक का उपयोग काफी बढ़ गया है. ऐसे में ये दिन काफी महत्व रखता है, क्योंकि प्लास्टिक प्राकृतिक पर्यावरण के लिए खतरा है. इतना ही नहीं ये आने वाली पीढ़ी को भी खतरे में डाल सकता (International Plastic Bag Free Day 2022) है.

इसलिए की गई थी इस दिन की शुरुआत: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 3 जुलाई को पूरे विश्व में मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य देशों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने को प्रोत्साहित करना है. सिंगल यूज प्लास्टिक ऐसे प्लास्टिक उत्पाद हैं, जिन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और इन्हें रिसाइकल भी नहीं किया जा सकता है. हालांकि, भारत ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम में प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, कॉफी स्टिरर, सोडा और पानी की बोतलें और ज्यादातर फूड पैकेजिंग शामिल हैं.

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का महत्व: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करना है. सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें हमारे जलाशयों को दूषित करती हैं. प्लास्टिक नदियों और समुद्री जीवों के लिए बहुत बड़ा खतरा है. प्लास्टिक को खाने से कई जलीय जंतु मारे जाते हैं.

यह भी पढ़ें: National doctor day 2022: कुछ यूं हुआ आजादी के बाद छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का इतिहास: अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस बैग मुक्त विश्व की एक पहल है. ग्रेट प्लास्टिक पैच की खोज 1997 में समुद्र में की गई थी. इसके बाद दुनिया भर के लोगों ने रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक के उपयोग के दुष्प्रभावों पर चर्चा करना शुरू कर दिया. 2002 में, बांग्लादेश प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना. देश ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन तब लगाया जब इस बात पर प्रकाश डाला गया कि प्लास्टिक तूफानी नालों को बंद कर देता है जिससे बाढ़ की स्थिति और खराब हो जाती है. प्लास्टिक कचरे के ढेर को देश में जलभराव का एक कारण बताया गया.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.