वहीं 22 लाख सरकारी नौकरियों में ग्राम पंचायत में 10 लाख नौकरियां और अलग किसान बजट का एलान किया है. 3 साल तक युवाओं को कारोबार करने के लिए किसी से भी अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यहां तक कि मनरेगा में 100 दिन के बजाय 150 दिनों का रोजगार देने का भी वादा किया है. इसके साथ ही जीडीपी का 6% हिस्सा शिक्षा पर खर्च होगा.
इस घोषणा पत्र को लेकर लोगों ने अलग अलग राय दी. कुछ लोगों ने इस घोषणापत्र का स्वागत किया और कुछ लोगों का कहना है की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों का कर्जा माफ किया जो खरी नहीं उतरी. साथ ही बिना काम के 72 हजार रुपए सालाना बेरोजगारों को दिया जाएगा. ऐसे में लोगों का कहना है कि, बिना काम के लोगों को पैसा मिलेगा तो लोग काम क्यों करेंगे.