रायपुर: राजधानी रायपुर में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का 26वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ. रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य अतिथियों ने स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट बांटा. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप जलाकार की. कार्यक्रम में प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर वाईएस राजन मुख्य प्रवक्ता के रूप में मौजूद रहे. जिन्होंने अपने भाषण से सभी विद्यार्थियों को सफलता की नई राह दिखाई.
132 विद्यार्थियों को मिला स्वर्ण पदक: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि "पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 3 साल बाद हुआ. जहां 132 स्वर्ण पदक और 294 सर्टिफिकेट का वितरण किया गया. दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल मौजूद थे. वहीं पद्मश्री राजन साहब, जो एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम कर चुके हैंं. उनकी भी उपस्थिति रही. उनके अनुभव का लाभ यहां के छात्र छात्राओं ने लिया."
"पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय राज्य का सबसे पुराना और सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है. छह दशकों से विश्वविद्यालय ने गौरवपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है. शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है." - भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छ्त्तीसगढ़
"झीरम के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला": माम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम मामले पर कहा कि "झीरम घाटी हमले में अभी तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है. इस बात का अफसोस हमें हैं, बहुत दुख है. यह हमारे लिए भावनात्मक मामला है. न्याय पीड़ित परिवारों को मिलना चाहिए, न्याय दिवंगत आत्माओं को मिलना चाहिए, जो अभी तक नहीं हो पाया है. इस बात का दुख हमें जरूर है.
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"बजरंगबली अलग हैं और बजरंगदल अलग": बजरंग दल को छत्तीसगढ़ में बैन करने को लेकर सीएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "बजरंगबली अलग हैं और बजरंगदल अलग हैं. ये विहिप के संगठन हैं. जिस स्थान पर बजरंग दल को बैन करने की आवश्यकता है, वहां किया जा रहा है. यदि छत्तीसगढ़ में जरूरत होगी, तो किया जाएगा. लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं है, विपक्ष जानबूझकर हमें उकसाने वाला बयान दे रहा है."
"संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए": केंद्रीय मंत्री हरपाल सिंह के इंदिरा, राजीव द्वारा संसद के भाग के लोकार्पण वाले बयान पर सीएम बघेल ने प्रतिक्रिया दी. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "संसद भवन और राष्ट्रपति भवन तो ब्रिटिश कार्यकाल के दौरान बना था. तो उसका उद्घाटन इंदिरा जी कैसे करेंगी. संसद के एक पोर्शन का भले कोई उद्घटन कर सकते हैं. लेकिन समूचे संसद की बात करें, तो यह दूसरी बार बन रही है. इसलिए इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए, ऐसी मांग थी."
इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और विद्याथियों के परिजन भी शामिल हुए. कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, कुलपति प्रो सच्चिदानंद शुक्ला, विधायक विकास उपाध्याय समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.