रायपुर: राज्य सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 56 लाख 56 हजार राशनकार्ड धारी परिवारों को शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से निःशुल्क नमक दिया जा रहा है. लॉकडाउन के मद्देनजर खाद्य पदार्थ, आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति के लिए बाजार मूल्यों के दामों की मॉनिटरिंग की जा रही है. साथ ही सेल के माध्यम से निगरानी भी की जा रही है. खाद्य विभाग ने लोगों से यह स्पष्ट किया है कि प्रदेश में नमक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. इस संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें.
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खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'राज्य में नमक और खाद्य पदार्थ बाजारों में सुनिश्चित किए गए दर पर उपलब्ध है. राज्य के बाजारों में हर महीने लगभग 8 से 10 हजार टन नमक की आवक होती है. लॉकडाउन के दौरान भी खुले बाजार में नमक की आवक निरंतर हो रही है. वहीं इसकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ाई से कार्रवाई भी की जा रही है'.
राज्य शासन के नापतौल विभाग की ओर से 11 मई को राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और अम्बिकापुर जिले की 276 संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया.
नमक बेचने वाले दो संस्थानों के खिलाफ मामला दर्ज
नापतौल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'दुर्ग के दो संस्थानों में नमक के पैकेट में छपे मूल्य की अधिक कीमत से अधिक पर नमक बेचने वाले दो संस्थानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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नमक की हुई कमी
बता दें, गुंडरदेही और आसपास के क्षेत्रों में अचानक नमक की कमी हो गई है. इसकी अफवाह नगर पंचायत से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची, जिसके बाद 10 रुपए प्रति किलो बिकने वाला नमक 40 रुपए में बेचा जाने लगा. यहां नमक की कालाबाजारी की आशंका के कारण नायब तहसीलदार किराना दुकानों की जांच कर रहे हैं.