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रायपुर में नहीं निकलेगी रथयात्रा, मंदिर परिसर में ही निभाई जाएगी रस्म

रायपुर में पिछले साल की तरह इस बार भी रथयात्रा (rath yatra 2021) में भगवान जगन्नाथ का रथ नगर भ्रमण के लिए नहीं निकलेगा. कोविड गाइडलाइन (covid guideline for rath yatra) के तहत मंदिर परिसर में ही भगवान की विधि विधान से पूजा कर रथयात्रा का पर्व मनाया जाएगा. इस दौरान भक्तों को नियमों को तहत मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी.

Jagannath Temple Raipur
जगन्नाथ मंदिर रायपुर
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Published : Jul 6, 2021, 10:31 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 11:07 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर में पिछले साल की तरह इस बार भी रथयात्रा (rath yatra 2021) के दौरान भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) का रथ नगर भ्रमण के लिए नहीं निकाला जाएगा. कोविड गाइडलाइन (covid guideline for rath yatra) के तहत मंदिर परिसर में ही भगवान की विधि विधान से पूजा कर रथयात्रा का पर्व मनाया जाएगा.

नहीं निकलेगी रथयात्रा

कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) का प्रभाव कम होने के बाद भी इस बार रथयात्रा का उत्सव फीका रहेगा. 12 जुलाई को जगन्नाथ मंदिर में यह पर्व सादगी से मनाने का फैसला लिया गया है. इसलिए पिछले बार की तरह भगवान जगन्नाथ का रथ नगर भ्रमण के लिए नहीं निकलेगा. इस बार भी मंदिर में ही भगवान की पूजा-अर्चना की जाएगी. इसके लिए अवंती विहार स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) में तैयारियां भी शुरू कर दी गई है.

भक्तों को मंदिर में मिलेगा प्रवेश

जगन्नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया कि रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ, बड़े भैया बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होंगे. लेकिन रथ शहर भ्रमण के लिए नहीं निकलेगा. सभी तरह के अनुष्ठान और पूजा अर्चना मंदिर परिसर में ही होंगे. परिसर में ही सारी रस्में निभाई जाएंगी. रथ यात्रा उत्सव के दिन जगन्नाथ मंदिर में भक्तों को कोरोना गाइडलाइन के तहत परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए मंदिर समिति की ओर से अलग से व्यवस्था की जा रही है.

बस्तर में गोंचा महापर्व की तैयारियां शुरू, CM भूपेश बघेल को भी मिला आमंत्रण

भगवान का चल रहा इलाज

परंपराओं के मुताबिक स्नान यात्रा के बाद से भगवान जगन्नाथ ज्वर (बुखार) से पीड़ित हो गए हैं. जिसके बाद 15 दिनों के लिए मंदिर का पट बंद कर दिया गया है. अब भगवान 15 दिनों तक आराम कर रहे हैं. उनका इलाज भी किया जा रहा है. भगवान की पूजा-अर्चना अभी बंद है. रोज की तरह उन्हें भोग भी नहीं लगाया जा रहा है. उन्हें भोग की जगह काढ़ा पिलाया जा रहा है और जड़ी बूटी दी जा रही है.

11 जुलाई को दर्शन देंगे महाप्रभु

मान्यताओं के मुताबिक 11 जुलाई यानी रथ यात्रा के एक दिन पहले मंदिर में नेत्रोत्सव (नयन उत्सव) मनाया जाएगा. इस दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा 15 दिन बाद भक्तों को नवयौवन रूप में दर्शन देंगे. परंपरा के मुताबिक इस दिन मंदिर का ध्वज बदला जाएगा. इसके अलगे दिन रथयात्रा का उत्सव मनाया जाएगा.

रायपुर: राजधानी रायपुर में पिछले साल की तरह इस बार भी रथयात्रा (rath yatra 2021) के दौरान भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) का रथ नगर भ्रमण के लिए नहीं निकाला जाएगा. कोविड गाइडलाइन (covid guideline for rath yatra) के तहत मंदिर परिसर में ही भगवान की विधि विधान से पूजा कर रथयात्रा का पर्व मनाया जाएगा.

नहीं निकलेगी रथयात्रा

कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) का प्रभाव कम होने के बाद भी इस बार रथयात्रा का उत्सव फीका रहेगा. 12 जुलाई को जगन्नाथ मंदिर में यह पर्व सादगी से मनाने का फैसला लिया गया है. इसलिए पिछले बार की तरह भगवान जगन्नाथ का रथ नगर भ्रमण के लिए नहीं निकलेगा. इस बार भी मंदिर में ही भगवान की पूजा-अर्चना की जाएगी. इसके लिए अवंती विहार स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) में तैयारियां भी शुरू कर दी गई है.

भक्तों को मंदिर में मिलेगा प्रवेश

जगन्नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया कि रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ, बड़े भैया बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होंगे. लेकिन रथ शहर भ्रमण के लिए नहीं निकलेगा. सभी तरह के अनुष्ठान और पूजा अर्चना मंदिर परिसर में ही होंगे. परिसर में ही सारी रस्में निभाई जाएंगी. रथ यात्रा उत्सव के दिन जगन्नाथ मंदिर में भक्तों को कोरोना गाइडलाइन के तहत परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए मंदिर समिति की ओर से अलग से व्यवस्था की जा रही है.

बस्तर में गोंचा महापर्व की तैयारियां शुरू, CM भूपेश बघेल को भी मिला आमंत्रण

भगवान का चल रहा इलाज

परंपराओं के मुताबिक स्नान यात्रा के बाद से भगवान जगन्नाथ ज्वर (बुखार) से पीड़ित हो गए हैं. जिसके बाद 15 दिनों के लिए मंदिर का पट बंद कर दिया गया है. अब भगवान 15 दिनों तक आराम कर रहे हैं. उनका इलाज भी किया जा रहा है. भगवान की पूजा-अर्चना अभी बंद है. रोज की तरह उन्हें भोग भी नहीं लगाया जा रहा है. उन्हें भोग की जगह काढ़ा पिलाया जा रहा है और जड़ी बूटी दी जा रही है.

11 जुलाई को दर्शन देंगे महाप्रभु

मान्यताओं के मुताबिक 11 जुलाई यानी रथ यात्रा के एक दिन पहले मंदिर में नेत्रोत्सव (नयन उत्सव) मनाया जाएगा. इस दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा 15 दिन बाद भक्तों को नवयौवन रूप में दर्शन देंगे. परंपरा के मुताबिक इस दिन मंदिर का ध्वज बदला जाएगा. इसके अलगे दिन रथयात्रा का उत्सव मनाया जाएगा.

Last Updated : Jul 6, 2021, 11:07 PM IST
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