रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हर साल बड़े धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप ने भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों पर रोक लगा दी है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है कि मंदिरों में भीड़भाड़ नहीं होगी. हर साल की तरह इस साल रथ यात्रा में लोग शामिल नहीं हो पाएंगे. इस साल कोरोना वायरस के मद्देनजर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी.
मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरन्दर मिश्रा ने बताया कि इस साल रथ यात्रा 23 जून को है, जो 30 जून तक चलेगी. यह रथयात्रा महोत्सव कहलाता है, लेकिन कोरोना संकट की वजह से सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक रथयात्रा का आयोजन नहीं किया जा रहा है. जो भी होगा मंदिर परिसर के अंदर ही होगा. 7 दिन तक भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं, लेकिन इस बार जगन्नाथ भगवान कहीं नहीं जा पाएंगे.
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में डाहूक सेवादारों का है खास महत्व
होम क्वॉरेंटाइन में हैं भगवान जगन्नाथ
बता दें कि पूरे देश में 8 जून से भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी गई है. मान्यता के अनुसार रथयात्रा के पहले स्नान पूर्णिमा आती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ ज्यादा स्नान करने की वजह से बीमार पड़ जाते हैं. इस साल यह दिन 5 जून को पड़ा, जब भगवान जगन्नाथ स्नान पूर्णिमा के दिन नहाने से बीमार पड़ गए और वे 16 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में चले गए.
रथयात्रा पर लगी रोक, कोरोना को देखते हुए सरकार ने लिया फैसला
30 तारीख को अपने धाम में वापस आएंगे भगवान जगन्नाथ
हर साल भगवान जगन्नाथ 16 दिन बीमार रहने के बाद स्वस्थ होकर दूसरे दिन अपनी मौसी के घर जाते हैं. फिलहाल अतिथियों को निमंत्रण दे दिया गया है, लेकिन रथयात्रा का काम मंदिर परिसर के अंदर केवल पूजा-पाठ के आधार पर किया जाएगा. 23 तारीख को रथयात्रा के दिन मौसी के घर भगवान जाएंगे और 30 तारीख तक अपनी मौसी के घर रहेंगे और 30 तारीख को अपने धाम में वापस आएंगे.