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बाल गृह में नाबालिग से रेप का मामला, आरोपी से डीएनए नहीं हुआ मैच, जांच फिर शुरू - DNA not match with accused

Rape of minor girl in Raipur SOS Mana ईटीवी भारत ने माना के बाल आश्रम में बच्ची से रेप का मामला उजागर किया था . इस केस में बीते साल नवंबर में FIR तब दर्ज हुई थी. जब बच्ची गर्भवती हो गई. जून के महीने में उसका रेप हुआ था. उसका और नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले जेल में बंद आरोपी अंजनी शुक्ला का डीएनए मिसमैच हो गया है.

minor in sos balika griha at mana
बाल गृह में नाबालिग से रेप का मामला
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Published : Nov 5, 2022, 10:53 PM IST

रायपुर: Rape of minor girl in Raipur SOS Mana माना स्थित SOS बालिका गृह में नाबालिग से दुष्कर्म के बाद गर्भवती होने के मामले का सबसे पहले ईटीवी भारत ने खुलासा किया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर दिखाए जाने के बाद बाल संरक्षण इकाई ने एसओएस संस्था को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की थी. साथ ही दुष्कर्म का आरोपी भी गिरफ्तार किया गया था. लेकिन नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया था. उसका और नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले जेल में बंद आरोपी अंजनी शुक्ला का डीएनए मिसमैच हो गया है. यानी जो आरोपी जेल में बंद है. उसके अलावा किसी और ने भी नाबालिग से दुष्कर्म किया था. लेकिन इस मामले की जांच आगे ही नहीं बढ़ी. Raipur crime news

क्या था मामला : इस मामले की डीएनए जांच रिपोर्ट की खबर के मुताबिक नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया है. उसका जैविक पिता जेल में बंद अंजनी शुक्ला नहीं है. यानी साफ है कि इस मामले में कोई और भी आरोपी है. जिसे बचाने का प्रयास किया गया है. चौंकाने वाली बात है की अंजनी शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया गया. जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस ने जांच बंद कर दी. SOS Mana Children Home

ये भी पढ़ें: रायपुर के SOS एनजीओ में नाबालिग 3 माह की गर्भवती, ETV भारत की पड़ताल में मामला उजागर

मामला दबाने की हुई थी कोशिश: आपको बता दें कि इस केस में सबसे पहले ईटीवी भारत ने दर्शकों और पाठकों तक खबर पहुंचाई थी. हमने खबर दिखाई थी. जिसके बाद बालिका गृह का देखरेख करने वाले एनजीओ को नोटिस जारी हुआ था. ईटीवी भारत ने खुलासा किया था कि. माना SOS बालिका गृह में 15 साल की नाबालिग से दुष्कर्म हुआ था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग और बाल संरक्षण इकाई ने इस मामले को दबा कर रखा. बच्ची जब करीब 5 माह की गर्भवती हो गई. तब जाकर पुलिस को जानकारी देकर एफआईआर दर्ज कराई गई, लेकिन इस मामले में यह पता लगाने की कोशिश नहीं की गई की इस मामले में किसकी किसकी संल्पितता है. Raipur SOS Mana Children Home

ये भी पढ़ें: खबर का असर: रायपुर में नाबालिग गर्भवती के मामले में आरोपी गिरफ्तार, NGO को नोटिस



क्या कहते हैं अफसर: डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने मामले की फाइल फिर से खोल कर जांच शुरु कर दी है. रायपुर एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर ने बताया कि "डीएनए रिपोर्ट के बाद मामले में अन्य आरोपी द्वारा दुष्कर्म किया गया है. पुलिस ने फाइल फिर से खोल दी है. जो कोई भी दोषी पाएगा किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी.

रायपुर: Rape of minor girl in Raipur SOS Mana माना स्थित SOS बालिका गृह में नाबालिग से दुष्कर्म के बाद गर्भवती होने के मामले का सबसे पहले ईटीवी भारत ने खुलासा किया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर दिखाए जाने के बाद बाल संरक्षण इकाई ने एसओएस संस्था को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की थी. साथ ही दुष्कर्म का आरोपी भी गिरफ्तार किया गया था. लेकिन नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया था. उसका और नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले जेल में बंद आरोपी अंजनी शुक्ला का डीएनए मिसमैच हो गया है. यानी जो आरोपी जेल में बंद है. उसके अलावा किसी और ने भी नाबालिग से दुष्कर्म किया था. लेकिन इस मामले की जांच आगे ही नहीं बढ़ी. Raipur crime news

क्या था मामला : इस मामले की डीएनए जांच रिपोर्ट की खबर के मुताबिक नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया है. उसका जैविक पिता जेल में बंद अंजनी शुक्ला नहीं है. यानी साफ है कि इस मामले में कोई और भी आरोपी है. जिसे बचाने का प्रयास किया गया है. चौंकाने वाली बात है की अंजनी शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया गया. जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस ने जांच बंद कर दी. SOS Mana Children Home

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मामला दबाने की हुई थी कोशिश: आपको बता दें कि इस केस में सबसे पहले ईटीवी भारत ने दर्शकों और पाठकों तक खबर पहुंचाई थी. हमने खबर दिखाई थी. जिसके बाद बालिका गृह का देखरेख करने वाले एनजीओ को नोटिस जारी हुआ था. ईटीवी भारत ने खुलासा किया था कि. माना SOS बालिका गृह में 15 साल की नाबालिग से दुष्कर्म हुआ था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग और बाल संरक्षण इकाई ने इस मामले को दबा कर रखा. बच्ची जब करीब 5 माह की गर्भवती हो गई. तब जाकर पुलिस को जानकारी देकर एफआईआर दर्ज कराई गई, लेकिन इस मामले में यह पता लगाने की कोशिश नहीं की गई की इस मामले में किसकी किसकी संल्पितता है. Raipur SOS Mana Children Home

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क्या कहते हैं अफसर: डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने मामले की फाइल फिर से खोल कर जांच शुरु कर दी है. रायपुर एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर ने बताया कि "डीएनए रिपोर्ट के बाद मामले में अन्य आरोपी द्वारा दुष्कर्म किया गया है. पुलिस ने फाइल फिर से खोल दी है. जो कोई भी दोषी पाएगा किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी.

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