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Rang Panchami 2023: रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी को लगाया था गुलाल

होलिका दहन के 5 दिन बाद चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी मनाई जाती है. यह रंग पंचमी का पावन पर्व राधा और कृष्ण जी का पर्व माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस शुभ दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी को रंग गुलाल लगाया था.

Rang Panchami 2023
रंग पंचमी 2023
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Published : Mar 9, 2023, 8:21 PM IST

Updated : Mar 12, 2023, 7:44 AM IST

रंग पंचमी का पावन पर्व जानिए क्यों है खास

रायपुर: इस साल चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी तिथी 12 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति पर अबीर गुलाल चंदन रोली और रंग-बिरंगे रंग लगाकर उनकी पूजा करते हैं. पूरी श्रद्धा, आस्था और अनन्य प्रेम के साथ रंग लगाए जाते हैं. रंग पंचमी का पर्व रंगों की छटा बिखेरने का पर्व है. यह दिन एक दूसरे को गुलाल रंग अबीर और चंदन लगाया जाता है. अबीर गुलाल परिमल आदि सभी के लिए लाभदायक होते हैं. रंग पंचमी के दिन केमिकल युक्त पदार्थों को नहीं लगाना चाहिए. इससे पर्व की पवित्रता खराब हो जाती है.


लठमार कर मनाते हैं रंग पंचमी: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर पंचमी तिथि तक रंग पंचमी मनाने की परंपरा है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में रंग पंचमी पूरे उल्लास के साथ मनाई जाती है. छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के पचोरा नामक गांव में कुंवारी कन्या लठमार होली के रूप में रंग पंचमी को महोत्सव के रूप में मनाती हैं."

जांजगीर के पचोरा गांव में लठमार होली: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के शुभ दिन जांजगीर जिले के इस गांव में सभी कुंवारी कन्या सभी पुरुषों को लाठी से पीटती है और इस पर्व को उल्लास के साथ मनाती हैं. छत्तीसगढ़ में यह पर्व 300 वर्षों से भी ज्यादा समय से मनाया जा रहा है. आज के दिन गांव में आने वाले प्रत्येक पुरुष को लठमार लटका सामना करना पड़ता है. अपरिचित सभी पुरुष जो गांव में आते हैं, उन्हें इसी तरह से लठमार कर रंग पंचमी मनाई जाती है."

यह भी पढ़ें: Sankashti chaturthi 2023 : पुत्र की लंबी आयु के लिए करें संकष्टी चतुर्थी व्रत

छत्तीसगढ़ में लोग पकाते हैं स्थानीय व्यंजन: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "रंग पंचमी रंगों का त्योहार है. यह मित्रता के संबंधों को कल्याणकारी रूप में मनाने का महापर्व है. आज के शुभ दिन छत्तीसगढ़ में सभी स्थानीय व्यंजन पकाए जाते हैं. आज के दिन बोरे बासी, टमाटर की चटनी, ठेठरी खुर्मी आदि खाने का भी बहुत बड़ा रिवाज है. छत्तीसगढ़ के तमाम व्यंजनों को आज के दिन उत्साह के साथ बनाया जाता है. जिसके बाद उन्हें आनंद और खुशी के साथ मिल बैठकर खाते हैं."

पूरे देश में मनाया जाता है मित्रता का यह पर्व: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "यह पूरा पर्व मित्रों, कुटुंबीजनों, इष्ट मित्रों और परिवार के साथ खुश होकर हंसी खुशी के साथ मनाए जाने वाला पर्व है. महाराष्ट्र में आज के इस पावन पर्व पर मालपुआ खाने की परंपरा है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र में भी इस पर्व को उल्लास से मनाए जाने की परंपरा है. उत्तर प्रदेश राजस्थान और गुजरात में भी रंग पंचमी का पर्व अनेक उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है."

रंग पंचमी का पावन पर्व जानिए क्यों है खास

रायपुर: इस साल चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी तिथी 12 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति पर अबीर गुलाल चंदन रोली और रंग-बिरंगे रंग लगाकर उनकी पूजा करते हैं. पूरी श्रद्धा, आस्था और अनन्य प्रेम के साथ रंग लगाए जाते हैं. रंग पंचमी का पर्व रंगों की छटा बिखेरने का पर्व है. यह दिन एक दूसरे को गुलाल रंग अबीर और चंदन लगाया जाता है. अबीर गुलाल परिमल आदि सभी के लिए लाभदायक होते हैं. रंग पंचमी के दिन केमिकल युक्त पदार्थों को नहीं लगाना चाहिए. इससे पर्व की पवित्रता खराब हो जाती है.


लठमार कर मनाते हैं रंग पंचमी: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर पंचमी तिथि तक रंग पंचमी मनाने की परंपरा है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में रंग पंचमी पूरे उल्लास के साथ मनाई जाती है. छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के पचोरा नामक गांव में कुंवारी कन्या लठमार होली के रूप में रंग पंचमी को महोत्सव के रूप में मनाती हैं."

जांजगीर के पचोरा गांव में लठमार होली: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के शुभ दिन जांजगीर जिले के इस गांव में सभी कुंवारी कन्या सभी पुरुषों को लाठी से पीटती है और इस पर्व को उल्लास के साथ मनाती हैं. छत्तीसगढ़ में यह पर्व 300 वर्षों से भी ज्यादा समय से मनाया जा रहा है. आज के दिन गांव में आने वाले प्रत्येक पुरुष को लठमार लटका सामना करना पड़ता है. अपरिचित सभी पुरुष जो गांव में आते हैं, उन्हें इसी तरह से लठमार कर रंग पंचमी मनाई जाती है."

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छत्तीसगढ़ में लोग पकाते हैं स्थानीय व्यंजन: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "रंग पंचमी रंगों का त्योहार है. यह मित्रता के संबंधों को कल्याणकारी रूप में मनाने का महापर्व है. आज के शुभ दिन छत्तीसगढ़ में सभी स्थानीय व्यंजन पकाए जाते हैं. आज के दिन बोरे बासी, टमाटर की चटनी, ठेठरी खुर्मी आदि खाने का भी बहुत बड़ा रिवाज है. छत्तीसगढ़ के तमाम व्यंजनों को आज के दिन उत्साह के साथ बनाया जाता है. जिसके बाद उन्हें आनंद और खुशी के साथ मिल बैठकर खाते हैं."

पूरे देश में मनाया जाता है मित्रता का यह पर्व: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "यह पूरा पर्व मित्रों, कुटुंबीजनों, इष्ट मित्रों और परिवार के साथ खुश होकर हंसी खुशी के साथ मनाए जाने वाला पर्व है. महाराष्ट्र में आज के इस पावन पर्व पर मालपुआ खाने की परंपरा है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र में भी इस पर्व को उल्लास से मनाए जाने की परंपरा है. उत्तर प्रदेश राजस्थान और गुजरात में भी रंग पंचमी का पर्व अनेक उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है."

Last Updated : Mar 12, 2023, 7:44 AM IST
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