रायपुर: डॉक्टर रमन सिंह छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा नहीं होंगे. यह बात सुनने में कुछ अटपटी जरूर लग रही होगी. लेकिन वर्तमान में प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में कुछ इसी तरह की चर्चा सुनने को मिल रही है. शायद इस बात को खुद डॉक्टर रमन सिंह भी भांप चुके हैं. क्योंकि जिस तरह से डॉक्टर रमन ने पूर्व में पत्रकारों से चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि भाजपा हमेशा मुद्दों पर चुनाव लड़ती है. चुनाव जीतने के बाद विधायक दल मुख्यमंत्री तय करता है.
वहीं जब उनसे पूछा गया कि, पिछली बार भाजपा ने आपका चेहरा सामने कर चुनाव लड़ा था, तो क्या इस बार भी बीजेपी चुनाव में आपका चेहरा सामने रखेगी. इस पर रमन सिंह ने कहा कि बहुत सारे चेहरे हैं, चेहरे की कमी छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के पास नहीं है. अच्छे-अच्छे चेहरे हैं, उसमें एक छोटा सा चेहरा मेरा भी है. डॉ रमन के इस बयान से साफ नजर आ रहा था कि, अबकी बार भाजपा रमन के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है. यह बयान तब और पुख्ता हो गया है जब रमन के चेहरे पर चुनाव न लड़ने को लेकर डी पुरंदेश्वरी से सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. पुरंदेश्वरी ने कहा कि इस बार मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाएगा.
डी पुरंदेश्वरी के इस बयान को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि, डॉ रमन सिंह ने खुद पत्रकारों से कहा कि मैं भी भाजपा का छोटा सा चेहरा हूं. डी पुरंदेश्वरी ने रमन सिंह के चेहरे पर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. इससे स्पष्ट है कि डॉ रमन सिंह अब भाजपा के अंदर नेतृत्व का विश्वास खो चुके हैं. जनता का विश्वास पहले ही वे खो चुके थे. अब कार्यकर्ताओं को भी उन पर भरोसा नहीं रहा.
भाजपा छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि देशभर के राज्यों में किसी खास चेहरे को सामने करके चुनाव लड़ती रही है, लेकिन पिछले चुनाव में रमन सिंह की अगुवाई में पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. शायद इसलिए ही आलाकमान इस बार रमन सिंह के नाम को आगे करने से हिचकीचा रही है. साथ ही चुनाव में अभी काफी समय है जिसे देखते हुए भी पार्टी की ओर से कोई पत्ता नहीं खोला जा रहा है.