रायपुर: कांग्रेस के शपथ पत्र के वादे के मुताबिक 400 यूनिट तक की बिजली को हाफ करने का कांग्रेस ने वादा किया था. इस पर रमन सिंह ने कहा कि बिजली बिल हाफ करते-करते पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली अपने आप ही साफ हो गई है. पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि ग्रामीण अंचल में इतनी कटौती हुई है कि लोगों ने हाइवे पर पहुंचकर चक्काजाम किया.
रमन सिंह ने कहा कि बिजली हाफ होने के साथ-साथ कांग्रेस सरकार ने जनता के जेब साफ करने का कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि बिजली के बिल में उन्होंने आम जनता तो जोरदार झटका दिया है क्योंकि बिजली के बिलों में अनाब -सनाब वृद्धि हुई है.
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नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए घरेलू विद्युत के लिए जो दरें तय की थी. 2021-22 में औसतन 6.41% की बढ़ोतरी की है, जो पिछले वर्ष के 5.93 यूनिट जो रेट था. उसमें 48 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा है. यह सरकार ने नियामक आयोग के माध्यम से तय किया है. इसका मतलब हुआ कि नई दर पर 400 यूनिट बिजली खपत होने पर 180 का भार हर महीने उपभोक्ता पर पड़ेगा.
रमन सिंह ने कहा यह तो जनता के साथ विश्वासघात है और जो कांग्रेस ने वादा किया था कि बिजली बिल हाफ करेंगे. लेकिन अब उपभोक्ताओं को बिजली दुगनी दर पर मिलेगी. इसके साथ ही साथ जो बिजली की स्थिति है वह पिछले ढाई सालों में सबसे नीचे हैं क्योंकि पावर रेटिंग की स्थिति छत्तीसगढ़ में बहुत ही चिंताजनक है. जबकि बीजेपी के शासनकाल में सरप्लस पावर वाला स्टेट छत्तीसगढ़ पावर रेटिंग में b-category में 20 स्थान था. पूर्व सरकार की रैंकिंग जो थी वह 20वीं थी. रमन सिंह ने कहा कि ढाई साल में कांग्रेस सरकार ने व्यवस्था को चौपट कर दिया. अब यह बढ़ते बढ़ते छत्तीसगढ़ सी कैटेगरी में आ गया है.