रायपुर : प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए विभागों द्वारा एहतियात बरता जा रहा है. सरकार कोरोना से बचने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है. वहीं इस साल महामारी के चलते प्रदेश की जेलों में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाएगा.
हर साल रक्षाबंधन पर जेल के कैदियों को उनकी बहनें राखी बांधने जेल पहुंचती थीं और उस दौरान हजारों की संख्या में जेल में भीड़ इकट्ठा होती थी, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए रक्षाबंधन का पर्व जेल में नहीं मनाया जाएगा, लिहाजा कई कैदियों की कलाईयां इस साल सूनी रहेंगी.
कोरोना महामारी के मद्देनजर लिया गया निर्णय
जेल प्रशासन का कहना है कि इस साल कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. जेल परिसर में बाहर से लोगों के आने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. वहीं इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन होने की सम्भावना भी बढ़ सकती है. वहीं पोस्ट के माध्यम से आने वाली राखियों को सैनिटाइज करने के बाद ही एक दिनों के भीतर पहुंचाया जाएगा. साथ ही रक्षाबंधन के मौके पर जेल में बंद कैदियों को विशेष पकवान भी दिए जाएंगे. बता दें कि जेल में बंद कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण कोरोना महामारी से बचाने के लिए ज्यादातर कैदियों को पैरोल और जमानत पर छोड़ा गया है.
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बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है. 23 जुलाई को सबसे ज्यादा 371 पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है. जिनमें राजधानी रायपुर के सबसे ज्यादा 205 मरीज मिले हैं. छत्तीसगढ़ में कुल मरीजों की संख्या 6 हजार 307 हो गई है, वहीं एक्टिव केस की संख्या 1 हजार 949 है.