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Horoscope For Rajyog: कुंडली में लग्न और लग्नेश के मजबूत होने से मिलता है राजयोग

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Published : May 19, 2023, 7:41 PM IST

कुंडली में केवल राजयोग होने से ही सफलता मिल जाए ऐसा जरूरी नहीं है. सफल बनने के लिए कुंडली में राजयोग कितना पवरफुल है इसे भी जानना बेदह जरूरी होता है. हर किसी के कुंडली में कोई ना कोई राजयोग होता है. लेकन कैसे उस राजयोग से सफलता की सीढ़ी चढ़नी है ये किसी को पता नहीं होता. तो जाने कि किन उपायों से आप राजयोग का पूरा लाभ ले सकते हैं.

Horoscope For Rajyog
कुंडली में राजयो
राजयोग के फल के बारे में जानिए

रायपुर: व्यक्ति को राजयोग का फल कब मिलता है. वैसे तो लोगों की कुंडली में अनेक राजयोग होते हैं. लेकिन बावजूद इसके उन्हें राजयोग का फल नहीं मिल पाता. नवमेश और दशमेश यदि कुंडली के किसी शुभ स्थान पर हो तो व्यक्ति को राजयोग का फल प्राप्त होता है. लेकिन लग्न और लग्नेश का स्वामी शक्तिशाली नहीं है, तो ऐसी स्थिति में उनको राजयोग का पूरा फल नहीं मिलता. लग्न और लग्नेश जितने अधिक पावरफुल हैं. राजयोग का फल उतना ही ज्यादा मिलता है.

"यदि लग्न और लग्नेश कमजोर हैं, तो राजयोग का फल कमजोर प्राप्त होगा. व्यक्ति को राजयोग का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्रहों को शक्तिशाली बनाना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही उनको लग्नेश और उनकी चंद्र राशि के स्वामी के मंत्रों का जाप करना चाहिए. संबंधित ग्रहों का रत्न धारण करना चाहिए और व्यक्ति को संबंधित ग्रहों की महादशा अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा इससे प्राप्त होती है. सूर्य और गुरु गोचर में रिजल्ट देने की स्थिति में हो, ऐसी स्थिति में उनको राजयोग का फल प्राप्त होता है. यदि कुंडली में राजयोग है, किंतु उनकी दशा जीवन काल में नहीं आती तो ऐसी स्थिति में भी राजयोग का फल संतोषप्रद प्राप्त नहीं हो पाता." -डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद


"संबंधित ग्रहों के रत्नों के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सफलता मिलती है और राजयोग का फल देता है. इसके साथ साथ पंचमेश का भी मजबूत होना आवश्यक है. क्योंकि पंचमेश में व्यक्ति की प्रतिस्पर्धा की क्षमता को बताता है और राजयोग उन्हीं को मिलता है. जो इस प्रतिस्पर्धा में बहुत आगे आ जाते हैं. अतः पंचमेश भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा सुख स्थान का स्वामी भी अपनी बड़ी भूमिका राजयोग प्रदान करने में निभाता है. संबंधित ग्रहों के अष्टक वर्ग की स्थिति में देखना आवश्यक है, ताकि यह जाना जा सके राजयोग किस सीमा तक शक्तिशाली है." -डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद

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ये उपाय भी हैं कारगर: राज्योग को और ज्यादा शक्तिशाली बनाने और रास्ते की बाधाओं को दूर करने के लिए सूर्य मंगल और बुद्ध के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसके अलावा लग्नेश का मंत्र जपने से भी लाभ मिलता है.

राजयोग के फल के बारे में जानिए

रायपुर: व्यक्ति को राजयोग का फल कब मिलता है. वैसे तो लोगों की कुंडली में अनेक राजयोग होते हैं. लेकिन बावजूद इसके उन्हें राजयोग का फल नहीं मिल पाता. नवमेश और दशमेश यदि कुंडली के किसी शुभ स्थान पर हो तो व्यक्ति को राजयोग का फल प्राप्त होता है. लेकिन लग्न और लग्नेश का स्वामी शक्तिशाली नहीं है, तो ऐसी स्थिति में उनको राजयोग का पूरा फल नहीं मिलता. लग्न और लग्नेश जितने अधिक पावरफुल हैं. राजयोग का फल उतना ही ज्यादा मिलता है.

"यदि लग्न और लग्नेश कमजोर हैं, तो राजयोग का फल कमजोर प्राप्त होगा. व्यक्ति को राजयोग का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्रहों को शक्तिशाली बनाना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही उनको लग्नेश और उनकी चंद्र राशि के स्वामी के मंत्रों का जाप करना चाहिए. संबंधित ग्रहों का रत्न धारण करना चाहिए और व्यक्ति को संबंधित ग्रहों की महादशा अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा इससे प्राप्त होती है. सूर्य और गुरु गोचर में रिजल्ट देने की स्थिति में हो, ऐसी स्थिति में उनको राजयोग का फल प्राप्त होता है. यदि कुंडली में राजयोग है, किंतु उनकी दशा जीवन काल में नहीं आती तो ऐसी स्थिति में भी राजयोग का फल संतोषप्रद प्राप्त नहीं हो पाता." -डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद


"संबंधित ग्रहों के रत्नों के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सफलता मिलती है और राजयोग का फल देता है. इसके साथ साथ पंचमेश का भी मजबूत होना आवश्यक है. क्योंकि पंचमेश में व्यक्ति की प्रतिस्पर्धा की क्षमता को बताता है और राजयोग उन्हीं को मिलता है. जो इस प्रतिस्पर्धा में बहुत आगे आ जाते हैं. अतः पंचमेश भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा सुख स्थान का स्वामी भी अपनी बड़ी भूमिका राजयोग प्रदान करने में निभाता है. संबंधित ग्रहों के अष्टक वर्ग की स्थिति में देखना आवश्यक है, ताकि यह जाना जा सके राजयोग किस सीमा तक शक्तिशाली है." -डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद

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ये उपाय भी हैं कारगर: राज्योग को और ज्यादा शक्तिशाली बनाने और रास्ते की बाधाओं को दूर करने के लिए सूर्य मंगल और बुद्ध के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसके अलावा लग्नेश का मंत्र जपने से भी लाभ मिलता है.

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