नई दिल्ली: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने इस दिन की बधाई देते हुए कहा कि ये दुनिया भर में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक योगदान और उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है. उन्होंने कहा कि आज का दिन महिलाओं की अदम्य भावना, दृढ़ संकल्प और प्रयासों को सम्मान देने का दिन है, जो उनकी उपलब्धियों को रेखांकित करते हैं. सदन में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रही तीनों महिला सांसदों ने अपनी बात रखी.
महिलाओं के मुद्दे पर न हो राजनीति: सरोज पांडे
सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाएं सशक्त हुई हैं. महिलाओं के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. सांसद ने कहा कि हम तो वैसे भी बार-बार अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहे हैं. 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. तीन तलाक कानून पर खुशी जताई. सरोज पांडे ने कहा कि महिलाएं राजनीति का विषय नहीं हैं.
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महिलाओं को मिले आरक्षण: छाया वर्मा
सांसद छाया वर्मा ने कहा कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' नारा बोलने में अच्छा लगता है, लेकिन वास्तविकता से कोसों दूर है. छाया वर्मा ने कहा कि महिलाओं ने जमीन से आसमान तक अपना जौहर दिखाया है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायती राज और नगरीय निकाय में महिलाओं के लिए आरक्षण लाकर उन्हें अवसर दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में भी महिलाओं को रिजर्वेशन मिलना चाहिए.
महंगाई पर हो चर्चा: फूलोदेवी नेताम
सांसद फूलोदेवी नेताम ने कहा कि महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार की नीतियों से दु:खी हैं. उन्होंने भी महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' धरातल पर नजर नहीं आता. फूलोदेवी ने महंगाई के विषय में भी अपनी बात सदन में रखी. उन्होंने कहा कि महिलाओं के किचन का बजट बिगड़ गया है, इसलिए इस पर सदन में चर्चा हो.