ETV Bharat / state

तत्कालीन CEO बजाज को निलंबित करने पर भड़के मूणत, भूपेश सरकार को सुनाई खरी-खरी

पूर्व PWD मंत्री नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर जमकर बरसे.

पूर्व PWD मंत्री नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर जमकर बरसे.
author img

By

Published : Aug 15, 2019, 4:44 PM IST

रायपुर : पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए निशाना साधा है. नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर वे जमकर बरसे.

उन्होंने कहा कि, 'पिछले नौ महीनों से मुख्यमंत्री नवा रायपुर में घूम रहे हैं, लेकिन कभी वहां की सुध नहीं ली. यूपीए की केंद्र सरकार के समय ही IIM को जमीन आवंटित की गई थी.'

पूर्व PWD मंत्री नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर जमकर बरसे.

मूणत ने कहा कि, 'सोनिया गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पॉलिटिकल एजेंडे के तहत इस मामले को उठाया गया, अधिकारी को सस्पेंड किया गया और कोई एक व्यक्ति संस्था नहीं है.'

नवा रायपुर में IIM को जमीन देने के आरोप में तत्कालीन CEO एसएस बजाज को निलंबित करने के मामले में बीजेपी भड़की हुई है. बीजेपी के पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि, 'सोनिया गांधी ने जिस जगह शिलान्यास किया था, वहां वो जमीन सुरक्षित है, वहां गार्डन बना है, लेकिन आठ महीने बाद मुख्यमंत्री को यह सुध इसलिए आई क्योंकि सोनिया फिर से चेयरमैन बनी हैं. उन्हें दिखाने के लिए एक कर्मठ और सीधे-साधे अफसर को बलि का बकरा बनाकर कर्रवाई कर दिया.'

उन्होंने कहा कि, 'नवा रायपुर का मास्टर प्लान बनने के बाद जमीन आवंटन के लिए तीन बार प्रेजेंटेशन और कैबिनेट का निर्णय लिया गया. इसके बाद नियम के तहत जमीन आवंटित की गई. IIM सेंट्रल लेवल की संस्था है और उसका छत्तीसगढ़ में आगमन प्रदेश हित के लिए था. इसमे भी राजनीति की जा रही है.'

पूर्व मंत्री ने कहा कि, 'KADA की सिफारिश के बाद तात्कालीन राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी. इसमें अफसर एसएस बजाज की कोई भूमिका नहीं थी. साल 2003 से नई राजधानी का शिलालेख रखा गया था. साल 2004 के बाद बीजेपी सरकार आने के बाद काम शुरू हुआ. राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के जरिए कंसल्टेंसी नियुक्त किया गया और नया मंत्रालय, एचओडी बिल्डिंग समेत नया रायपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया.

उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार बनने के बाद केवल शिलालेख रखा गया था, वहां किसी तरह से काम शुरू नहीं किया गया था. बीजेपी सरकार आने के बाद नवा रायपुर का काम शुरू हुआ था.'

रायपुर : पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए निशाना साधा है. नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर वे जमकर बरसे.

उन्होंने कहा कि, 'पिछले नौ महीनों से मुख्यमंत्री नवा रायपुर में घूम रहे हैं, लेकिन कभी वहां की सुध नहीं ली. यूपीए की केंद्र सरकार के समय ही IIM को जमीन आवंटित की गई थी.'

पूर्व PWD मंत्री नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर जमकर बरसे.

मूणत ने कहा कि, 'सोनिया गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पॉलिटिकल एजेंडे के तहत इस मामले को उठाया गया, अधिकारी को सस्पेंड किया गया और कोई एक व्यक्ति संस्था नहीं है.'

नवा रायपुर में IIM को जमीन देने के आरोप में तत्कालीन CEO एसएस बजाज को निलंबित करने के मामले में बीजेपी भड़की हुई है. बीजेपी के पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि, 'सोनिया गांधी ने जिस जगह शिलान्यास किया था, वहां वो जमीन सुरक्षित है, वहां गार्डन बना है, लेकिन आठ महीने बाद मुख्यमंत्री को यह सुध इसलिए आई क्योंकि सोनिया फिर से चेयरमैन बनी हैं. उन्हें दिखाने के लिए एक कर्मठ और सीधे-साधे अफसर को बलि का बकरा बनाकर कर्रवाई कर दिया.'

उन्होंने कहा कि, 'नवा रायपुर का मास्टर प्लान बनने के बाद जमीन आवंटन के लिए तीन बार प्रेजेंटेशन और कैबिनेट का निर्णय लिया गया. इसके बाद नियम के तहत जमीन आवंटित की गई. IIM सेंट्रल लेवल की संस्था है और उसका छत्तीसगढ़ में आगमन प्रदेश हित के लिए था. इसमे भी राजनीति की जा रही है.'

पूर्व मंत्री ने कहा कि, 'KADA की सिफारिश के बाद तात्कालीन राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी. इसमें अफसर एसएस बजाज की कोई भूमिका नहीं थी. साल 2003 से नई राजधानी का शिलालेख रखा गया था. साल 2004 के बाद बीजेपी सरकार आने के बाद काम शुरू हुआ. राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के जरिए कंसल्टेंसी नियुक्त किया गया और नया मंत्रालय, एचओडी बिल्डिंग समेत नया रायपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया.

उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार बनने के बाद केवल शिलालेख रखा गया था, वहां किसी तरह से काम शुरू नहीं किया गया था. बीजेपी सरकार आने के बाद नवा रायपुर का काम शुरू हुआ था.'

Intro:cg_rpr_02_rajesh_munat_on_new_raipur_72035117


रायपुर। पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस की सरकार को जमकर कोसा। नई राजधानी के शिलालेख विवाद को लेकर मूणत मुख्यमंत्री और इनकी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीने से मुख्यमंत्री नया रायपुर में गुम रहे है लेकिन कभी सुध नहीं ली. यूपीए की केंद्र सरकार के समय ही आईआईएम को जमीन आबंटित की गई थी। राजेश मूणत ने कहा कि सोनिया गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पॉलिटिकल एजेंडे के तहत इस मामले को उठाया गया..अधिकारी को सस्पेंड किया गया कोई एक व्यक्ति संस्था नहीं है..
Body:
नया रायपुर में आईआईएम को जमीन देने के आरोप में तत्कालीन सीईओ एसएस बजाज को निलंबित करने के मामले में बीजेपी भड़क गई है. बीजेपी के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने जिस जगह शिलान्यास किया था, वहां वह जमीन सुरक्षित है, वहां गार्डन बना है. लेकिन 8 महीने बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह सुध इसलिए आई क्योँकि सोनिया गांधी फिर से अभी चेयरमैन बनी हैं. उन्हें दिखाने के लिए एक कर्मठ और सीधे साधे अफसर को बलि का बकरा बनाकर करवाई कर दिया.जमीन आबंटन के लिए नया रायपुर का मास्टर प्लान बनने के बाद 3 बार प्रेजेंटेशन और कैबिनेट के निर्णय के बाद नियम के तहत किया गया। आईआईएम सेंट्रल लेवल की संस्था है और उसका छत्तीसगढ़ में आगमन प्रदेश हित के लिए था इसमे भी राजनीति की जा रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि KADA की सिफारिश के बाद तात्कालीन राज्य सरकार ने कैबिनेट ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी, इसमें अफसर एसएस बजाज की कोई भूमिका नहीं थी. 2003 से नई राजधानी का शिलालेख रखा गया था. 2004 के बाद बीजेपी सरकार आने के बाद काम शुरू हुआ.  राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के जरिये कंसल्टेंसी नियुक्त किया गया. नया मंत्रालय, एचओडी बिल्डिंग समेत नया रायपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया.

बाईट- राजेश मूणत, पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री

Conclusion:राजेश मूणत ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद केवल शिलालेख रखा गया था, वहां किसी तरह से काम शुरू नहीं किया गया था. बीजेपी सरकार आने के बाद नया रायपुर का काम शुरू हुआ था. सोनिया गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी है अब सिर्फ दिखाने के लिए भूपेश बघेल ने ऐसा जा रहा है।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.