रायपुर : पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए निशाना साधा है. नवा रायपुर में शिलालेख विवाद को लेकर वे जमकर बरसे.
उन्होंने कहा कि, 'पिछले नौ महीनों से मुख्यमंत्री नवा रायपुर में घूम रहे हैं, लेकिन कभी वहां की सुध नहीं ली. यूपीए की केंद्र सरकार के समय ही IIM को जमीन आवंटित की गई थी.'
मूणत ने कहा कि, 'सोनिया गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पॉलिटिकल एजेंडे के तहत इस मामले को उठाया गया, अधिकारी को सस्पेंड किया गया और कोई एक व्यक्ति संस्था नहीं है.'
नवा रायपुर में IIM को जमीन देने के आरोप में तत्कालीन CEO एसएस बजाज को निलंबित करने के मामले में बीजेपी भड़की हुई है. बीजेपी के पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि, 'सोनिया गांधी ने जिस जगह शिलान्यास किया था, वहां वो जमीन सुरक्षित है, वहां गार्डन बना है, लेकिन आठ महीने बाद मुख्यमंत्री को यह सुध इसलिए आई क्योंकि सोनिया फिर से चेयरमैन बनी हैं. उन्हें दिखाने के लिए एक कर्मठ और सीधे-साधे अफसर को बलि का बकरा बनाकर कर्रवाई कर दिया.'
उन्होंने कहा कि, 'नवा रायपुर का मास्टर प्लान बनने के बाद जमीन आवंटन के लिए तीन बार प्रेजेंटेशन और कैबिनेट का निर्णय लिया गया. इसके बाद नियम के तहत जमीन आवंटित की गई. IIM सेंट्रल लेवल की संस्था है और उसका छत्तीसगढ़ में आगमन प्रदेश हित के लिए था. इसमे भी राजनीति की जा रही है.'
पूर्व मंत्री ने कहा कि, 'KADA की सिफारिश के बाद तात्कालीन राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी. इसमें अफसर एसएस बजाज की कोई भूमिका नहीं थी. साल 2003 से नई राजधानी का शिलालेख रखा गया था. साल 2004 के बाद बीजेपी सरकार आने के बाद काम शुरू हुआ. राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के जरिए कंसल्टेंसी नियुक्त किया गया और नया मंत्रालय, एचओडी बिल्डिंग समेत नया रायपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया.
उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार बनने के बाद केवल शिलालेख रखा गया था, वहां किसी तरह से काम शुरू नहीं किया गया था. बीजेपी सरकार आने के बाद नवा रायपुर का काम शुरू हुआ था.'