रायपुर: बस्तर के 'मां दंतेश्वरी हर्बल समूह' के संस्थापक डॉ. राजाराम त्रिपाठी को कृषि के क्षेत्र में बेहद प्रतिष्ठित 'कृषि उद्यमी अवॉर्ड- 2019' से सम्मानित किया गया है. देश के जैविक हर्बल किसानों को खेती की जानकारी और मार्केटिंग सुविधा प्रदान करने के साथ ही देश के किसानों के लिए काली मिर्च, स्टीविया, सफेद मूसली, ऑस्ट्रेलियन टीक आदि की उच्च लाभदायक और नई किस्मों के विकास के लिए यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड दिया गया.
इस सम्मान के लिए डॉ. त्रिपाठी का चयन करने वाले जूरी काउंसिल में डॉ. एस स्वामीनाथन, उच्च न्यायालय के जस्टिस, भारतीय कृषि मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी शामिल थे.
प्रदेश के कोंडागांव के डॉ. त्रिपाठी को यह अवॉर्ड उनके नेतृत्व में CHAMF (सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन) ने देश के किसानों को उच्च लाभदायक जैविक खेती, हर्बल खेती की तरफ उन्मुख करने और इसके साथ ही मुख्य रूप से किसानों के उत्पादन को बाजार दिलाने में मदद करने के लिए दिया गया है.
डॉ. त्रिपाठी को यह अवॉर्ड दिए जाने से प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है. उन्होंने इस सम्मान को बस्तर की माटी को समर्पित किया है.
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ETV भारत को किया धन्यवाद
अवॉर्ड मिलने के बाद डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि, 'मैं धन्यवाद करता हूं ETV भारत का, जिसने किसानों के हित में प्रमुखता से खबर को दिखाया. मेरे और किसानों से जुड़ी खबरों को जन-जन तक पहुंचाया. मैं ये अवॉर्ड बस्तर की माटी और उन सभी आदिवासी किसान भाइयों को समर्पित करना चाहता हूं, जिन्होंने कई साल से खेती में अपना योगदान दिया है.'
ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर
कोंडागांव के रहने वाले किसान डॉक्टर त्रिपाठी के खेती के प्रति प्रेम और अनोखी पहल की जानकारी मिलने के बाद ETV भारत ने उनकी खबर प्रमुखता से दिखाई थी. जिसमें हमने ये दिखाया था कि कैसे डॉक्टर त्रिपाठी सफेद मुसली के साथ ही काली मिर्च की फसल बस्तर में सफलतापूर्वक उगा रहे हैं और अन्य किसानों को भी लाभान्वित कर रहे हैं. लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार दे रहे हैं. डॉक्टर त्रिपाठी को इस खेती के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.
सरकारी नौकरी छोड़ किसानी का रुख करने वाले त्रिपाठी ने पहले सफेद मुसली की व्यापक पैमाने पर खेती की और इसके बाद उन्होंने काली मिर्च की ओर रुख किया. ETV भारत की टीम जब कोंडागांव में त्रिपाठी के फार्म हाउस पहुंची तो यहां का नजारा देखने लायक था. यहां ऑस्ट्रेलियन टिक के बड़े-बड़े पेड़ों पर काली मिर्च की लहलहाती लताएं देखकर हम दंग रह गए.