ETV Bharat / state

SPECIAL: लॉकडाउन में गैजेट्स टाइमपास के साथ आंखें कर रहे हैं खराब

लॉकडाउन में सोशल मीडिया टाइमपास का एक बड़ा जरिया बन गया है. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविजन पर ज्यादा समय बिताने से रायपुर में आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगी हैं, ज्यादातर यूथ और कम उम्र के बच्चे हर रोज क्लीनिक में आंखों की समस्या से परेशान होकर पहुंच रहे हैं.

raising eye problems in raipur by spending more time on electronic gadgets
लॉकडाउन में बढ़ी आंखों की समस्याएं
author img

By

Published : May 7, 2020, 4:21 PM IST

Updated : May 7, 2020, 9:05 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस को लेकर चल रहे लंबे लॉकडाउन ने लोगों की दिनचर्या को बदल कर रख दिया है. इस बदली हुई दिनचर्या का असर लोगों पर दिखने लगा है. लॉकडाउन के दौरान पिछले 40 दिनों से भी ज्यादा समय से लोग सोशल मीडिया और दूसरे प्लेटफार्म पर अपना वक्त बिता रहे हैं. गैजेट्स के इस्तेमाल का दुष्प्रभाव लोगों के शरीर पर दिखने लगा है. उनकी आंखें खराब होने लगी हैं. ज्यादातर लोग आंखों की ड्राइनेस जैसी समस्या से जूझ रहे हैं.

लॉकडाउन में बढ़ी आंखों की समस्याएं

दिनभर मोबाइल, लैपटॉप देखने से परेशानी
दिनभर ऑफिस और अपने काम में व्यस्त रहने वाले लोग लंबे समय से कोरोना के लॉकडाउन के कारण अपने-अपने घरों में फंसे हुए हैं. ऐसे में शारीरिक गतिविधियां भी न के बराबर हो रही हैं. लोगों का ज्यादातर समय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ ही बीत रहा है. इनमें टेलीविजन, मोबाइल और लैपटॉप के साथ लोग जरूरत से ज्यादा समय बिता रहे हैं. यही वजह है कि अब लोगों की आंखों में कोरोना का साइड इफेक्ट दिखने लगा है. ETV भारत से चर्चा करते हुए EYE स्पेशलिस्ट डॉक्टर दिनेश मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोग मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं, जिससे ज्यादातर लोगों में आंखों की समस्या आ रही है. क्लीनिक में हर रोज युवा और कम उम्र के बच्चे पहुंच रहे हैं.

ऐसे स्वस्थ रहेंगी आंखें-

  • मोबाइल या लैपटॉप यूज करते समय एंटी रिफ्लेक्टिव लेंस का करें यूज.
  • मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप यूज करते समय थोड़ी दूरी रखें.
  • 1 मिनट में 15 बार पलकें जरूर झपकाएं.
  • पलक झपकने से सूखापन कम होता है.
  • ड्राइनेस हो तो ल्यूब्रिकेशन आई ड्रॉप डालें.
  • रूम लाइट से कम रखें स्क्रीन की ब्राइटनेस.
  • मोबाइल यूज करते समय मोबाइल को हमेशा अपनी नजरों से नीचे रखें.
  • लेटे हुए मोबाइल यूज न करें.
  • आंखों में ज्यादा परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.


चश्मा दुकान संचालक भी बता रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी सेवाओं के तहत कुछ समय के लिए उन्हें दुकान खोलने की छूट मिली है, दुकान खोलने के युवा चश्मा बनवाने पहुंच रहे हैं. वहीं युवा भी मान रहे हैं कि साधारण दिनों के मुकाबले मोबाइल का उपयोग अब ज्यादा हो रहा है. कोरोना वायरस प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से प्रभावित कर रहा है. जिससे दोनों ही रूपों में इसका असर काफी घातक साबित हो रहा है.

रायपुर: कोरोना वायरस को लेकर चल रहे लंबे लॉकडाउन ने लोगों की दिनचर्या को बदल कर रख दिया है. इस बदली हुई दिनचर्या का असर लोगों पर दिखने लगा है. लॉकडाउन के दौरान पिछले 40 दिनों से भी ज्यादा समय से लोग सोशल मीडिया और दूसरे प्लेटफार्म पर अपना वक्त बिता रहे हैं. गैजेट्स के इस्तेमाल का दुष्प्रभाव लोगों के शरीर पर दिखने लगा है. उनकी आंखें खराब होने लगी हैं. ज्यादातर लोग आंखों की ड्राइनेस जैसी समस्या से जूझ रहे हैं.

लॉकडाउन में बढ़ी आंखों की समस्याएं

दिनभर मोबाइल, लैपटॉप देखने से परेशानी
दिनभर ऑफिस और अपने काम में व्यस्त रहने वाले लोग लंबे समय से कोरोना के लॉकडाउन के कारण अपने-अपने घरों में फंसे हुए हैं. ऐसे में शारीरिक गतिविधियां भी न के बराबर हो रही हैं. लोगों का ज्यादातर समय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ ही बीत रहा है. इनमें टेलीविजन, मोबाइल और लैपटॉप के साथ लोग जरूरत से ज्यादा समय बिता रहे हैं. यही वजह है कि अब लोगों की आंखों में कोरोना का साइड इफेक्ट दिखने लगा है. ETV भारत से चर्चा करते हुए EYE स्पेशलिस्ट डॉक्टर दिनेश मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोग मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं, जिससे ज्यादातर लोगों में आंखों की समस्या आ रही है. क्लीनिक में हर रोज युवा और कम उम्र के बच्चे पहुंच रहे हैं.

ऐसे स्वस्थ रहेंगी आंखें-

  • मोबाइल या लैपटॉप यूज करते समय एंटी रिफ्लेक्टिव लेंस का करें यूज.
  • मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप यूज करते समय थोड़ी दूरी रखें.
  • 1 मिनट में 15 बार पलकें जरूर झपकाएं.
  • पलक झपकने से सूखापन कम होता है.
  • ड्राइनेस हो तो ल्यूब्रिकेशन आई ड्रॉप डालें.
  • रूम लाइट से कम रखें स्क्रीन की ब्राइटनेस.
  • मोबाइल यूज करते समय मोबाइल को हमेशा अपनी नजरों से नीचे रखें.
  • लेटे हुए मोबाइल यूज न करें.
  • आंखों में ज्यादा परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.


चश्मा दुकान संचालक भी बता रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी सेवाओं के तहत कुछ समय के लिए उन्हें दुकान खोलने की छूट मिली है, दुकान खोलने के युवा चश्मा बनवाने पहुंच रहे हैं. वहीं युवा भी मान रहे हैं कि साधारण दिनों के मुकाबले मोबाइल का उपयोग अब ज्यादा हो रहा है. कोरोना वायरस प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से प्रभावित कर रहा है. जिससे दोनों ही रूपों में इसका असर काफी घातक साबित हो रहा है.

Last Updated : May 7, 2020, 9:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.