ETV Bharat / state

RTE: 35 हजार सीट इस साल भी खाली, ऐसे पूरा होगा शिक्षित भारत का सपना? - स्कूल शिक्षा विभाग

छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पाल का कहना है कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी गरीब बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

स्कूल छात्र
author img

By

Published : Jun 18, 2019, 7:09 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 7:19 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश में शिक्षा का अधिकार को लेकर निजी स्कूलों पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

35 हजार सीट इस साल भी खाली, ऐसे पूरा होगा शिक्षित भारत का सपना?

छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पाल का कहना है कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी गरीब बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने की नियत से कम सीटों पर गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिया जा रहा है.

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
क्रिस्टोफर पाल का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर सुनियोजित तरीकों से खाली सीटों पर गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण प्रदेश के हजारों गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. वहीं सरकार भी इसके लिए कुछ नहीं कर रही है.

कोर्ट के आदेश का पालन नहीं
पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि बिलासपुर हाई कोर्ट ने 2016 में एक आदेश दिया था. जिसमें कहा गया था प्रदेश में आरटीई के तहत सभी खाली सीटों को भरा जाएगा, लेकिन सत्र 2018-19 में 43 हजार सीट खाली रह गई. जिसका लाभ निजी स्कूल संचालक उठा रहे हैं. इसके बाद सत्र 2019-20 में भी लगभग 35 हजार सीट खाली पड़ी हैं.

खाली जगह पर बच्चों का भरा जाए
छत्तीसगढ़ में नया सेशन 1 अप्रैल से शुरू हो गया है. गर्मी की छुट्टी के बाद 24 जून से स्कूल भी खुल जाएंगे, लेकिन 35 हजार सीट अब भी खाली पड़ी हैं. क्रिस्टोफर पाल का कहा, 'हमारी सरकार से दो मांग हैं. इसमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम में पिछले तीन साल से खाली पदों को भरा जाए और दूसरा आरटीई के तहत समिति या आयोग न बनाकर कानून बनाया जाए. जैसे दिल्ली में कानून बनाया गया है.'

रायपुर: छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश में शिक्षा का अधिकार को लेकर निजी स्कूलों पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

35 हजार सीट इस साल भी खाली, ऐसे पूरा होगा शिक्षित भारत का सपना?

छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पाल का कहना है कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी गरीब बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने की नियत से कम सीटों पर गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिया जा रहा है.

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
क्रिस्टोफर पाल का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर सुनियोजित तरीकों से खाली सीटों पर गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण प्रदेश के हजारों गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. वहीं सरकार भी इसके लिए कुछ नहीं कर रही है.

कोर्ट के आदेश का पालन नहीं
पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि बिलासपुर हाई कोर्ट ने 2016 में एक आदेश दिया था. जिसमें कहा गया था प्रदेश में आरटीई के तहत सभी खाली सीटों को भरा जाएगा, लेकिन सत्र 2018-19 में 43 हजार सीट खाली रह गई. जिसका लाभ निजी स्कूल संचालक उठा रहे हैं. इसके बाद सत्र 2019-20 में भी लगभग 35 हजार सीट खाली पड़ी हैं.

खाली जगह पर बच्चों का भरा जाए
छत्तीसगढ़ में नया सेशन 1 अप्रैल से शुरू हो गया है. गर्मी की छुट्टी के बाद 24 जून से स्कूल भी खुल जाएंगे, लेकिन 35 हजार सीट अब भी खाली पड़ी हैं. क्रिस्टोफर पाल का कहा, 'हमारी सरकार से दो मांग हैं. इसमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम में पिछले तीन साल से खाली पदों को भरा जाए और दूसरा आरटीई के तहत समिति या आयोग न बनाकर कानून बनाया जाए. जैसे दिल्ली में कानून बनाया गया है.'

Intro:

रायपुर छत्तीसगढ़ पैरंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पाल ने प्रेस वार्ता के माध्यम से यह जानकारी दिया कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत गरीब बच्चों को समुचित लाभ नहीं मिल रहा है स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचनालय के द्वारा निजी स्कूलों को अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने की नियत से कम सीटों पर गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर सुनियोजित ढंग से रिक्त सीटों पर गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण हजारों पात्र गरीब बच्चे प्रत्येक वर्ष निशुल्क शिक्षा से वंचित हो रहे हैं


Body:

पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि उच्च न्यायालय बिलासपुर में वर्ष 2016 में यह आदेश दिया था कि आरटीई के अंतर्गत सभी रिक्त सीटों को भरा जाए लेकिन सत्र 2018 19 में 43 हजार रिक्त सीटों को भरा नहीं गया इसका सीधा लाभ निजी स्कूलों को मिला इस सत्र 2019 20 में भी लगभग 35 हजार सीट अभी भी रिक्त है कई प्राइवेट स्कूल 1 अप्रैल से आरंभ हो चुके हैं और कुछ स्कूल 24 जून से आरंभ हो जाएंगे लेकिन आरटीई के अंतर्गत चयनित गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा सका है


Conclusion:

पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि इन्होंने सरकार से दो मांग की है जिसमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम में पिछले 3 सालों से जिन पदों को नहीं भरा गया है उन्हें भरा जाए और दूसरा आरटीई के तहत समिति या आयोग ना बना कर कानून बनाया जाए जैसे कि दिल्ली में कानून बनाया गया जिससे कोई भी स्कूल मनमाने तरीके से फीस ना वसूल सके


बाइट क्रिस्टोफर पाल अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन रायपुर

रितेश तंबोली ईटीवी भारत रायपुर


Last Updated : Jun 18, 2019, 7:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.