रायपुर: पुलिस नशे के अवैध कारोबार (illegal drug trade ) के खिलाफ तेजी से कार्रवाई कर रही है. मंदिर हसौद और सरस्वती नगर थाना इलाके में पुलिस ने गांजा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पुलिस ने तस्करों से मदिर हसौद इलाके में 1 क्विंटल और सरस्वती नगर इलाके में 7 गांजा जब्त किया है. जब्त गांजे की कीमत 40 लाख रुपए बताई जा रही है. पुलिस ने गांजे के साथ ही 7 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. (drug trade in chhattisgarh )
ओडिशा से जुड़ रहे गांजा तस्करी के तार
गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार सात आरोपियों में से 5 आरोपी ओडिशा राज्य के निवासी हैं. 2 आरोपी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. इनके पास से पुलिस ने गांजा के अलावा 2 चार पहिया वाहन भी जब्त किए हैं. जब्त वाहन की कीमत लगभग 25 लाख रुपए बताई जा रही है.
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लावारिस हालत में मिला वाहन
राजधानी के सरस्वती नगर थाना अंतर्गत कोटा इलाके में लावारिस हालत में ट्रक खड़ी थी. इसे सीएसपी अंकिता शर्मा के नेतृत्व में चेक किया गया. पुलिस टीम ने ट्रक से 7 क्विंटल गांजा बरामद किया है. जिसकी कीमत लगभग 35 लाख रुपए बताई जा रही है. लावारिस हालत में खड़ी ट्रक की तलाशी लेने पर नमक की बोरियों के बीच में गांजा को छुपा कर रखा गया था. पुलिस ने गांजा के साथ ट्रक को जप्त कर लिया है. लेकिन इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. ट्रक कहां से आया और किसने 7 क्विंटल गांजा की तस्करी की है, फिलहाल इन सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है. (Hemp seized in raipur )
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1 क्विंटल गांजा जब्त
मंदिर हसौद इलाके में गांजा तस्करों से पुलिस ने 1 क्विंटल गांजा जब्त किया है. ओडिशा से गांजा को मध्य प्रदेश ले जाया जा रहा था. साइबर सेल और मंदिर हसौद की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की है. गिरफ्तार किए गए सात गांजा तस्कर में से पांच ओडिशा के रहने वाले हैं. साथ ही दो गांजा तस्कर छत्तीसगढ़ के हैं. आरोपियों के कब्जे से मंदिर हसौद पुलिस ने 1 क्विंटल गांजा सहित दो चार पहिया वाहन भी जब्त किए हैं. आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की है. ओडिशा के रहने वाले पांच आरोपी त्रिलोचन बाघ, लक्ष्यपति साहू, लक्ष्मीकांत मोहरे, सदानंद भोई, लूरपराज प्रधान है. छत्तीसगढ़ के कांकेर का संतोष पाल और दुर्ग का भरत गुप्ता आरोपियों में शामिल हैं.
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क्या है एनडीपीएस एक्ट ?
छत्तीसगढ़ में नशे के कारोबार खिलाफ पुलिस लगातार बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रही है. इस दौरान पुलिस NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई करती है. (NDPS Act ) ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर एनडीपीएस एक्ट क्या है? (What is NDPS Act )
NDPS एक्ट का फूलफार्म नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट है. इस कानून को नशीली दवा और मादक पदार्थ अधिनियम 1985 भी कहा जाता है. हिंदी में इसे स्वापक औषधि और मन प्रभावी अधिनियम 1985 कहते हैं. क्योकि साल 1985 में इसे पास किया गया था. इसे नशीले पदार्थों के सेवन, बेचने और बनाने से रोकने के लिए तैयार किया गया. कानून भारत में व्यक्ति को मादक दवाओं को बनाने, उत्पादन करने, खेती करने, स्वामित्व रखने, खरीदी करने,भण्डारण करने, परिवहन करने और उपभोग करने के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित करता है. सरकार एनडीपीएस एक्ट के तहत नशीले पदार्थों पर नियंत्रण करती है. क्योंकि कई नशीले पदार्थों का उत्पादन किया जाता है. इस कानून में 3 बार बदलाव भी किए जा चुके हैं. साल 1988, 2001 और साल 2014 में बदलाव किए गए थे.