रायपुर: टीम इंडिया के सबसे अनुभवी खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी के बारे में कहा जा रहा है कि वे विश्वकप के बाद वन-डे क्रिकेट से भी संन्यास ले सकते हैं.
राजधानी के क्रिकेटप्रेमियों की इस पर मिली-जुली राय है. कुछ लोग मानते हैं कि धोनी की फिटनेस अच्छी है और अभी कुछ साल और देश के लिए खेल सकते हैं जबकि कुछ लोगों का कहना है कि खिलाड़ी अपने
सफलता के दौर में ही फिट रहते हुए रिटायरमेंट ले लेता है, तो उसका सम्मान हमेशा बना रहता है और अन्य युवाओं को भी मौका मिलता है.
खैर अभी टीम इंडिया इंग्लैंड में अपना तीसरा विश्वकप जीतने के लिए मेहनत कर रही है. इस महासंग्राम के बाद ही धोनी अपने भविष्य का फैसला लेंगे.
विश्व विजेता कप्तान हैं धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी साल 2011 विश्वकप में टीम इंडिया को अपनी कप्तानी में वर्ल्ड चैम्पियन बना चुके हैं. उनको विश्व का बेहतरीन फिनिशर माना जाता है. बल्लेबाजी के साथ ही बेहतरीन विकेट किपिंग और कुशल रणनीतिकार होना धोनी की सबसे बड़ी खासियत है.
डीआरएस के फैसले लेने में मददगार
धोनी विकेट के पीछे बेहद चौकन्ने रहते हैं. यही वजह है कि डीआरएस लेने के मौकों पर उनकी राय सबसे ज्यादा अहमियत रखती है इसलिए धोनी के विकल्प जल्द खोज पाना बीसीसीआई के लिए आसान नहीं होगा.