रायपुर : राजधानी धीरे-धीरे नगर से महानगर का रूप लेता जा रहा है. जनसंख्या बढ़ने के साथ ही शहर में जगह की कमी भी महसूस होने लगी है. ऐसे में लोग गली मोहल्लों के आलावा गेटेड कॉलोनी में रहने लगे हैं. क्योंकि यहां पर सिक्योरिटी के साथ ही अन्य सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है. रात में लोग बेख़ौफ होकर चैन की नींद सोते हैं.
अकेले राजधानी रायपुर में लगभग 1500 सोसाइटी होंगे. जहां पर एक-एक सोसाइटी और कॉलोनियों में लगभग 100 से 150 फ्लैट और मकान होंगे. ऐसी जगहों पर रहने वाले लोगों को एक ही छत के नीचे कई तरह की सुविधाएं मिलती है. इसमें गार्डन स्वीमिंग पूल, जिम पार्किंग एरिया और शॉपिंग कॉम्पलेक्स के साथ ही सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम होते हैं. इस वजह से भी लोग गेटेड सोसायटी में रहना पसंद करते हैं.
गेटेड सोसायटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गेटेड सोसायटी में सुरक्षा गार्डों के साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाएं गए हैं. ताकि सुरक्षा मजबूत रहे. यहां के रहवासी बेखौफ होकर कहीं भी आना-जाना आसानी से कर सकते हैं. चोरी या फिर किसी तरह के अपराध घटित होने पर इसकी सूचना गेटेड सोसायटी में आसानी से मिल जाती है.
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गेटेड सोसायटी में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित
गेटेड सोसायटी में विशेषकर बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक है. इसमें सेल्समैन, फेरीवाले या फिर कोरियर वालों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है. गेटेड सोसायटी में रहने वाले लोगों के परिजन दोस्त, यार या फिर रिश्तेदार आते हैं तो सुरक्षा गार्ड पूरी तस्दीक करने के बाद ही उन्हें अंदर जाने की अनुमति देते हैं.
कवर्ड कैंपस की वजह से लोगों का बढ़ा रुझान
गेटेड समुदाय का दूसरा पहलू यह भी है कि अब लोग ट्रैफिक के शोरगुल और प्रदूषण से दूरी चाहते हैं. ऐसे में लोगों का ध्यान गेटेड समुदाय की ओर आकर्षित हो रहा है.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गेटेड कॉलोनी और सोसायटी में सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से यहां पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती की जाती है. जो दिन और रात चौबीसों घंटे गेट पर पहरा देते हैं. रात 11 बजे किसी से मिलने कोई अंजान व्यक्ति आता है तो उन्हें गेट से ही वापस भेज दिया जाता है. उसे मिलने के लिए सुबह का समय दे दिया जाता है.
वाहनों में लगे स्टिकर से पहचान
गेटेड समुदाय में रहने वाले लोगों के दोपहिया और चार पहिया वाहनों में पहचान के लिए एक अलग तरह का स्टीकर लगाया जाता है. इससे सुरक्षा गार्ड गेटेड सोसायटी में रहने वाले लोगों की आसानी से पहचान की जाती है. इसके बाद उन्हें प्रवेश दिया जाता है.