रायपुर / राजनांदगांव/मुंगेली/दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ में टिकटों के ऐलान के बाद कांग्रेस की मुश्किलें अब बढ़ने लगी है.बस्तर,दुर्ग और बिलासपुर संभाग में टिकट वितरण से नाराज कांग्रेस नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं. राजनांदगांव में कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व महापौर नरेश डाकलिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया.
राजनांदगांव में कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत : कांग्रेस से टिकट का दावा करने पर जब उन्हें टिकट नहीं मिली तो नरेश डाकलिया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूद गए.नरेश डाकलिया की माने तो राजनांदगांव से नामांकन फॉर्म भरने के लिए समर्थकों का कॉल आया था. इसी कारण से चुनाव लड़ने का मन बनाया है. राजनांदगांव का सम्मान आहत होता है क्योंकि इसके पहले भी चुनाव में बाहरी प्रत्याशियों को मौका दिया गया था.
गिरीश देवांगन को लेकर नाराजगी : आपको बता दें कांग्रेस ने सीएम भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले गिरीश देवांगन पर राजनांदगांव विधानसभा सीट पर भरोसा जताया है. जिसे लेकर स्थानीय कांग्रेसी नेताओं में नाराजगी देखी जा रही है. नरेश डाकलिया ने नामांकन भरने के सवाल पर कहा कि सैकड़ो समर्थकों की ओर से आदेश मिला कि उन्हें चुनाव में ताल ठोकना चाहिए.
''राजनांदगांव के सम्मान में नरेश डाकलिया मैदान में इसी सोच को लेकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भरा है. हमारी जितनी भी राष्ट्रीय पार्टियां हैं. खास तौर पर कांग्रेस और बीजेपी ये राजनांदगांव के लिए दुर्भाग्यपूर्ण की दोनों ही पार्टियों को यहां का लोकल व्यक्ति नहीं मिला. आज यदि शहर के किसी भी आदमी को समस्या होगी तो कवर्धा, रायपुर या खरोरा जाएंगे.'' नरेश डाकलिया, निर्दलीय प्रत्याशी
लोरमी में भी कांग्रेस के अंदर अंतर्कलह : राजनांदगांव के बाद लोरमी में मुंगेली जिला कांग्रेस अध्यक्ष सागर सिंह ने मोर्चा खोल दिया है.टिकट नहीं मिलने से नाराज सागर सिंह ने लोरमी के प्रत्याशी को बाहरी बताया.इसके साथ ही कांग्रेस संगठन समेत बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मुंगेली कांग्रेस जिलाध्यक्ष सागर सिंह बैस दो दिनों के अंदर कांग्रेस पार्टी और पद से इस्तीफा देकर लोरमी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
12 साल से किया संघर्ष : सागर सिंह की माने तो उन्होंने पिछले बारह साल से पार्टी का झंडा ऊंचा किया. विपक्ष में रहने के दौरान बीजेपी के खिलाफ ना जाने कितने धरना प्रदर्शन किए.लेकिन पार्टी ने टिकट के समय उन्हें दरकिनार कर दिया.सागर सिंह ने सर्वे पर भी सवाल उठाते हुए.बाहरी को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया है.
''अचानक संगठन ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जो सर्वे में शून्य है, जो आयोग का अध्यक्ष है. मेरा कहना है कहां है राहुल गांधी ने जो टिकट वितरण का मापदण्ड बनाया था. लोरमी की जनभावनाओं के साथ दोबारा खिलवाड़ किया है. 2018 चुनाव में भी इसी तरह प्रत्याशी चयन में त्रुटियां थी. जिसका परिणाम ये रहा कि तीन स्टेट के चुनाव में सबसे कम लोरमी विधानसभा के प्रत्याशी को वोट मिला. मैं चैलेंज करता हूं 262 बूथ का यदि नाम बता देंगे तो मैं राजनीति से इस्तीफा दे दूंगा.''सागर सिंह, बागी कांग्रेस नेता
बस्तर में भी पहुंची बगावती आग : पहले कांकेर,फिर राजनांदगांव और लोरमी और उसके बाद कांग्रेस के बस्तर ईकाई में भी बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं. दंतेवाड़ा के कांग्रेस कार्यकर्ता अमुलकर नाग ने नामांकन के आखिरी दिन निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा.इस दौरान अमुलकर नाग ने कहा कि कांग्रेस में हमेशा एक ही परिवार को तवज्जो दी जा रही है. जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की लगतार उपेक्षा की जा रही है. एक विशेष परिवार को ही पार्टी तरजीह दे रही है.
''लोकतंत्र में सभी नागरिकों को चुनाव लड़ने का अधिकार है. उसी अधिकार के तहत नामांकन भरा है.कांग्रेस पार्टी से कोई दिक्कत नहीं है.दंतेवाड़ा जिले में लगातार भ्रष्टाचार हावी है. उस भ्रष्टाचार पर नकेल कसती नजर नहीं आ रही है. इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे और वोट मांगेंगे.'' अमुलकर नाग, बागी कांग्रेस नेता
कांग्रेस बीजेपी में बगावती सुर : आपको बता दें कि दोनों ही प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने पर नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है. वहीं नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस से बगावत कर पूर्व महापौर और कांग्रेसी नेता नरेश डाकलिया ने राजनांदगांव विधानसभा से अपना नामांकन भरा है. राजनांदगांव में पहले चरण में 7 नवंबर को मतदान होना हैं. आज नामांकन प्रक्रिया का आखिरी दिन था 23 अक्टूबर तक नाम वापसी के लिए अंतिम दिन है.