रायपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचीं हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हो रहीं हैं. वह घड़ी चौक स्थित गुरु घासीदास संग्रहालय भी जाएंगी. इस म्यूजियम में राष्ट्रपति, छत्तीसगढ़ से जुड़ी हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता और प्राचीन कलाकृतियों को देखेंगी.
क्यों खास है गुरु घासीदास संग्रहालय ? : छत्तीसगढ़ की संस्कृति, सभ्यता और प्राचीन कलाकृतियों को देखने में आपको कई दिन लग जाएंगे. लेकिन राजधानी रायपुर में गुरु घासीदास संग्रहालय है, जहां पर्यटक एक ही दिन में पूरा छत्तीसगढ़ घूम सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि गुरु घासीदास संग्रहालय में मिनी छत्तीसगढ़ बसा हुआ है. यहां पर्यटकों को 1 दिन में ही छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, सभ्यता, छत्तीसगढ़ का इतिहास को समझने का मौका मिलता है.
ऐतिहासिक धरोहरों का संग्रह है यह म्यूजियम: छत्तीसगढ़ पहले दक्षिण कौशल या कौशल प्रदेश के नाम से भी जाना जाता था. गुरु घासीदास संग्रहालय का निर्माण 1875 में हुआ था. गुरु घासीदास संग्रहालय में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता से जुड़े साक्ष्य रखे गए हैं. गुरु घासीदास संग्रहालय में पुराने लेख, आदिवासियों और वनवासियों से जुड़ी संस्कृति, राज्य संरक्षित स्मारकों की प्रतिकृतियां, फोटोग्राफ्स और छत्तीसगढ़ में खुदाई के दौरान जितनी भी प्राचीन मूर्तियां, छत्तीसगढ़ के प्राचीन आभूषण, युद्धक हथियार मिली हुई है, वह भी यहां पर मौजूद है. यहां एक ही दिन में किसी भी पर्यटक को पूरे छत्तीसगढ़ के दर्शन हो जाएंगे.