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चिरमिरी नगर निगम में बगावती बिगुल, विनय जायसवाल के लिए कार्यकर्ता असंतुष्ट, कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी - CG CIVIC ELECTIONS 2025

चिरमिरी नगर निगम में विनय जायसवाल मेयर प्रत्याशी बनाने पर बवाल हो रहा है.पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दिया है.

Rebellion in Congress
चिरमिरी नगर निगम में बगावती बिगुल (CG CIVIC ELECTIONS 2025)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 28, 2025, 1:43 PM IST

Updated : Jan 28, 2025, 2:34 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव 2025 में चिरमिरी नगर निगम में कांग्रेस के अंदर बागवती सुर दिखाई दे रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह चिरमिरी नगर निगम में महापौर प्रत्याशी के नाम को लेकर है. चिरमिरी में कांग्रेस ने महापौर का प्रत्याशी पूर्व विधायक विनय जायसवाल को बनाया है.जिनकी पत्नी कंचन जायसवाल इससे पहले महापौर थीं. जैसे ही विनय जायसवाल के नाम का ऐलान हुआ,वैसे ही निगम के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और टिकट की आंस लगाए दावेदारों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.


कार्यकर्ताओं ने चुनाव बहिष्कार की दी धमकी : चिरमिरी निगम की बात करें तो पार्टी की कार्यकर्ता रेहाना नियाजी और अन्य महिला नेताओं ने पार्षद और मेयर प्रत्याशी के टिकट वितरण पर सवाल उठाए.रेहाना ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता 25 साल से झंडा उठाए खड़ा रहता है.लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है तो बागी लोगों को पद बांट दिया जाता है. चिरमिरी में जिस तरह से मेयर का टिकट बांटा गया है उसे देखकर यही लगता है कि कहीं ना कहीं ये पैसे देकर खरीदा गया टिकट है. पहले विधायक ने अपने पत्नी को महापौर बनाया.इसके बाद जब दोबारा निगम के चुनाव हुए तो खुद दावेदार बन गए.ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी है. चिरमिरी नगर निगम का नाम बदलकर जायसवाल नगर कर देना चाहिए.

विनय जायसवाल के लिए कार्यकर्ता असंतुष्ट, कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी (CG CIVIC ELECTIONS 2025)

मुझे भी वार्ड पार्षद पद के लिए दावेदारी का मौका मिला था. लेकिन मेयर पद के लिए जो निर्णय लिया गया, उसमें पारदर्शिता की कमी है. ऐसा लग रहा है कि चिरमिरी कांग्रेस में अब लोकतंत्र की जगह परिवारवाद ने ले ली है- रेहाना नियाजी, कांग्रेस कार्यकर्ता

वरिष्ठ नेताओं ने जताया विरोध : चिरमिरी में सिर्फ कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अब पार्टी के उठाए गए कदम से नाराज दिख रहे हैं.नेताओं को उम्मीद थी कि इस बार टिकट वितरण में किसी भी तरह की कोई गलती नहीं होगी.लेकिन ऐसा नहीं हुआ.विनय जायसवाल का नाम सामने आने के बाद वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के फैसले पर आपत्ति जताई.कांग्रेस का ये चेहरा पहली बार सामने नहीं आया है.पार्टी में गुटबाजी और चहेतों को बढ़ावा देने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. वरुण शर्मा जो 1974 से कांग्रेस से जुड़े हैं.उन्होंने भी पार्टी के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है.साथ ही साथ फैसला नहीं बदलने पर आगामी निकाय चुनाव में मजा चखाने की धमकी दी है.

यह पहली बार है कि पार्टी ने संगठन की बजाय व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता दी है.कांग्रेस पार्टी ने जीतने वाले प्रत्याशी की टिकट काटकर ऐसे प्रत्याशी को टिकट दे दिया है जो पार्षद प्रत्याशी के तौर पर पांच वोट नहीं पा सकते हैं.एक ही परिवार में डबल-डबल महापौर की नियुक्ति करना ये कहां तक जायज है.आने वाले चुनाव में जनता इनको सबक सिखाएगी.महंत जी बहुत अच्छे व्यक्ति हैं,लेकिन उन्होंने हमारी जुबान बंद रखकर विधायक के लिए दूसरों का टिकट काट दिया.जिससे हम असंतुष्ट होकर पार्टी को अलविदा कहते हैं - वरुण शर्मा, वरिष्ठ नेता कांग्रेस

पार्टी में एक ही परिवार को बार-बार टिकट दिया जाना अनुचित है. इस बार मैं चुनाव में किसी भी तरह का प्रचार नहीं करूंगा और ना ही पार्टी का साथ दूंगा. कांग्रेस ने केवल अपने चहेतों को महत्व दिया है, जबकि समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है.जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है- ओमप्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष का इस्तीफा : वहीं ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बलदेव दास ने विनय जायसवाल को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बलदेव दास ने कहा कि पार्टी ने चुनाव को लेकर जो नियम बनाए थे, उसके अनुसार ब्लॉक स्तर पर दावेदारों की सूची तैयार होनी थी. लेकिन विनय जायसवाल का नाम इस सूची में नहीं था.

यह निर्णय संगठन की भावनाओं के खिलाफ है. इससे मैं आहत हूं. मैंने अपना इस्तीफा जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दिया है.आगामी चुनाव में मैं पार्टी के लिए किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं करुंगा- बलदेव दास, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष

वहीं दूसरी ओर पार्टी के दिग्गज नेताओं ने विनय जायसवाल को मेयर कैंडिडेट बनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

विनय जायसवाल को टिकट जीतने की क्षमता और उनके अनुभव को देखते हुए दिया गया है.हमने हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता की भावनाओं का ध्यान रखा है. यह फैसला सामूहिक रूप से लिया गया है- जिलाध्यक्ष कांग्रेस

चिरमिरी में कांग्रेस के अंदर खलबली साफ देखी जा रही है. अब देखना ये होगा कि पार्टी इस असंतोष को कैसे शांत करेगी.क्योंकि यदि कार्यकर्ता ही चुनाव में पार्टी का साथ छोड़ देंगे तो कांग्रेस के लिए चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा. परिवारवाद और पैसों के लेनदेन के आरोपों के बाद अब तक विनय जायसवाल की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.लेकिन एक बात साफ है कि नाराज कार्यकर्ताओं को यदि नहीं मनाया गया तो आने वाले दिनों में चिरमिरी में कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है.


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कार्यकर्ताओं ने चुनाव बहिष्कार की दी धमकी : चिरमिरी निगम की बात करें तो पार्टी की कार्यकर्ता रेहाना नियाजी और अन्य महिला नेताओं ने पार्षद और मेयर प्रत्याशी के टिकट वितरण पर सवाल उठाए.रेहाना ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता 25 साल से झंडा उठाए खड़ा रहता है.लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है तो बागी लोगों को पद बांट दिया जाता है. चिरमिरी में जिस तरह से मेयर का टिकट बांटा गया है उसे देखकर यही लगता है कि कहीं ना कहीं ये पैसे देकर खरीदा गया टिकट है. पहले विधायक ने अपने पत्नी को महापौर बनाया.इसके बाद जब दोबारा निगम के चुनाव हुए तो खुद दावेदार बन गए.ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी है. चिरमिरी नगर निगम का नाम बदलकर जायसवाल नगर कर देना चाहिए.

विनय जायसवाल के लिए कार्यकर्ता असंतुष्ट, कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी (CG CIVIC ELECTIONS 2025)

मुझे भी वार्ड पार्षद पद के लिए दावेदारी का मौका मिला था. लेकिन मेयर पद के लिए जो निर्णय लिया गया, उसमें पारदर्शिता की कमी है. ऐसा लग रहा है कि चिरमिरी कांग्रेस में अब लोकतंत्र की जगह परिवारवाद ने ले ली है- रेहाना नियाजी, कांग्रेस कार्यकर्ता

वरिष्ठ नेताओं ने जताया विरोध : चिरमिरी में सिर्फ कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अब पार्टी के उठाए गए कदम से नाराज दिख रहे हैं.नेताओं को उम्मीद थी कि इस बार टिकट वितरण में किसी भी तरह की कोई गलती नहीं होगी.लेकिन ऐसा नहीं हुआ.विनय जायसवाल का नाम सामने आने के बाद वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के फैसले पर आपत्ति जताई.कांग्रेस का ये चेहरा पहली बार सामने नहीं आया है.पार्टी में गुटबाजी और चहेतों को बढ़ावा देने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. वरुण शर्मा जो 1974 से कांग्रेस से जुड़े हैं.उन्होंने भी पार्टी के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है.साथ ही साथ फैसला नहीं बदलने पर आगामी निकाय चुनाव में मजा चखाने की धमकी दी है.

यह पहली बार है कि पार्टी ने संगठन की बजाय व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता दी है.कांग्रेस पार्टी ने जीतने वाले प्रत्याशी की टिकट काटकर ऐसे प्रत्याशी को टिकट दे दिया है जो पार्षद प्रत्याशी के तौर पर पांच वोट नहीं पा सकते हैं.एक ही परिवार में डबल-डबल महापौर की नियुक्ति करना ये कहां तक जायज है.आने वाले चुनाव में जनता इनको सबक सिखाएगी.महंत जी बहुत अच्छे व्यक्ति हैं,लेकिन उन्होंने हमारी जुबान बंद रखकर विधायक के लिए दूसरों का टिकट काट दिया.जिससे हम असंतुष्ट होकर पार्टी को अलविदा कहते हैं - वरुण शर्मा, वरिष्ठ नेता कांग्रेस

पार्टी में एक ही परिवार को बार-बार टिकट दिया जाना अनुचित है. इस बार मैं चुनाव में किसी भी तरह का प्रचार नहीं करूंगा और ना ही पार्टी का साथ दूंगा. कांग्रेस ने केवल अपने चहेतों को महत्व दिया है, जबकि समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है.जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है- ओमप्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष का इस्तीफा : वहीं ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बलदेव दास ने विनय जायसवाल को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बलदेव दास ने कहा कि पार्टी ने चुनाव को लेकर जो नियम बनाए थे, उसके अनुसार ब्लॉक स्तर पर दावेदारों की सूची तैयार होनी थी. लेकिन विनय जायसवाल का नाम इस सूची में नहीं था.

यह निर्णय संगठन की भावनाओं के खिलाफ है. इससे मैं आहत हूं. मैंने अपना इस्तीफा जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दिया है.आगामी चुनाव में मैं पार्टी के लिए किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं करुंगा- बलदेव दास, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष

वहीं दूसरी ओर पार्टी के दिग्गज नेताओं ने विनय जायसवाल को मेयर कैंडिडेट बनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

विनय जायसवाल को टिकट जीतने की क्षमता और उनके अनुभव को देखते हुए दिया गया है.हमने हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता की भावनाओं का ध्यान रखा है. यह फैसला सामूहिक रूप से लिया गया है- जिलाध्यक्ष कांग्रेस

चिरमिरी में कांग्रेस के अंदर खलबली साफ देखी जा रही है. अब देखना ये होगा कि पार्टी इस असंतोष को कैसे शांत करेगी.क्योंकि यदि कार्यकर्ता ही चुनाव में पार्टी का साथ छोड़ देंगे तो कांग्रेस के लिए चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा. परिवारवाद और पैसों के लेनदेन के आरोपों के बाद अब तक विनय जायसवाल की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.लेकिन एक बात साफ है कि नाराज कार्यकर्ताओं को यदि नहीं मनाया गया तो आने वाले दिनों में चिरमिरी में कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है.


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Last Updated : Jan 28, 2025, 2:34 PM IST
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