रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विधानसभा रोड पर नग्न प्रदर्शन करने वाले 29 आरोपियों की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी गई. थर्ड एडीजे दिलेश कुमार यादव की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है. आरोपियों ने 18 जुलाई को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर नग्न प्रदर्शन किया था.
क्या है पूरा मामला: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन 18 जुलाई को विधानसभा रोड पर एससी एसटी के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया था. उनकी मांग की थी कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने के मामले में कार्रवाई की जाये. मंदिर हसौद पुलिस ने नग्न प्रदर्शन करने वाले एसटी एससी के सभी युवाओं को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया था.
नग्न प्रदर्शन के बाद एक्शन में सरकार: एससी एसटी के युवाओं के द्वारा नग्न प्रदर्शन करने के बाद सरकार हरकत में आई. फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाया. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने 16 विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. जिसके बाद फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट में लंबित प्रकरणों में जल्द सुनवाई पर जोर दिया है. साथ ही विभागों में लंबित प्रकरणों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं.