रायपुर: वंदे भारत एक्सप्रेस में पथराव की घटना के सिलसिले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 7 नाबालिग को पकड़ा. सभी की उम्र 11 से 13 वर्ष के बीच हैं. सातों लड़कों को पकड़कर रायपुर में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया. जहां से सभी लड़कों को समझाने के बाद जमानत पर रिहा किया गया. यह दूसरा मौका था जब पथराव मामले के आरोपी पकड़े गए. 14 जुलाई को वंदे भारत एक्सप्रेस में पथराव से ट्रेन की खिड़की के शीशे टूट गए थे.
जुवेनाइल कोर्ट में क्या हुआ: नाबालिगों की काउंसलिंग की गई और उन्हें भविष्य में ऐसा नहीं करने की समझाइश दी गई. सातों लड़कों को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
कब हुआ वंदेभारत एक्सप्रेस में पथराव: 14 जुलाई को रायपुर जिले के तिल्दा रेलवे स्टेशन के पास पथराव की घटना सामने आई थी, जिससे सी-3 कोच की खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया था. पथराव की घटना के बाद भाटापारा से इंस्पेक्टर आरएस मिश्रा और तिल्दा से सब-इंस्पेक्टर डीके शास्त्री के नेतृत्व में आरपीएफ टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया. इसी बीच जांच के दौरान आरपीएफ को घटना में शामिल लड़कों के बारे में पता चला.
लड़कों ने पथराव से इंकार: आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर शास्त्री ने बताया कि ट्रेन में पथराव करने वाले लड़के रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वाले हैं. पूछताछ करने पर लड़कों ने आरपीएफ को बताया कि जब उन्होंने ट्रेन आती देखी तो वे पक्षियों को निशाना बना रहे थे. उन्होंने ट्रेन का सायरन सुनने की उत्सुकता में पथराव की वारदात को अंजाम दिया, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वंदे भारत ट्रेन से कुछ टकराने पर सायरन अपने आप बज जाएगा.