रायपुर: लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और छत्तीसगढ़ के चुनाव सह प्रभारी मनसुख मांडविया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, अरुण साव, नारायण चंदेल की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए. रिटायर्ड आईएफएस एसडी बड़गैय्या ने भी भाजपा का दामन थामा.
नवंबर में बीजेपी की सरकार बनेगी: बीजेपी में प्रवेश लेने के बाद विधायक धर्मजीत सिंह ने भाजपा की तारीफ करते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए गौरव का दिन है. दुनिया के सबसे बड़े दल बीजेपी का सदस्य बनने का सौभाग्य मिला. सभी दिग्गज नेता मेरे प्रवेश के साक्षी बने, यह मेरे लिए गौरव और सम्मान है. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए धर्मजीत सिंह ने कहा कि उनकी लोकप्रियता चरम पर है. अपनी नीति और नीयत पर अडिग रहने वाले नेता हैं. अमेरिका, जापान और पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्रपति से मिलकर भारत का मान सम्मान बढ़ाते हैं. सिंह ने कहा कि बीजेपी की जीत की रथ यात्रा को कोई रोक नहीं सकता. जनता जब वोट डालेगी तब ईडी सीडी की सरकार खत्म हो जाएगी.
वरिष्ठ नेताओं के सहयोग से विनम्र कार्यकर्ताओं के रूप में काम करने का प्रयास करुंगा. मेरा उद्देश्य होगा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार खत्म कर बीजेपी की सरकार बने. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीतना ही जीतना है.- धर्मजीत सिंह, भाजपा नेता
भूपेश बघेल की धर्मजीत की नसीहत: सीएम भूपेश बघेल ने लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा प्रवेश पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वे अपना बुढ़ापा खराब करने भाजपा में जा रहे हैं.
धर्मजीत को लोरमी की जनता पर विश्वास नहीं रहा, उनको पता हो गया कि अब लोरमी में उनकी हालत ठीक नहीं है, दूसरे सीटों की तरफ जा रहे हैं. धर्मजीत सिंह वैसे भी कांग्रेस में थे, कांग्रेस के बाद जोगी कांग्रेस में गए, जोगी कांग्रेस से भाजपा में जा रहे हैं, तो वे अपना बुढ़ापा ही खराब कर रहे हैं. भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
चुनाव में पता चलेगा, किसका खराब होगा बुढ़ापा: भाजपा में जाकर बुढ़ापा खराब करने वाले सीएम बघेल के बयान पर धर्मजीत सिंह ने पलटवार किया है. धर्मजीत सिंह ने कहा कि 'देखिए बुढ़ापा किसका खराब होगा, नहीं होगा वह तो इस चुनाव में पता चलेगा. अजीत जोगी जब तक जिंदा थे मैं उनके साथ था. वे भाजपा में जाना चाहते थे या नहीं, यह बात उनके साथ खत्म हो गई. मैं जिंदा हूं और मैं जब जिंदा हूं तो मैं अपने विवेक से काम करूंगा.
किसी को मुगालते में रहना है तो वह सोचते रहें. ऐसा मुगालता हमने कई बार कई सरकारों में देखा है. कई को लगता है कि अपनी सरकार आएगी. 70 एक्सट्रीम हो चुका है. 70-75 की बात भूल जाओ, अब सरकार बचाने की बात सोचो. भाजपा की सरकार बनेगी. -धर्मजीत सिंह, भाजपा नेता
भाजपा ने किया छ्त्तीसगढ़ में सरकार बनाने का दावा: लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह सहित अन्य लोगों के पार्टी में प्रवेश को लेकर भाजपाई उत्साहित हैं. भाजपा नेता छ्त्तीसगढ़ में परिवर्तन की हवा चलने और नवंबर में सरकार बनाने का दावा किया है.
एक ऊर्जावान व्यक्ति जो चार बार विधायक रहा हो और जिसने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपनी राजनीतिक दृष्टि से चाहे कांग्रेस हो या जोगी कांग्रेस हो, अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया. निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के श्रेष्ट विधायक के रूप में उनकी भूमिका रही है. ऐसे व्यक्ति के आने से पार्टी को मजबूती प्रदान होती है. धर्मजीत सिंह का मैं स्वागत करता हूं. -रमन सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा
इनके आने से भारतीय जनता पार्टी में और मजबूती आएगी. जो परिवर्तन की हवा चल रही है, इससे निश्चित रूप से नवंबर में छ्त्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का सरकार बनेगी. छत्तीसगढ़ एक बार फिर विकास की ओर बढ़ेगा. छ्त्तीसगढ़ में फिर खुशहाली आएगी. राज्य की जनता को भूपेश बघेल की अन्यायी, अत्याचारी, भ्रष्टाचारी और वादाखिलाफी करने वाली सरकार से मुक्ति मिलेगी. -अरुण साव, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
जेसीसी(जे) ने किया था निष्कासित: धर्मजीत सिंह को जेसीसीजे ने सितंबर 2022 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगा था.
धर्मजीत सिंह का सियासी सफर: धर्मजीत सिंह छत्तीसगढ़ के लोरमी विधानसभा सीट से विधायक हैं. अब तक धर्मजीत सिंह ने कुल 6 चुनाव लोरमी से लड़े है. जिनमे 4 बार जीत तो वहीं 2 बार हार का सामना करना पड़ा है. 1990 में पहली बार विधानसभा की टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी बने. इस चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता निरंजन केशरवानी से हार गए. जिसके बाद 1998 में उन्हें कांग्रेस ने दूसरी बार टिकट दिया. इस बार उन्होंने भाजपा के मुनीराम साहू को हराया और विधायक बने. 2003 में फिर से धर्मजीत सिंह विधायक बने इस बार भी उन्होंने भाजपा के मुनीराम साहू को हराया. साल 2008 के विधानसभा चुनाव में धर्मजीत सिंह ने भाजपा के प्रत्याशी जवाहर साहू को हराया. साल 2013 के चुनाव में धर्मजीत सिंह भाजपा के तोखन साहू से हार गए. इसके बाद 2016 में बनी पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी में शामिल होकर धर्मजीत सिंह ने 2018 का चुनाव जेसीसीजे से लड़ा, जिसमे उन्होंने भाजपा के तोखन साहू को लगभग 26 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.