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Junior Doctors Indefinite Strike In Chhattisgarh: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स, हफ्तेभर काली पट्टी बांधकर किया था इलाज - स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग

Junior Doctors Indefinite Strike In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आज से जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है. बढ़ती बीमरियों के बीच डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

Junior Doctors Indefinite Strike In Chhattisgarh
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स
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Published : Aug 1, 2023, 10:54 AM IST

Updated : Aug 1, 2023, 10:30 PM IST

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स

रायपुर: छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के दौरान डॉक्टर्स ने ओपीडी में काम बंद कर दिया है. मानसून में आई फ्लू, डेंगू के फैलाव के बीच डॉक्टर्स की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी. पिछले एक हफ्ते से जूनियर डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. हड़ताल के क्रम में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने शासकीय अस्पताल डॉ भीमराव स्मृति चिकित्सालय में ओपीडी सर्विस देनी बंद कर दी. हालांकि बोर्ड और इमरजेंसी में अपनी सेवाएं देते रहे.

क्यों कर रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से नाराज चल रहा है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में जूनियर डॉक्टर्स को 90000 रुपये तक स्टाइपेंड दिया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में 50000 से 55000 मानदेय दिया जा रहा है. दूसरे प्रदेशों में 4 साल का बॉन्ड भी नहीं भरवाया जाता जबकि छत्तीसगढ़ में बॉन्ड भरवाया जा रहा है.

हमारी जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की जो डिमांड है, वह बहुत पुरानी और लंबी डिमांड है. इनमें प्रमुख डिमांड है स्टाइपेंड वृद्धि, जिसमें इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टर का स्टाइपेंड बढ़ाया जाए. यूजी और पीजी करने वालों बॉन्ड अवधि कम ती जाए. तीसरी डिमांड है कि आफ्टर पीजी जब हम बांड में जाते हैं तो वहां पर एसआर (सीनियर रेजिडेंट) का पोस्ट क्रिएट करें, ताकि हम सीनियर रेजिडेंट के पोस्ट पर काम करें और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एलिजिबल हो सकें. -डॉ मनु प्रताप सिंह, अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

हमारे पास स्ट्राइक में जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा. लेकिन इसके पहले हमने 1 हफ्ते का गवर्नमेंट को नोटिस दिया था. ब्लैक रिबन बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध भी किया. लेकिन गवर्नमेंट की ओर से हमें कोई रिस्पांस नहीं मिला, जिसके बाद आज हमने ओपीडी शटडाउन किया. लेकिन वार्ड में और इमरजेंसी सर्विसेज दे रहे हैं. 24 घंटे में गवर्नमेंट हमारी मदद करें, वरना हम बाद में ओपीडी के साथ बॉर्डर एमरजेंसी सर्विस पूरी तरह बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. -डॉ योगेश्वर, जनरल सेक्रेटरी, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

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कहां कहां के जूनियर डॉक्टर्स कर रहे हड़ताल: प्रदेशस्तरीय जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल में रायपुर, सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़, राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है. इससे पूरे प्रदेश के अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटकते रहेंगे.

जूनियर डॉक्टर्स हफ्तेभर से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने 1 अगस्त से काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी. जनवरी में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को ज्ञापन सौंपा था. 7 महीने बीतने के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर्स एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स

रायपुर: छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के दौरान डॉक्टर्स ने ओपीडी में काम बंद कर दिया है. मानसून में आई फ्लू, डेंगू के फैलाव के बीच डॉक्टर्स की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी. पिछले एक हफ्ते से जूनियर डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. हड़ताल के क्रम में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने शासकीय अस्पताल डॉ भीमराव स्मृति चिकित्सालय में ओपीडी सर्विस देनी बंद कर दी. हालांकि बोर्ड और इमरजेंसी में अपनी सेवाएं देते रहे.

क्यों कर रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से नाराज चल रहा है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में जूनियर डॉक्टर्स को 90000 रुपये तक स्टाइपेंड दिया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में 50000 से 55000 मानदेय दिया जा रहा है. दूसरे प्रदेशों में 4 साल का बॉन्ड भी नहीं भरवाया जाता जबकि छत्तीसगढ़ में बॉन्ड भरवाया जा रहा है.

हमारी जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की जो डिमांड है, वह बहुत पुरानी और लंबी डिमांड है. इनमें प्रमुख डिमांड है स्टाइपेंड वृद्धि, जिसमें इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टर का स्टाइपेंड बढ़ाया जाए. यूजी और पीजी करने वालों बॉन्ड अवधि कम ती जाए. तीसरी डिमांड है कि आफ्टर पीजी जब हम बांड में जाते हैं तो वहां पर एसआर (सीनियर रेजिडेंट) का पोस्ट क्रिएट करें, ताकि हम सीनियर रेजिडेंट के पोस्ट पर काम करें और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एलिजिबल हो सकें. -डॉ मनु प्रताप सिंह, अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

हमारे पास स्ट्राइक में जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा. लेकिन इसके पहले हमने 1 हफ्ते का गवर्नमेंट को नोटिस दिया था. ब्लैक रिबन बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध भी किया. लेकिन गवर्नमेंट की ओर से हमें कोई रिस्पांस नहीं मिला, जिसके बाद आज हमने ओपीडी शटडाउन किया. लेकिन वार्ड में और इमरजेंसी सर्विसेज दे रहे हैं. 24 घंटे में गवर्नमेंट हमारी मदद करें, वरना हम बाद में ओपीडी के साथ बॉर्डर एमरजेंसी सर्विस पूरी तरह बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. -डॉ योगेश्वर, जनरल सेक्रेटरी, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

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जूनियर डॉक्टर्स हफ्तेभर से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने 1 अगस्त से काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी. जनवरी में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को ज्ञापन सौंपा था. 7 महीने बीतने के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर्स एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 1, 2023, 10:30 PM IST
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