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Importance Of Aja Ekadashi : अश्वमेध यज्ञ जैसा फल देती है अजा एकादशी, जानिए कैसे करें तैयारी ? - aja ekadashi vrat

Importance Of Aja Ekadashi हमारे शास्त्रों में व्रत और त्यौहारों का वर्णन है. जिनके सहारे कई मुश्किल कामों को आसान किया गया है. ऐसा ही एक व्रत है अजा एकादशी.इस व्रत की ख्याति सतयुग से लेकर कलयुग तक मानी जाती है.आज हम जानेंगे क्यों इस एकादशी से बदल सकता है आपका जीवन .

Importance Of Aja Ekadashi
अश्वमेध यज्ञ जैसा फल देती है अजा एकादशी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 4, 2023, 7:46 PM IST

अश्वमेध यज्ञ जैसा फल देती है अजा एकादशी

रायपुर : हिंदू धर्म में व्रत और त्यौहार का बड़ा महत्व है.इन्हीं व्रत और त्यौहारों में से एक है अजा एकादशी. ऐसा माना जाता है कि अजा एकादशी इतनी पावन है कि सिर्फ इस दिन कथा सुन लेने मात्र से अश्वमेध यज्ञ जैसा फल मिलता है. ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में राजा हरिश्चंद्र को अजा एकादशी का व्रत करने से दरिद्रता से मुक्ति मिली थी. राजा हरिश्चंद्र ने व्रत के प्रभाव से अपना खोया हुआ राज्य वापस हासिल किया था.

कैसे करें अजा एकादशी का व्रत ? : अजा एकादशी का व्रत करने के लिए आपको सबसे पहले इसका संकल्प लेना होना होगा.इस दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, राम रक्षास्त्रोत, भागवत गीता और राम सहस्त्रनाम का जाप करें. ऐसी मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस वर्ष अजा एकादशी 10 सितंबर 2023 रविवार के दिन आएगी. इस शुभ दिन वारियान योग, ध्वज योग बालव और कौलव करण का संयोग बन रहा है.अजा एकादशी वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग भी बन रहे हैं.

अजा एकादशी व्रत का महत्व: अजा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दोनों हाथों को शुद्ध भाव से देखना चाहिए. सूर्य नमस्कार के साथ भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए. इस दिन व्रत के साथ फल दान, धर्म कर्म के काम करना चाहिए. अजा एकादशी के दिन दान पुण्य करने से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं. व्रत करने पर जन्म- जन्मांतर के पाप खत्म होने की भी बात पुराणों में लिखी गई है. इस शुभ दिन दिव्यांगजनों, गरीबों, निराश्रितों और कमजोर लोगों की सेवा करने विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस शुभ दिन भगवान विष्णु को शुद्ध जल से स्नान कराने के बाद विराजित कराना चाहिए. इस दिन निर्जला, निराहार और एकासन करके उपवास किया जाता है.

8 दशकों से रायपुर के हृदय स्थल गोलबाजार में विराजते हैं गणपति, गणेश भगवान के सिर पर सजता है सोने का मुकुट
रायपुर के घासीदास संग्रहालय में मौजूद हैं 10 वीं शताब्दी के गणपति की मूर्तियां
गणपति की स्वयंभू प्रतिमा है 'चिंतामन गणेश,' दूर होती है भक्तों की चिंताएं


अजा एकादशी के दिन क्या करें ? : अजा एकादशी भाद्रपद कृष्ण पक्ष के शुभ मुहूर्त में मनाई जाती है. इस दिन नई चीजों को खरीदना शुभ माना गया है.नए रत्नों को धारण करना, संस्कारों के लिए भी यह तिथि सर्वोत्तम मानी गई है. अजय एकादशी का व्रत पूरी आस्था और श्रद्धा से करना चाहिए. क्योंकि पुरातन काल में राजा हरिश्चंद्र ने ना सिर्फ अपना खोया राज्य बल्कि मृत बेटे को भी वापस हासिल किया. इसलिए इस एकादशी को यदि कोई पूरी श्रद्धा के साथ सच्चे मन से करता है तो उसकी मनोकामना जरुर पूरी होती है.

अश्वमेध यज्ञ जैसा फल देती है अजा एकादशी

रायपुर : हिंदू धर्म में व्रत और त्यौहार का बड़ा महत्व है.इन्हीं व्रत और त्यौहारों में से एक है अजा एकादशी. ऐसा माना जाता है कि अजा एकादशी इतनी पावन है कि सिर्फ इस दिन कथा सुन लेने मात्र से अश्वमेध यज्ञ जैसा फल मिलता है. ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में राजा हरिश्चंद्र को अजा एकादशी का व्रत करने से दरिद्रता से मुक्ति मिली थी. राजा हरिश्चंद्र ने व्रत के प्रभाव से अपना खोया हुआ राज्य वापस हासिल किया था.

कैसे करें अजा एकादशी का व्रत ? : अजा एकादशी का व्रत करने के लिए आपको सबसे पहले इसका संकल्प लेना होना होगा.इस दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, राम रक्षास्त्रोत, भागवत गीता और राम सहस्त्रनाम का जाप करें. ऐसी मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस वर्ष अजा एकादशी 10 सितंबर 2023 रविवार के दिन आएगी. इस शुभ दिन वारियान योग, ध्वज योग बालव और कौलव करण का संयोग बन रहा है.अजा एकादशी वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग भी बन रहे हैं.

अजा एकादशी व्रत का महत्व: अजा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दोनों हाथों को शुद्ध भाव से देखना चाहिए. सूर्य नमस्कार के साथ भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए. इस दिन व्रत के साथ फल दान, धर्म कर्म के काम करना चाहिए. अजा एकादशी के दिन दान पुण्य करने से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं. व्रत करने पर जन्म- जन्मांतर के पाप खत्म होने की भी बात पुराणों में लिखी गई है. इस शुभ दिन दिव्यांगजनों, गरीबों, निराश्रितों और कमजोर लोगों की सेवा करने विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस शुभ दिन भगवान विष्णु को शुद्ध जल से स्नान कराने के बाद विराजित कराना चाहिए. इस दिन निर्जला, निराहार और एकासन करके उपवास किया जाता है.

8 दशकों से रायपुर के हृदय स्थल गोलबाजार में विराजते हैं गणपति, गणेश भगवान के सिर पर सजता है सोने का मुकुट
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गणपति की स्वयंभू प्रतिमा है 'चिंतामन गणेश,' दूर होती है भक्तों की चिंताएं


अजा एकादशी के दिन क्या करें ? : अजा एकादशी भाद्रपद कृष्ण पक्ष के शुभ मुहूर्त में मनाई जाती है. इस दिन नई चीजों को खरीदना शुभ माना गया है.नए रत्नों को धारण करना, संस्कारों के लिए भी यह तिथि सर्वोत्तम मानी गई है. अजय एकादशी का व्रत पूरी आस्था और श्रद्धा से करना चाहिए. क्योंकि पुरातन काल में राजा हरिश्चंद्र ने ना सिर्फ अपना खोया राज्य बल्कि मृत बेटे को भी वापस हासिल किया. इसलिए इस एकादशी को यदि कोई पूरी श्रद्धा के साथ सच्चे मन से करता है तो उसकी मनोकामना जरुर पूरी होती है.

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