रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित अवैध सट्टेबाजी और महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. इस मामले में सोमवार को ईडी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी मनीष बंछोर से पूछताछ की. ईडी ने 23 अगस्त को रायपुर में विनोद वर्मा के आवास और भिलाई में मनीष बंछोर के आवास की तलाशी भी ली थी, जिसे लेकर सूबे की सियासत अभी तक गरमाई हुई है.
विनोद वर्मा और मनीष बंछोर ने दर्ज कराया बयान: दोनों के आवास पर पिछले हफ्ते ईडी ने छापा मारा था और फिर उन्हें पचपेड़ी नाका स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए कहा था. निर्देशों का पालन करते हुए दोनों सुबह ईडी दफ्तर पहुंचे. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी मनीष बंछोर का बयान दर्ज किया है.
ईडी ने की है चार लोगों की गिरफ्तारी: प्रवर्तन निदेशालय ने 'महादेव ऑनलाइन बुक' नामक कथित अवैध सट्टेबाजी एप से जुड़े मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी भी की है. इनमें सहायक उप-निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा, कथित हवाला ऑपरेटर भाइयों अनिल और सुनील दम्मानी सहित सतीश चंद्राकर नामक एक व्यक्ति शामिल है.
गिरफ्तार पुलिसकर्मी को दुबई से मिला था हवाला का पैसा: मामले में आरोप लगाया गया था कि गिरफ्तार पुलिसकर्मी ने छत्तीसगढ़ सीएमओ से जुड़े उच्चाधिकारियों और राजनेताओं को प्रभावित करने के लिए वर्मा के साथ अपने 'संबंध' और दुबई से मिले हवाला फंड का इस्तेमाल किया. ईडी की इस कार्रवाई के तुरंत बाद सीएम बघेल ने आरोप लगाया था कि उनके सहयोगियों पर ईडी और आयकर विभाग के छापे राज्य सरकार को बदनाम करने और दबाने के दुर्भावनापूर्ण से प्रेरित हैं. वहीं विनोद वर्मा ने 24 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपने पास गलत तरीके से कमाया गया एक पैसा भी नहीं नहीं होने की बात कही थी.
(Source: PTI)