रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भाजपा के दो बड़े नेताओं पर कई सवाल दागे. एक ही पार्टी के दो नेताओं का बयान अलग होने पर सीएम ने कटाक्ष किया कि आखिरकार सही कौन बोल रहा है. 12 आदिवासी जातियों को लोकसभा राज्यसभा में जो विधेयक पारित हुआ है. उसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जी का जो बयान है, जो ट्वीट किया है उसमें लिखा है कि 72 हजार लोगों को लाभ मिलेगा. दूसरी तरफ अरुण साव कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में 10 लाख आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा. दोनों में कौन सही है?
आदिवासियों के हित में कांग्रेस ने किया काम: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक पिछले सरकार में अनुसूचित जनजाति का अधिकार छीना गया था. लाखो एकड़ जमीन आदिवासियों से छीन कर कॉर्पोरेटरों को दिया गया है. सामुदायिक वनधिकार का एक पट्टा नहीं दिया. हमने 4000 समुदायिक वन अधिकार का पट्टा दिया और 18 लाख सेक्टर जमीन हमने दी. आदिवासी हित के लिए कांग्रेस सरकार चाहे इंदिरा जी के समय की बात हो, चाहे उसके बाद की बातें, आदिवासियों के हित में लगातार काम होता रहा है.
एक विज्ञापन अभी बीजेपी के द्वारा चल रहा है, मुफ्त राशन गारंटी, मुफ्त वैक्सिंग गारंटी, 5 लाख लोगों को मुफ्त इलाज, जन औषधि केंद्र में सस्ती दवाइयां पक्का, घर बनाकर लखपति बनाने की. पहली बात तो ये है कि यूपीए सरकार के समय ही 2008 में यह पांच गारंटी यूपीए सरकार ने दी. इसमें शिक्षा, रोजगार, सूचना का अधिकार उसी के तहत 2008 में ही यह कार्यक्रम चल रहा था. यह बात अलग है कि रमन सिंह पहले 35 किलो देते थे. उसको बाद में 7 किलो कर दिए. -भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया था ये दावा: कुछ दिन पहले राज्यसभा में 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किए जाने वाले विधेयक को मंजूरी मिली थी. इस दौरान सदन में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरकार की ओर से चर्चा का जवाब दिया. केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि जो संशोधन विधेयक लाया गया है, इनमें 12 आदिवासी जातियां हैं और इनकी संख्या 72 हजार के करीब है. संख्या जरूर कम है लेकिन यह दर्शाती है कि सरकार जनजातीय समुदाय के लोगों के हितों को लेकर कितनी संवेदनशील है. मुंडा के बयान के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने सरकार को धन्यवाद दिया था.
अरुण साव ने 10 आदिवासियों को लाभ मिलने की कही बात: विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू ने कहा था कि राज्यसभा में 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किए जाने वाले विधेयक को मंजूरी मिल गई है. इससे 10 लाख आदिवासियों को लाभ मिल सकेगा.
बता दें कि विधेयक के तहत छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्यसभा ने मंजूरी दी थी. इस मुद्दे पर अब क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है. आदिवासियों को इसका लाभ कब मिलेगा ये तो समय बताएगा, लेकिन विधानसभा चुनाव 2023 में इसे भुनाने की फिराक में दोनों पार्टियां जुटी हुई हैं.