रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनाव अब सिर पर हैं.ऐसे में राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं. छत्तीसगढ़ में हर बार सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती है.लेकिन आगामी चुनाव में जिस तरह से तीसरा मोर्चा तैयारी कर रहा है.उसे देखकर ऐसा लगता है कि किसी भी दल के लिए चुनाव में जीत की भविष्यवाणी करना आसान नहीं है.लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी टीम को मजबूत करने में जुटे हैं.बात यदि बीजेपी की करें तो पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के लिए माइक्रो लेवल पर तैयारी कर रही है. कैडर बेस पार्टी होने के कारण बीजेपी का संगठन चुनाव की तैयारी कई महीनों पहले से ही कर रही है. कांग्रेस पिछले पौने पांच साल के अपने कामों की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जा रही है.
माइक्रोलेवल पर बीजेपी कर रही चुनाव की तैयारी : छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री के दौरे और पीएम मोदी की सभा के बाद पार्टी पहले से ज्यादा एक्टिव हुई है. कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल से लेकर क्षेत्रीय स्तर पर जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.चुनाव से पहले कम समय में हर एक मतदाता तक पहुंचने का दावा बीजेपी कर रही है. विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर दोनों ही पार्टियां वोटरों को साधने के लिए एड़ी चोटी की मेहनत कर रही है..रायपुर के बीजेपी जिलाध्यक्ष जयंती पटेली माने तो हर एक कार्यकर्ता को उसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
'' वर्तमान में चुनाव की दृष्टि से अब लंबे समय से जो संगठन काम करते हुए आ रहे हैं उन कामों का पुनर्परीक्षण हो रहा है. कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि जिन्हें जो क्षेत्र कार्य के लिए दिए गए हैं, उन्हें अपना ही क्षेत्र देखना है . उसी क्षेत्र में काम करना है. हर कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में काम कर रहा है. चुनाव की दृष्टि से कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के कामों को देखकर पीछे-पीछे अपने कामों को खड़ा करने की कोशिश कर रही है.लेकिन भाजपा एक दिन का काम नहीं करती भारतीय जनता पार्टी सालों काम करती है, कांग्रेस वाले चुनाव आने पर अपना काम शुरू किए हैं. लेकिन जिस पार्टी के पास कार्यकर्ताओं की फौज होगी वही पार्टी इन सब कामों को कर सकती है. कांग्रेस पार्टी के बस की बात यह नहीं है.." जयंती पटेल,बीजेपी जिलाध्यक्ष
माइक्रो लेवल पर समाज प्रमुखों से मुलाकात : आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल छत्तीसगढ़ में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ऐसा पहली बार है कि जब क्षेत्रीय संगठन मंत्री माइक्रो लेवल में जाकर समाज प्रमुखों से मुलाकात कर रहे हैं. अब तक अजय जामवाल छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा का दौरा कर चुके हैं. अब वे गांव से लेकर शहर के हर समाज प्रमुखों से मुलाकात कर रहे हैं. लोगों की समस्याएं और उनके सुझाव भी लिए जा रहे हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने की अपील भी कर रहे हैं.
कांग्रेस ने भी चुनाव को लेकर कसी कमर : वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी चुनाव से पहले अपनी कमर कस ली है. छत्तीसगढ़ सरकार ने जो भी पांच साल में काम किए उन कामों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच जा रही है.सीएम भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के जरिए 90 विधानसभा का दौरा किया.इस दौरे में सीएम भूपेश सीधा जनता जनार्दन से मिले.जहां जो भी कमीं दिखी उसे पूरा किया. विकास कार्यों की सौगात क्षेत्रवासियों को दी.साथ ही साथ काम ना करने वाले अफसर और कर्मचारियों को मौके पर ही सबक सिखाया.इन सभी चीजों का जनता पर गहरा प्रभाव पड़ा.
संकल्प शिविर के माध्यम से जनता तक पहुंच : वहीं अब एक कदम आगे जाकर कांग्रेस भी सम्मेलनों के जरिए पहले अपने कार्यकर्ताओं को चार्ज कर रही है.कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब संकल्प शिविरों के जरिए जनता के बीच जा रहे हैं. हर वर्ग से मुलाकात कर रहे हैं. सामाजिक संगठनों से भी राय ली जा रही है. इस दौरान सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन जन तक पहुंचाई जा रही है.कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बीजेपी की तैयारियों को लेकर भी हमला बोला है.
'' भारतीय जनता पार्टी के पास झूठ बोलने और प्रोपेगेंडा करने के अलावा कोई काम नहीं है. कांग्रेस पार्टी झूठ नहीं बोलती है. जनता का काम करती है. भारतीय जनता पार्टी इस गुमान में नहीं रहे कि कांग्रेस उनकी नकल करती है. भारतीय जनता पार्टी की उम्र मात्र 40 साल है. कांग्रेस 139 साल पुरानी पार्टी है. देश में जो भी राजनीतिक दल है वह कांग्रेस के एजेंडे पर और कांग्रेस की योजनाओं पर ही काम कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के पास ना ही कोई नेता है और ना कार्यकर्ता है. भारतीय जनता पार्टी के पास कोई विजन नहीं है. वे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम करते है. कॉरपोरेट कल्चर पर जीते हैं. यह जनता के बीच कभी नहीं जाते. जब चुनाव आता है तभी इन्हें किसान, गांव महिलाओं की याद आती है.'' धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस
किस पार्टी की तैयारी है सबसे बेहतर : कांग्रेस और बीजेपी की तैयारियों को लेकर राजनीतिक जानकारों की अलग ही राय है. 2023 में विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है. भारतीय जनता पार्टी का हर व्यक्ति और हर समाज से मुलाकात करने का अभियान काफी बड़ा है.चुनाव से पहले बीजेपी के बड़े नेता निचले स्तर पर जाकर काम कर रहे हैं. क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल लोगों के घरों तक जाकर सामाजिक लोगों से मुलाकातें कर रहे हैं. इस दौरान समस्याओं को सुनकर सभी से पार्टी से जुड़ने का आह्वान भी किया जा रहा है. वहीं कांग्रेस भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जा रही है. 2 अगस्त से बूथ लेवल अभियान शुरु होगा. जिसमें बूथ स्तर पर सरकार के कामकाज को जनता को बताया जाएगा.
''इस बार का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है. क्योंकि जनता ने भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के कामों को देखा है. वहीं 5 साल कांग्रेस का भी काम देखा है. इस चुनाव में मुद्दे हावी रहेंगे. चेहरे भी हावी रहेंगे. घोषणापत्र में क्या-क्या चीजें दोनों पार्टियां लेकर आती है यह भी देखने वाली बात होगी.''कौशल स्वर्णबेर,वरिष्ठ पत्रकार
जीत की भविष्यवाणी करना नहीं है आसान : वरिष्ठ पत्रकार कौशल स्वर्णबेर के मुताबिक 2023 का विधानसभा चुनाव छत्तीसगढ़ के लिए बहुत ही अहम होने वाला है. किसी भी दल के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा. कांग्रेस और बीजेपी पूरे 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बहुजन समाज पार्टी के नेता भी इसी उम्मीद पर है कि सभी 90 विधानसभा में अपने प्रत्याशियों को उतारे. आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव में सक्रिय है. अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं. जोगी कांग्रेस जो क्षेत्रीय पार्टी है जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में 5 सीटें जीती थी. निश्चित तौर पर इस बार अजीत जोगी की कमी खल रही है. लेकिन जोगी कांग्रेस की ओर से भी दावेदारों की संख्या है. इस बार 2023 का विधानसभा चुनाव ना सिर्फ पार्टी के सिंबल पर होगा. जिन पांच राज्यों में चुनाव है वहां छत्तीसगढ़ जैसी स्थिति नहीं देखने को मिलेगी.