रायपुर: छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने स्टैंडिंग काउंसिल से सीनियर एडवोकेट डॉक्टर सौरभ पांडेय को हटा दिया है. सीनियर एडवोकेट डॉ सौरभ पांडे पिछले 10 सालों से छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल के मामलों की पैरवी हाईकोर्ट में कर रहे थे. लेकिन अचानक उन्हें स्टैंडिंग काउंसिल से हटाए जाने से छत्तीसगढ़ में कई तरह की अटकलें तेज हो गई है.
जानिए इस फैसले के पीछे क्या है वजह? : छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में डॉक्टर सौरभ पांडेय प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पैरवी कर रहे हैं. सीनियर एडवोकेट डॉक्टर सौरभ पांडे ने ईडी की ओर से बिलासपुर हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करने की पिटीशन दायर की है. हाईकोर्ट में रिट पिटिशन दायर करने के बाद ही व्यवसायिक परीक्षा मंडल की ओर से उन्हें हटाये जाने का आदेश निकला है. सीनियर एडवोकेट डॉ सौरभ पांडेय को स्टैंडिंग काउंसिल से हटाकर अनिमेष तिवारी को शामिल किया गया है. व्यापम द्वारा स्टैंडिंग काउंसिल से वकील डॉ सौरभ पांडेय को हटाए जाने के पीछे इसे ही वजह मानी जा रही है.
10 सालों से व्यापम के सरकारी वकील रहे सौरभ: डॉ सौरभ पांडे पिछले 10 सालों से हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल के सरकारी वकील रहे हैं. वे व्यापम के मामलों की पैरवी हाईकोर्ट में कर रहे थे. 2016 में पीएमटी और पीडब्ल्यूडी विभाग में इंजीनियर भर्ती परीक्षा गड़बड़ी को लेकर भी पैरवी सीनियर एडवोकेट डॉ सौरभ पांडेय ने ही की. इन मामले में एडवोकेट डॉ सौरभ पांडेय ने व्यापम का पक्ष रखा और व्यापम ने वह केस भी जीत लिया था. तब एडवोकेट डॉ सौरभ पांडे को सम्मानित किया गया था.
डॉ सौरभ पांडे ने जानकरी नहीं होने की बात कही: ईटीवी भारत ने व्यापम द्वारा स्टैंडिंग काउंसिल से हटाने पर एडवोकेट डॉ सौरभ पांडेय से बात की. डॉ सौरभ पांडेय ने व्यापम के आदेश में उन्हें हटाए जाने का उल्लेख नहीं होने की बात कही. ईटीवी भारत ने जब एडवोकेट सौरभ पांडे से पूछा कि क्या यह कार्रवाई ईडी की पैरवी करने से हुईं है? तो एडवोकेट डॉ सौरभ पांडेय ने ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया है.