रायपुर: जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे हैं आम आदमी पार्टी प्रदेश में सक्रिय होती जा रही है. पार्टी नेता लगातार किसी ना किसी मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी ने अब आम आदमी पार्टी ने वेतन विसंगति को लेकर हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों पर एस्मा लगाने को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को घेरे में लिया है. आप नेता का कहना है कि सरकार प्रदर्शनकारियों की आवाज सुनने की बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है.
लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने की कोशिश कर रही है सरकार: आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता विजय झा का कहना है कि राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारी अपने वेतन विसंगति को लेकर लगातार मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के आंदोलन से आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. लेकिन सरकार इस पर संज्ञान नहीं ले रही है. विजय झा ने स्वास्थ्य मंत्री पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मंत्री उनकी मांगों को सुनने की बजाय उन पर एस्मा लगा रहे हैं.
अपनी आवाज उठाना हमारे देश का लोकतांत्रिक अधिकार है. लेकिन भूपेश सरकार उन्हें दबाने की कोशिश कर रही है. आम आदमी पार्टी स्वास्थ्य कर्मचारियों का पूरा समर्थन करती है -विजय झा, प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी
कांग्रेस ने आप नेता को बताया नौसिखिया: इधर कांग्रेस ने आप नेताओं को नौसिखिया नेता बता दिया. कांग्रेस के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि आप नेताओं में परिपक्वता का अभाव है. शुक्ला ने कांग्रेस सरकार का बखान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार देश की अकेली ऐसी सरकार है, जिसने लगातार कर्मचारियों के हित में काम किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम योजना लागू की हैं. अनियमित कर्मचारियों के लिए 27 फीसदी एक मुश्त वेतन, केंद्र के बराबर डीए छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मिल रहा है. ऐसे में राज्य के कर्मचारियों को भी इसका ध्यान रखना चाहिए. स्वास्थ्य कर्मचारी ऐसे समय में हड़ताल पर गए हैं जब पूरे प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनिया फैला हुआ है.
स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी छोड़कर हड़ताल पर जाएंगे तो सरकार मजबूर होगी एस्मा लगाने में.जनता का कल्याण हमारी हमेशा से पहली प्राथमिकता रही है. हम कर्मचारियों के हित में भी निर्णय लेते हैं और आगे भी लेते रहेंगे- सुशील आनंद शुक्ला, जनसंचार विभाग, कांग्रेस
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्यकर्मी पिछले 6 दिन से हड़ताल पर है. स्वास्थ्कर्मी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है.