रायपुर: आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर ताल ठोंक दी है. आप के बड़े लीडर्स का दावा है कि इस बार प्रदेश की 90 सीटों पर आम आदमी पार्टी का परचम लहरायगा. यहां ये भी सोचने वाली बात है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में महज 1 प्रतिशत से भी कम वोट पाने वाली पार्टी इस बार इतनी कॉन्फिडेंट क्यों हैं ?. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संदीप पाठक का कहना है कि पिछले 5 साल में प्रदेश में काफी कुछ बदल चुका है. ETV भारत ने संदीप पाठक से छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए लाए गए आप के गारंटी कार्ड पर खास बातचीत की.
सवाल: आपने घोषणा पत्र में 10 गारंटी प्रदेश वालों को दी है, उसमें से छत्तीसगढ़ के लोगों को क्या क्या फायदा मिलेगा ?
जवाब: 9 गारंटी अरविंद केजरीवाल ने दी है. इनमें शिक्षा की गारंटी, स्वास्थ्य की गारंटी, रोजगार की गारंटी, भ्रष्टाचार मुक्त करने की गारंटी, महिलाओं को सम्मान राशि देने की गारंटी, शहीदों को सम्मान देने की गारंटी है. जो जनता के जीवन से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित है. एक आम आदमी किसान आदमी गरीब आदमी के जीवन को उठाने के लिए कामयाबी दिलाएगा. 10वीं गारंटी हम अभी नहीं दिए हैं. 10वीं गारंटी हमारे आदिवासी भाइयों बहनों और किसानों से संबंधित है, जो थोड़े दिन के बाद देंगे.हम कोई भी हवा में ऐसा शब्द नहीं बोलना चाहते जिसे हम पूरा ना कर सके. किसानों के लिए कुछ दिनों बाद गारंटी की घोषणा करेंगे.
सवाल: शिक्षा की गारंटी दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ में आत्मानंद स्कूल चल रहे हैं, जैसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी चला रही है, उसी तरह के इंग्लिश मीडियम स्कूल यहां की सरकार चला रही है. इस क्षेत्र में सरकार पहले से ही काम कर रही है तो आपकी गारंटी में नया क्या रहेगा. ?
जवाब: मैं आपकी टीम के साथ आपको इनवाइट करता हूं. 10 गांव उठा लो, 10 गांव में चलते हैं. 10 गांव में आप मुझे सरकारी अस्पताल दिखा दो, कहां चल रहा है. जैसा कि भगवंत मान ने बोला, कि जब आप काम नहीं कर पाते, तो दिखावे के लिए कुछ खड़ा करते हैं और फिर उसका प्रचार करते हो कि मैंने आत्मानंद बनाया, ये बनाया वो बनाया. जनता तय करेगी कि क्या बनाया है. मैं गांव का आदमी हूं, मैं गांव में पढ़ा हूं, मेरे गांव का स्कूल जस का तस है. आपके गांव के स्कूल बने या नहीं बने.शिक्षा बहुत जरूरी है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
सवाल: शिक्षा और स्वास्थ्य पर चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो सभी दावे करते हैं, कि हम बेहतर देंगे. स्वास्थ्य को लेकर भी कार्ड जारी किया गया .
जवाब: वही समस्या है कि वादे दावे करते आ रहे हैं, इसलिए जनता त्रस्त है. जनता किसी भी घोषणा पत्र पर भरोसा नहीं करती. क्योंकि बार-बार वादे सुनते हैं और कुछ करते नहीं.
सवाल: आप 10 वादों की गारंटी दे रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और नक्सल को लेकर आपने कोई चर्चा नहीं की ?
जवाब: हमने कहा कि आदिवासी ओर किसानों से संबंधित आखिरी गारंटी होगी.
सवाल: दूसरी पार्टियां कहती है कि फ्री की रेवड़ी बांट रहे, इसे किस रूप में देख रहे हैं?
जवाब: हम तो फ्री देंगे, जिसको प्रॉब्लम है वो मत दें. आप किसी से भी पूछ लो सबको फ्री चाहिए. जनता का पैसा है किसी का क्या जाता है. जनता का पैसा है उनकी कमाई का पैसा है और टैक्स देता है उसका पैसा बच रहा है उसके जेब में जाता है. ये खुद के जेब में डालना चाहते हैं. आप करके देखो बोलो पॉलीटिशियंस के लिए राजनेताओं के लिए यह गारंटी है, यह फ्री मिलेगा बड़े खुश हो जाएंगे. जनता को फ्री में बिजली देती है तो उनके पेट में दर्द क्यों होते हैं?
सवाल : अंतिम सवाल 90 सीट है. 90 सीटों में से कितनी सीटों पर आप जीतेंगे, क्योंकि पिछली बार 1% वोट भी आपको नहीं मिला था.
जवाब : 90 में से 90 सीट लड़ेंगे. पिछली बार का छोड़ दीजिए. इस बार की बात कीजिए. 5 साल हमारे लिए बहुत समय होता है. 5 साल में काफी कुछ बदल चुका है.