रायपुर: रायपुर नगर निमम में कांग्रेस की बहुमत है. इस लेहाज से आंदाजा लगाया जा रहा था कि निगम के बजट को पारित करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. कांग्रेस ने आम सभा से हंगामे के बीच बजट को आम सभा से पारित तर दिया. इस दौरान भाजपा ने जम कर हंगामा भी किया. अब बुधवार को 26 एजेड़ों पर चर्चा किया जाएगा.
"हमने हर वर्ग का रखा ध्यान": बजट को लेकर रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि "बजट बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक सभी को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इस बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य में ज्यादा इसके साथ ही दवाइयों के पर जोर दिया गया है. आज देखेंगे की कोरोना के बाद कम उम्र में युवाओं की हार्टअटैक से मौत हो रही है. चेकअप के लिए बाजार में बीपी, डायबिटीज जैसी अन्य जांच करवा सकते हैं. इस बजट में 1 से 10 साल के बच्चों के लिए अप्पू घर की योजना रखी है. जिसमें बच्चों को शैक्षणिक, बौद्धिक, विकास की सारी चीजें वहां होगी."
"कोई चीज नहीं है जो हमसे छूटी है": बजट को लेकर रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि "शहर के 70 वार्डो में बुजुर्गों की चौपाल बनाया जाएगा. जहां बुक्स, कॉमिक्स न्यूज पेपर और उनके बैठने की व्यवस्था होगी. बाजारों में सीसी टीवी कैमरे हर बाजार में अंडर केबल वायरिंग और सुलभ शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. दूर दूर तक स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाएगी. 70 वार्डो में जो भी नाली बनाई जाएगी वह कवर्ड बनेगी. बजट में ऐसी कोई चीज नहीं है जो हमसे छूटी है."
"आश्वासन के अलावा इस बजट में कुछ नहीं": विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह बजट पूर्व बजट की तरह हवा हवाई है. अभी तक पिछले बजट की योजनाएं जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाई हैं. इस बजट का भी वही हाल होगा. नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि "आश्वासन के अलावा इस बजट में कुछ नहीं है. शहर की जनता इंतजार कर रही है कि प्रॉपर्टी टैक्स कब आधा हो. बिजली बिल माफ और प्रॉपर्टी टैक्स हाफ का जनता इंतजार कर रही हैं. प्रॉपर्टी टैक्स हाफ तो दूर जनता से यूजर चार्ज लिया जा रहा है. इस बारे में भी महापौर कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पा रहे हैं."
"जनता पर टैक्स लादा जा रहा": नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि "जनता के ऊपर टैक्स लादा जा रहा है. केंद्र की सरकार पर्याप्त राशि नगर निगम को दे रही है. जिसे बैंक में रखकर नगर निगम ब्याज खा रहा है. इतने सारे पैसे बैंकों में जमा है कि नया बैंक खुल जाएगा. नगर निगम का नया फरमान है कि गीला कचरा और सूखा कचरा अलग अलग दें. स्वच्छता के लिए केंद्र की सरकार करोड़ों रुपए दे रही है. लेकिन झोपड़पट्टी में रहने वाली जनता को गीला कचरा और सूखा कचरा देने से क्या फायदा है. अगर वह गीला कचरा सूखा कचरा नहीं दे रहे हैं, तो उन पर सर चार्ज लगाए जा रहे हैं. उस पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जा रहा है. क्यों जनता से ऐसे टैक्स कि वसूली हो रही. महापौर को इस बात का जवाब देना चाहिए."
खातों में राशि होने के बाद भी खर्च नहीं हो रहा: नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि "टैंकर मुक्त शहर की बात की जाती है. 48 करोड़ रुपए जल कार्य के लिए आज भी नगर निगम के बैंक खाते में जमा है. महापौर उन कार्यो के लिए प्रस्ताव नहीं बनवाते. पिछली गर्मी में टैंकर की जरूरत पड़ी थी. आज की स्तिथि में इस साल की गर्मी में उससे ज्यादा टैंकर की जरूरत नगर निगम को पड़ेगी इसका जिम्मेदार कौन है. तालाब सौंदर्यीकरण का सब पैसा नगर निगम के खाते में रखा है. लेकिन महापौर की लापरवाही से कार्य नहीं हो पा रहे है. महापौर बजट पेश कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं."
75 प्रतिशत कािम केंद्र की राशि से हो रहा: नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि "महापौर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहिए. जो भी बातें इस बजट में समावेशित की गई है. उसमें 75 प्रतिशत कार्य केंद्र सरकार के राशि से हो रहा है. इनसे सरकार नहीं चल पाएगी, अगली बार जनता मजा चखाएगी."
यह भी पढ़ें: Raipur Muncipal Budget : रायपुर निगम बजट की बड़ी बातें
कल की सभा रही हंगामेदार: बजट में चर्चा के दौरान विपक्ष ने रावतपुरा कॉलोनी में हुए भ्रष्टाचार और तालाबों के पार्टनर को लेकर जोरदार हंगामा किया. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत मिशन योजना के लिए बेतरतीब खोदी गई. सड़कों को लेकर आसंदी का घेराव किया. जिसके कारण सभा कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. लेकिन देर शाम हंगामे के बीच बहुमत के आधार पर बजट पारित कर दिया गया. सामान्य सभा में बजट के अलावा 26 अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी थी. लेकिन समय सीमा के कारण चर्चा नहीं हो पाई. सभापति प्रमोद दुबे ने बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए सामान्य सभा को स्थगित कर दिया है. बाकी के मुद्दों पर बुधवार सुबह 11 बजे से सामान सभा में चर्चा की जाएगी.