रायपुर: राजधानी के गोल बाजार का मेयर एजाज ढेबर ने निरीक्षण किया. रायपुर के कई बड़े बाजारों की सबसे बड़ी समस्या यातायात को लेकर है, जिसे ठीक करने के लिए नगर निगम और स्मार्ट सिटी लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब गोल बाजार को भी सुव्यवस्थित तरीके से बसाने और व्यापारियों को मालिकाना हक देने के लिए नगर निगम नए सिरे से बिल्डिंग बनवाने जा रहा है. इन दुकानों को गोल बाजार के कारोबारियों को सौंपा जाएगा. इसके लिए सोमवार से नगर निगम की टीम ने जमीनी स्तर पर सर्वे करना शुरू कर दिया है. इसे लेकर महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम की टीम निरीक्षण पर निकली. इन्होंने यहां के व्यापारियों से मुलाकात की.
अस्तव्यस्त तरीके से बसा हुआ है गोल बाजार
बरसों पुराना गोल बाजार अस्तव्यस्त तरीके से बसा हुआ है. जिसका अब नगर निगम नए प्रोजेक्ट के तहत निर्माण करने जा रही है. नगर निगम गोल बाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने और दुकानों की रजिस्ट्री करने की तैयारी में जुट गया है.
महापौर को दी गई जानकारी
नगर निगम और राजस्व के अमले ने महापौर को बताया कि किस कारोबारी को 40-50 साल पहले बाजार में कितनी जगह दी गई थी. इसी आधार पर दुकान की नापजोख होगी, ताकि ये साफ हो कि दुकान की जगह बढ़ाई गई है या नहीं.
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जनवरी से कारोबारियों के दुकानों की रजिस्ट्री
अगर मौके पर आवंटन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध होंगे, तो निगम का अमला उन्हें भी लेगा. यह प्रक्रिया अगले माह के पहले हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद औपचारिकता पूरी करके जनवरी के अंत में ही गोलबाजार के व्यापारियों की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी.
950 दुकानदारों को पहली बार मिलेगा मालिकाना हक
गोलबाजार में 950 से ज्यादा व्यापारी हैं, जिन्हें पहली बार दुकान का मालिकाना हक मिलेगा. हालांकि रजिस्ट्री में उनके पैसे भी खर्च होंगे. हाल में गोलबाजार की लगभग 4 एकड़ जमीन शासन ने निगम को ट्रांसफर कर दी है और उसके डेवलपमेंट का अधिकार भी सौंप दिया है, इसलिए दुकानों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है. कारोबारियों से कई दौर की चर्चा के बाद अब योजना में किसी तरह की अड़चन नहीं रह गई है, इसलिए नगर निगम ने भी प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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दुकानों का फिजिकल सर्वे
सोमवार से राजस्व विभाग की टीम ने बाजार की दुकानों का फिजिकल सर्वे किया. एक-एक दुकान का साइज नापने के साथ-साथ काबिज दुकानदार की पूरी जानकारी ली गई. अगर कारोबारी के पास दुकान में ही आवंटन से संबंधित या किसी भी तरह के आधिपत्य दस्तावेज हैं, तो वे अधिकारियों को दे सकते हैं. निगम ने रविवार को बाजार का ड्रोन सर्वे किया था. इसका उद्देश्य यह देखना था कि बाजार में दुकानदारों के कब्जे कितने हैं, कहां-कहां और किस गली में सड़कें नजर आ रही हैं, किस गली में कारोबारियों ने सड़क तक छज्जे निकाल लिए हैं या फिर दुकान खुलने के बाद कितना हिस्सा कब्जा किया गया है.
सड़कों पर किया गया है कब्जा
दरअसल बाजार में मुख्य समस्या चलने-फिरने की है. सड़कें इतनी चौड़ी हैं कि वहां से बड़ी गाड़ियां भी आसानी से गुजर जाएं, लेकिन कब्जों की वजह से दिन में यहां आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रविवार को सभी दुकानें बंद होने के कारण ही ड्रोन सर्वे किया गया. बंद दुकानों के वीडियो सर्वे से राजस्व विभाग को यह जानकारी मिली कि बंद होने पर गोलबाजार कैसा दिख रहा है.