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Kankali Mata Mandir Doors Open: कंकाली मठ में विजयादशमी का पर्व, माता की झलक पाने उमड़े श्रद्धालु, अस्त्र शस्त्रों की हुई पूजा

Kankali Mata Mandir Doors Open राजधानी रायपुर के कंकाली मठ में विजयादशमी के अवसर पर माता कंकाली के अस्त्र शस्त्रों की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. साल में एक दिन द्वार खुलने की वजह से आज सुबह से कंकाली मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. मां कंकाली के अस्त्र-शस्त्रों के दर्शन के लिए महंत रामसुंदर दास भी पहुंचे और माता का आशीर्वाद लिया.

Kankali Mata Mandir Doors Open
कंकाली मठ में विजयादशमी का पर्व
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 24, 2023, 5:03 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 5:30 PM IST

कंकाली मठ में माता के अस्त्र शस्त्रों की पूजा

रायपुर: राजधानी के कंकालीपारा स्थित 700 साल पुराना कंकाली मठ है. आज विजयादशमी के अवसर पर माता कंकाली के अस्त्र शस्त्रों की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. पूजा अर्चना के बाद अस्त्र शस्त्रों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सजाया गया. जिसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त कंकाली मंदिर पहुंचे हैं.

साल में एक बार होते हैं अस्त्र शस्त्रों के दर्शन: कंकाली मठ का द्वार साल में एक ही बार विजयादशमी के दिन खोला जाता है. बाकी समय कंकाली मठ के जिस कमरे में अस्त्र-शस्त्र रखे गए हैं, वह द्वार बंद कर दिए जाते हैं. ऐसे में विजयादशमी के दिन खुलने वाले द्वार की प्रतीक्षा भक्तों को हमेशा रहती है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन माता कंकाली और माता दुर्गा अस्त्र शस्त्रों के साथ विराजमान रहती हैं. माता के इस रूप को देखने के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से लेकर रात 12 बजे तक रहती है. विजयादशमी के दिन रात 12 बजे के बाद कमरे के इस द्वार को फिर बंद कर दिया जाता है.

भक्तों की मनोकामना होती है पूरी: कंकाली माता के अस्त्र-शस्त्रों के दर्शन के लिए पहुंचे कुछ भक्तों से इटीवी भारत की टीम ने बात की. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से वह सभी माता के अस्त्र शस्त्रों का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं. यहां जो भी भक्त अपनी मनोकामना या मन्नत लेकर आते हैं. माता उनकी मनोकामनाएं और मन्नत जरूर पूरी करती है. आज के दिन का इंतजार राजधानीवासियों के साथ ही दूसरे जिले के लोगों को भी रहता है. भक्त यहां पहुंचकर माता के अस्त्र शस्त्रों का दर्शन करने के साथ ही माता का आशीर्वाद लेते हैं.

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महंत रामसुंदर दास पहुंचे कंकाली मठ: आज कंकाली मठ में माता कंकाली के अस्त्र-शस्त्रों क दर्शन के लिए महंत रामसुंदर दास भी पहुंचे थे. उन्होंने पूजा अर्चना कर कंकाली माता का आशीर्वाद लिया. उन्होंने बताया, "कंकाली मठ प्राचीन मठों में से एक माना जाता है. हर साल भक्त यहां माता के अस्त्र शस्त्रों का दर्शन लाभ लेने के साथ ही माता का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. हम भी अपने साथियों के साथ माता का दर्शन करने के साथ ही उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं."

नागा साधुओं का है अस्त्र शस्त्र: कंकाली मठ के प्रभारी हरभूषण गिरी बताते हैं कि सैकड़ों साल पहले नागा साधुओं का अस्त्र शस्त्र हैं. जिसकी विधि विधान से पूजा अर्चना साल में एक बार विजयादशमी के दिन ही की जाती है. अस्त्र शस्त्रों का दर्शन करने के लिए द्वार खुलने का इंतजार भक्त साल भर करते हैं. अस्त्र शस्त्रों के दर्शन की लालसा में भक्त लाइन लगाकर दर्शन करते हैं. उन्होंने बताया कि अस्त्र शस्त्रों में ढाल, नागफणी, तलवार, कटार जैसी चीजें शामिल हैं.

कंकाली मठ में माता के अस्त्र शस्त्रों की पूजा

रायपुर: राजधानी के कंकालीपारा स्थित 700 साल पुराना कंकाली मठ है. आज विजयादशमी के अवसर पर माता कंकाली के अस्त्र शस्त्रों की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. पूजा अर्चना के बाद अस्त्र शस्त्रों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सजाया गया. जिसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त कंकाली मंदिर पहुंचे हैं.

साल में एक बार होते हैं अस्त्र शस्त्रों के दर्शन: कंकाली मठ का द्वार साल में एक ही बार विजयादशमी के दिन खोला जाता है. बाकी समय कंकाली मठ के जिस कमरे में अस्त्र-शस्त्र रखे गए हैं, वह द्वार बंद कर दिए जाते हैं. ऐसे में विजयादशमी के दिन खुलने वाले द्वार की प्रतीक्षा भक्तों को हमेशा रहती है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन माता कंकाली और माता दुर्गा अस्त्र शस्त्रों के साथ विराजमान रहती हैं. माता के इस रूप को देखने के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से लेकर रात 12 बजे तक रहती है. विजयादशमी के दिन रात 12 बजे के बाद कमरे के इस द्वार को फिर बंद कर दिया जाता है.

भक्तों की मनोकामना होती है पूरी: कंकाली माता के अस्त्र-शस्त्रों के दर्शन के लिए पहुंचे कुछ भक्तों से इटीवी भारत की टीम ने बात की. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से वह सभी माता के अस्त्र शस्त्रों का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं. यहां जो भी भक्त अपनी मनोकामना या मन्नत लेकर आते हैं. माता उनकी मनोकामनाएं और मन्नत जरूर पूरी करती है. आज के दिन का इंतजार राजधानीवासियों के साथ ही दूसरे जिले के लोगों को भी रहता है. भक्त यहां पहुंचकर माता के अस्त्र शस्त्रों का दर्शन करने के साथ ही माता का आशीर्वाद लेते हैं.

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महंत रामसुंदर दास पहुंचे कंकाली मठ: आज कंकाली मठ में माता कंकाली के अस्त्र-शस्त्रों क दर्शन के लिए महंत रामसुंदर दास भी पहुंचे थे. उन्होंने पूजा अर्चना कर कंकाली माता का आशीर्वाद लिया. उन्होंने बताया, "कंकाली मठ प्राचीन मठों में से एक माना जाता है. हर साल भक्त यहां माता के अस्त्र शस्त्रों का दर्शन लाभ लेने के साथ ही माता का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. हम भी अपने साथियों के साथ माता का दर्शन करने के साथ ही उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं."

नागा साधुओं का है अस्त्र शस्त्र: कंकाली मठ के प्रभारी हरभूषण गिरी बताते हैं कि सैकड़ों साल पहले नागा साधुओं का अस्त्र शस्त्र हैं. जिसकी विधि विधान से पूजा अर्चना साल में एक बार विजयादशमी के दिन ही की जाती है. अस्त्र शस्त्रों का दर्शन करने के लिए द्वार खुलने का इंतजार भक्त साल भर करते हैं. अस्त्र शस्त्रों के दर्शन की लालसा में भक्त लाइन लगाकर दर्शन करते हैं. उन्होंने बताया कि अस्त्र शस्त्रों में ढाल, नागफणी, तलवार, कटार जैसी चीजें शामिल हैं.

Last Updated : Oct 24, 2023, 5:30 PM IST
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