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Raipur Congress plenary session: कांग्रेस महाधिवेशन में उठा पंजाब के अजनाला हिंसा का मुद्दा

पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को अजनाला हिंसा मामले को लेकर पंजाब सरकार को जमकर घेरा. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर भी जोरदार हमला बोला. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब में 2 दिन पूर्व घटी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि "75 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है. इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री का बयान तक नहीं आया है. अजनाला में जो हिंसा हुई है यह केंद्र और राज्य सरकार की नाकामी है. नेताओं ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर दोहरा मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया है."

Ajnala violence issue raised in raipur
रायपुर में उठा अजनाला हिंसा का मुद्दा
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Published : Feb 26, 2023, 9:20 AM IST

रायपुर: नया रायपुर में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि "पंजाब देश का कोहिनूर रहा है. यह राज्य सबसे महत्वपूर्ण है. आजादी के बाद पंजाब में लगातार पंजाबियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब रिकवरी की ओर चल रहा था इस बीच फिर से यह सब शुरू हो गया है जो हालात अजनाला में बने. यह इलाका अमृतसर बॉर्डर पर है बीएसएफ ने अपना दायरा बढ़ाया है.

"75 साल में हमने ऐसा नहीं देखा": प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि "अमृतपाल सिंह के साथियों पर केस दर्ज हुआ. इसके बाद उनके साथी तूफान सिंह को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद अमृतसर ने चेतावनी दी थी कि मैं अपने साथियों को छुड़ाने आ रहा हूं और उन्होंने अजनाला के पुलिस स्टेशन पर अटैक कर दिया. 75 साल में हमने ऐसा नहीं देखा. हमने इतना बुरा दौर देखा था लेकिन उस दौर में भी कभी ऐसा नहीं हुआ.


"राज्य के लोगों की रक्षा कौन करेगा": इस पूरे मामले पर सीएम की चुप्पी को लेकर बाजवा ने कहा कि यदि सीएम भगवत मान को लगता है कि चुप रहने से कुछ हो जाएगा तो कुछ नहीं होगा. पंजाब के लोग यह सहन नहीं करेंगे हम भगवान से पूछना चाहते हैं कि राज्य के लोगों की रक्षा कौन करेगा. हम पूरी तरह से इन बाहरी लोगों से लड़ने के लिए तैयार हैं. भाजपा ने कहा कि यह लो अपने साथ गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप भी लेकर गए हैं. यह पहली बार हुआ है ऐसा कभी नहीं हुआ था."

"भगवंत मान और भाजपा पंजाब की शांति भंग करना चाहते हैं": प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि "अजनाला की घटना इंटेलिजेंट फेलियर है देश के गृहमंत्री को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इस मामले में अभि तक उनका कोई बयान तक नहीं आया है. घटना पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए. जब गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर अमृतपाल जब पुलिस थाने में जा रहा था. तो उसका विरोध करना चाहिए था. ऐसे गलत कामों में ग्रंथ साहिब को ढाल नहीं बनाना चाहिए. भगवंत मान और भाजपा पंजाब की शांति भंग करना चाहते हैं. यह हम नहीं होने देंगे."

"मैंने डीजीपी को 8 अक्टूबर को पत्र लिखा था": कांग्रेस नेता अमृंदर सिंह राजा ने कहा कि "मैंने डीजीपी को 8 अक्टूबर को ही पत्र लिखकर कहा था कि आप अमृतपाल की हरकतों पर नजर रखें. उनके लोगों को लगातार हथियारों के लाइसेंस दिए जा रहे हैं. उनके लोग लगातार हथियार का खुला प्रदर्शन कर रहे हैं. थाना कब्जा करने की यह पहली घटना है. राज्य सरकार अक्षम है वह केंद्र सरकार के दबाव में इसलिए ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है."

"ये पंजाबियों की भावना नहीं है": खलिस्तान के सवाल पर नेताओं ने एक मत से कहा कि "अमृतपाल की भावना खाली स्थान की हो सकती है. पंजाबियों की भावना नहीं है. पंजाब खलिस्तान नहीं शांतिपूर्ण हिंदुस्तान चाहता है." इस दौरान नेताओं ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन पर दोहरे मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया और कहा कि "झगड़े वाली जगह पर कोई गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को नहीं लेकर जाएगा तो अमृतपाल कैसे ले गया."

यह भी पढ़ें: Congress Plenary Session last day कांग्रेस महाधिवेशन का आज आखिरी दिन, राहुल गांधी देंगे भाषण, दोपहर 3 बजे विशाल जनसभा

इस घटना को लेकर गरमाई है सियासत: गुरुवार को पंजाब में खलिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था. उनके हाथों में बंदूकें और तलवारे थीं. यह लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. उनके हमले के बाद दवाव में आई पंजाब पुलिस में आरोपियों को रिहा करने का ऐलान कर दिया.

रायपुर: नया रायपुर में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि "पंजाब देश का कोहिनूर रहा है. यह राज्य सबसे महत्वपूर्ण है. आजादी के बाद पंजाब में लगातार पंजाबियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब रिकवरी की ओर चल रहा था इस बीच फिर से यह सब शुरू हो गया है जो हालात अजनाला में बने. यह इलाका अमृतसर बॉर्डर पर है बीएसएफ ने अपना दायरा बढ़ाया है.

"75 साल में हमने ऐसा नहीं देखा": प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि "अमृतपाल सिंह के साथियों पर केस दर्ज हुआ. इसके बाद उनके साथी तूफान सिंह को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद अमृतसर ने चेतावनी दी थी कि मैं अपने साथियों को छुड़ाने आ रहा हूं और उन्होंने अजनाला के पुलिस स्टेशन पर अटैक कर दिया. 75 साल में हमने ऐसा नहीं देखा. हमने इतना बुरा दौर देखा था लेकिन उस दौर में भी कभी ऐसा नहीं हुआ.


"राज्य के लोगों की रक्षा कौन करेगा": इस पूरे मामले पर सीएम की चुप्पी को लेकर बाजवा ने कहा कि यदि सीएम भगवत मान को लगता है कि चुप रहने से कुछ हो जाएगा तो कुछ नहीं होगा. पंजाब के लोग यह सहन नहीं करेंगे हम भगवान से पूछना चाहते हैं कि राज्य के लोगों की रक्षा कौन करेगा. हम पूरी तरह से इन बाहरी लोगों से लड़ने के लिए तैयार हैं. भाजपा ने कहा कि यह लो अपने साथ गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप भी लेकर गए हैं. यह पहली बार हुआ है ऐसा कभी नहीं हुआ था."

"भगवंत मान और भाजपा पंजाब की शांति भंग करना चाहते हैं": प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि "अजनाला की घटना इंटेलिजेंट फेलियर है देश के गृहमंत्री को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इस मामले में अभि तक उनका कोई बयान तक नहीं आया है. घटना पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए. जब गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर अमृतपाल जब पुलिस थाने में जा रहा था. तो उसका विरोध करना चाहिए था. ऐसे गलत कामों में ग्रंथ साहिब को ढाल नहीं बनाना चाहिए. भगवंत मान और भाजपा पंजाब की शांति भंग करना चाहते हैं. यह हम नहीं होने देंगे."

"मैंने डीजीपी को 8 अक्टूबर को पत्र लिखा था": कांग्रेस नेता अमृंदर सिंह राजा ने कहा कि "मैंने डीजीपी को 8 अक्टूबर को ही पत्र लिखकर कहा था कि आप अमृतपाल की हरकतों पर नजर रखें. उनके लोगों को लगातार हथियारों के लाइसेंस दिए जा रहे हैं. उनके लोग लगातार हथियार का खुला प्रदर्शन कर रहे हैं. थाना कब्जा करने की यह पहली घटना है. राज्य सरकार अक्षम है वह केंद्र सरकार के दबाव में इसलिए ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है."

"ये पंजाबियों की भावना नहीं है": खलिस्तान के सवाल पर नेताओं ने एक मत से कहा कि "अमृतपाल की भावना खाली स्थान की हो सकती है. पंजाबियों की भावना नहीं है. पंजाब खलिस्तान नहीं शांतिपूर्ण हिंदुस्तान चाहता है." इस दौरान नेताओं ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन पर दोहरे मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया और कहा कि "झगड़े वाली जगह पर कोई गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को नहीं लेकर जाएगा तो अमृतपाल कैसे ले गया."

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इस घटना को लेकर गरमाई है सियासत: गुरुवार को पंजाब में खलिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था. उनके हाथों में बंदूकें और तलवारे थीं. यह लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. उनके हमले के बाद दवाव में आई पंजाब पुलिस में आरोपियों को रिहा करने का ऐलान कर दिया.

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