रायपुर: कलेक्टर सभा कक्ष में अशासकीय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के अंतर्गत गठित जिला समिति की बैठक आयोजित की गई. आयोजित बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर ने की है. इस बैठक में संसदीय सचिव, विधायक, जिलाधीश समिति के सदस्य, शासकीय विद्यालय प्रबंधक समिति के सदस्य, शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिजन शामिल हुए थे.
बैठक में शासकीय विद्यालयों की ओर से परिजनों से लिए जा रहे शिक्षण शुल्क, ऑनलाइन क्लास और अन्य विषयों पर चर्चा की गई. कलेक्टर ने सभी शासकीय विद्यालयों के प्रबंधकों को 15 दिन के भीतर विद्यालय फीस समिति की आवश्यक बैठक आयोजित करने के लिए निर्देशित किया है.
- किसी भी विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षा से वंचित ना किया जाए.
- निजी विद्यालय फीस समिति में मनोनीत सदस्यों के नाम और नोडल अधिकारी का नाम, नंबर, शाला सूचना पटल पर लगाया जाए.
- विद्यालय शिक्षा समिति से अनुमोदित शाला शुल्क की जानकारी शाला सूचना पटल पर नोटिस के रूप चसपा करना सुनिश्चित करें.
रायपुर जिला में समस्त निजी विद्यालय के प्राचार्य प्रबंधक को यह निर्देशित किया गया कि वह निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें. इसके साथ ही निजी विद्यालयों को उनकी शाला में फीस समिति की बैठक करने के लिए कहा गया है. परिजनों की फीस से संबंधित शिकायतों का आपसी सहमति से निराकरण करने के लिए भी कहा गया है.
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निजी स्कूल और परिजनों के बीच खींचतान की स्थिति
छत्तीसगढ़ में पहले लॉकडाउन के बाद से ही निजी स्कूल प्रबंधन और परिजनों के बीच खींचतान चल रही थी. इसके बाद सरकार और कोर्ट के दखल के बाद मामला सुलझ सका था, लेकिन अब भी समय-समय पर खींचतान देखने को मिल रहा है. 11 जून को कोरबा में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत (new academic session) होने के साथ पालक संघ ने निजी स्कूलों में हो रही परेशानी को लेकर एक बार फिर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इसमें फीस के लिए दबाव डालने पर आपत्ति दर्ज कराई गई. पालक संघ ने सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की है. इसी तरह कई जिलों में भी ऐसे ही हालात बन रहे हैं.