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भाजपा किसान मोर्चा ने कांग्रेस सरकार पर लगाए आरोप, करोड़ों का धान खराब

रायपुर में भाजपा किसान मोर्चा (State President BJP Kisan Morcha) जांच दल ने धान उठाव में देरी और धान खराब होने को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में सरकारी लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये का धान खराब हो चुका है.

Rice Millers Raipur
रायपुर में करोड़ों का धान खराब
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Published : Jun 29, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Jun 29, 2021, 11:34 AM IST

रायपुर : जिला भाजपा कार्यालय (BJP Office) में सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा (State President BJP Kisan Morcha) के श्याम बिहारी जायसवाल (Shyam Bihari Jaiswal) और भाजपा किसान मोर्चा जांच दल प्रभारी गौरीशंकर श्रीवास (BJP Kisan Morcha investigation team in-charge Gaurishankar Srivas) ने प्रदेश में 6 महीने से धान खरीदी केंद्रों में खुले में रखे धान को लेकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है. यह जांच रिपोर्ट 19 जून से लेकर 21 जून तक की है. इसमें भाजपा किसान मोर्चा ने धान उठाव में देरी और धान खराब होने को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में करोड़ों रुपये का धान धूप और बारिश के कारण खराब हो चुका है.

रायपुर में करोड़ों का धान खराब

बेमेतरा जिले में धीमी गति से चल रहा धान उठाव का कार्य, 33 हजार मीट्रिक टन धान का परिवहन बाकी

9 क्विंटल धान बारिश के चलते हो चुका है खराब

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले ढाई सालों से कांग्रेस सरकार (Congress government) ने किसानों का शोषण किया है. छत्तीसगढ़ को किसानों के नाम से जाना जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ महतारी के माथे पर कलंक लगाने का काम भूपेश सरकार कर रही है. पूरे प्रदेश में लगभग 9 लाख क्विंटल धान सूखने के साथ ही बारिश में भीगकर खराब हो चुका हैं. अनाज की यह बर्बादी प्रदेश सरकार की गलत नीतियों और कुप्रबंधन के कारण ही हुई है.

सहकारी समिति के कर्मचारियों को उठाना पड़ता है खामियाजा

श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि धान उठाव नहीं होने और बारिश में धान के भीग जाने का खामियाजा सहकारी समिति में काम करने वाले कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. कई कर्मचारियों ने अब तक इस्तीफा भी दे दिया है, क्योंकि धान खराब होने और सूखने के कारण सहकारी समिति में काम करने वाले कर्मचारियों को धान का कमीशन काटकर पैसा दिया जाता है. पूरे प्रदेश में 22 लाख किसान इन सहकारी समितियों के शेयर होल्डर हैं, जिनके माध्यम से सहकारी समितियां संचालित होती हैं.

बेमेतरा जिले में धीमी गति से चल रहा धान उठाव का कार्य, 33 हजार मीट्रिक टन धान का परिवहन बाकी

धान को लेकर जांच रिपोर्ट गलत पाए जाने पर सरकार दर्ज करा सकती है रिपोर्ट

भाजपा किसान मोर्चा के जांच दल प्रभारी गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के धान खरीदी केंद्रों में जाकर यह जांच रिपोर्ट तैयार की गई है. अगर इस जांच रिपोर्ट में कोई भी गलती पाई जाती है, तो राज्य सरकार किसान मोर्चा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा सकती है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार गोबर खाद वर्मी कंपोस्ट के नाम पर प्रदेश के किसानों को लूट रही है. प्रदेश सरकार 2 रुपये किलो में गोबर खरीदकर 10 रुपये में बेच रही है. यही कारण है कि राज्य में रासायनिक खाद की किल्लत पैदा कर सरकार 10 रुपये किलो गोबर खाद किसानों को देने की फिराक में है.

सहकारी समिति के 400 कर्मचारी छोड़ चुके हैं नौकरी

भाजपा किसान मोर्चा के जांच दल श्रीवास ने कहा कि सरकार खरीदे गए धान के खराब होने की जिम्मेदारी सरकारी समिति के ऊपर डालकर उनका वेतन काट रही है. इस कारण सहकारी समिति में काम करने वाले कई कर्मचारी नौकरी छोड़ने पर विवश है. वहीं, कवर्धा में लगभग 400 कर्मचारियों ने नौकरी भी छोड़ दी है. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में अब तक धान खरीदी केंद्रों में 4 लाख 50 हजार क्विंटल धान का शॉर्टेज हो चुका है और 4 लाख 50 हज़ार क्विंटल धान भीग कर बारिश में खराब हो चुका है.

गौरेला में धान खरीदी के दौरान फर्जी एंट्री मामले में एक आरोपी को किया था गिरफ्तार

25 जून को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में धान खरीदी के दौरान केंद्र में किसानों के धान बिक्री की फर्जी एंट्री (fake entry of paddy sale) कर पैसा निकालने का प्रयास किए जाने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. वहीं इस मामले में अभी भी एक आरोपी फरार है.

1510.40 क्विंटल धान किया गया था गबन

जानकारी के अनुसार पूरा मामला 10 जनवरी 2021 का है, जहां पर खाद्य निरीक्षक (food inspector) ने थाना गौरेला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया गया कि सेवा सहकारी समिति खोडरी के समिति प्रबंधक मोहन लाल मरावी और पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश वस्त्रकार निवासी खोडरी ने 20 किसानों के 1510.40 क्विंटल धान का गबन किया. इस तरह कुल राशि 28 लाख 46 हजार 683.20 रुपये की राशि समिति के प्रबंधक मोहनलाल मरावी के आईडी पासवर्ड का उपयोग कर निकाली थी.

400 कर्मचारियों के इस्तीफे के बाद 16 राइस मिलर्स ब्लैक लिस्टेड

21 जून को कवर्धा में सहकारी समिति के 400 कर्मचारियों के इस्तीफा देने के बाद जिले में हड़ंकप मच गया था. इतनी संख्या में कर्मचारियों के इस्तीफे (employees resignations) के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया था. इस मामले में कलेक्टर ने 16 राइस मिलर्स को 3 साल के लिए ब्लैड लिस्टेड कर दिया था. जबकि 1 राइस मिलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. समय पर धान उठाव नहीं करने के बाद यह कार्रवाई की गई थी.

अरवा राइस मिलर को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.

इन राइस मिलर्स को किया गया ब्लैक लिस्टेड

  • मां अंबे राइस मिल धरमपुरा
  • रॉयल राइस मिल खूटू
  • दीक्षा राइस मिल मानिकपुर
  • गणेश राइस मिल मोहटरखुर्द
  • अग्रवाल राइस मिल रायपुर रोड कवर्धा
  • जैन राइस मिल मैनपुरा
  • ओम राइस मिल सिंघनपुरी
  • राज राइस मिल लालपुर
  • बालाजी राइस मिल खूटू
  • जनता राइस मिल
  • हितांशु राइस मिल
  • सिद्धारत राइस मिल
  • पश्चरनाथ राइस मिल

रायपुर : जिला भाजपा कार्यालय (BJP Office) में सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा (State President BJP Kisan Morcha) के श्याम बिहारी जायसवाल (Shyam Bihari Jaiswal) और भाजपा किसान मोर्चा जांच दल प्रभारी गौरीशंकर श्रीवास (BJP Kisan Morcha investigation team in-charge Gaurishankar Srivas) ने प्रदेश में 6 महीने से धान खरीदी केंद्रों में खुले में रखे धान को लेकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है. यह जांच रिपोर्ट 19 जून से लेकर 21 जून तक की है. इसमें भाजपा किसान मोर्चा ने धान उठाव में देरी और धान खराब होने को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में करोड़ों रुपये का धान धूप और बारिश के कारण खराब हो चुका है.

रायपुर में करोड़ों का धान खराब

बेमेतरा जिले में धीमी गति से चल रहा धान उठाव का कार्य, 33 हजार मीट्रिक टन धान का परिवहन बाकी

9 क्विंटल धान बारिश के चलते हो चुका है खराब

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले ढाई सालों से कांग्रेस सरकार (Congress government) ने किसानों का शोषण किया है. छत्तीसगढ़ को किसानों के नाम से जाना जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ महतारी के माथे पर कलंक लगाने का काम भूपेश सरकार कर रही है. पूरे प्रदेश में लगभग 9 लाख क्विंटल धान सूखने के साथ ही बारिश में भीगकर खराब हो चुका हैं. अनाज की यह बर्बादी प्रदेश सरकार की गलत नीतियों और कुप्रबंधन के कारण ही हुई है.

सहकारी समिति के कर्मचारियों को उठाना पड़ता है खामियाजा

श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि धान उठाव नहीं होने और बारिश में धान के भीग जाने का खामियाजा सहकारी समिति में काम करने वाले कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. कई कर्मचारियों ने अब तक इस्तीफा भी दे दिया है, क्योंकि धान खराब होने और सूखने के कारण सहकारी समिति में काम करने वाले कर्मचारियों को धान का कमीशन काटकर पैसा दिया जाता है. पूरे प्रदेश में 22 लाख किसान इन सहकारी समितियों के शेयर होल्डर हैं, जिनके माध्यम से सहकारी समितियां संचालित होती हैं.

बेमेतरा जिले में धीमी गति से चल रहा धान उठाव का कार्य, 33 हजार मीट्रिक टन धान का परिवहन बाकी

धान को लेकर जांच रिपोर्ट गलत पाए जाने पर सरकार दर्ज करा सकती है रिपोर्ट

भाजपा किसान मोर्चा के जांच दल प्रभारी गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के धान खरीदी केंद्रों में जाकर यह जांच रिपोर्ट तैयार की गई है. अगर इस जांच रिपोर्ट में कोई भी गलती पाई जाती है, तो राज्य सरकार किसान मोर्चा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा सकती है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार गोबर खाद वर्मी कंपोस्ट के नाम पर प्रदेश के किसानों को लूट रही है. प्रदेश सरकार 2 रुपये किलो में गोबर खरीदकर 10 रुपये में बेच रही है. यही कारण है कि राज्य में रासायनिक खाद की किल्लत पैदा कर सरकार 10 रुपये किलो गोबर खाद किसानों को देने की फिराक में है.

सहकारी समिति के 400 कर्मचारी छोड़ चुके हैं नौकरी

भाजपा किसान मोर्चा के जांच दल श्रीवास ने कहा कि सरकार खरीदे गए धान के खराब होने की जिम्मेदारी सरकारी समिति के ऊपर डालकर उनका वेतन काट रही है. इस कारण सहकारी समिति में काम करने वाले कई कर्मचारी नौकरी छोड़ने पर विवश है. वहीं, कवर्धा में लगभग 400 कर्मचारियों ने नौकरी भी छोड़ दी है. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में अब तक धान खरीदी केंद्रों में 4 लाख 50 हजार क्विंटल धान का शॉर्टेज हो चुका है और 4 लाख 50 हज़ार क्विंटल धान भीग कर बारिश में खराब हो चुका है.

गौरेला में धान खरीदी के दौरान फर्जी एंट्री मामले में एक आरोपी को किया था गिरफ्तार

25 जून को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में धान खरीदी के दौरान केंद्र में किसानों के धान बिक्री की फर्जी एंट्री (fake entry of paddy sale) कर पैसा निकालने का प्रयास किए जाने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. वहीं इस मामले में अभी भी एक आरोपी फरार है.

1510.40 क्विंटल धान किया गया था गबन

जानकारी के अनुसार पूरा मामला 10 जनवरी 2021 का है, जहां पर खाद्य निरीक्षक (food inspector) ने थाना गौरेला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया गया कि सेवा सहकारी समिति खोडरी के समिति प्रबंधक मोहन लाल मरावी और पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश वस्त्रकार निवासी खोडरी ने 20 किसानों के 1510.40 क्विंटल धान का गबन किया. इस तरह कुल राशि 28 लाख 46 हजार 683.20 रुपये की राशि समिति के प्रबंधक मोहनलाल मरावी के आईडी पासवर्ड का उपयोग कर निकाली थी.

400 कर्मचारियों के इस्तीफे के बाद 16 राइस मिलर्स ब्लैक लिस्टेड

21 जून को कवर्धा में सहकारी समिति के 400 कर्मचारियों के इस्तीफा देने के बाद जिले में हड़ंकप मच गया था. इतनी संख्या में कर्मचारियों के इस्तीफे (employees resignations) के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया था. इस मामले में कलेक्टर ने 16 राइस मिलर्स को 3 साल के लिए ब्लैड लिस्टेड कर दिया था. जबकि 1 राइस मिलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. समय पर धान उठाव नहीं करने के बाद यह कार्रवाई की गई थी.

अरवा राइस मिलर को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.

इन राइस मिलर्स को किया गया ब्लैक लिस्टेड

  • मां अंबे राइस मिल धरमपुरा
  • रॉयल राइस मिल खूटू
  • दीक्षा राइस मिल मानिकपुर
  • गणेश राइस मिल मोहटरखुर्द
  • अग्रवाल राइस मिल रायपुर रोड कवर्धा
  • जैन राइस मिल मैनपुरा
  • ओम राइस मिल सिंघनपुरी
  • राज राइस मिल लालपुर
  • बालाजी राइस मिल खूटू
  • जनता राइस मिल
  • हितांशु राइस मिल
  • सिद्धारत राइस मिल
  • पश्चरनाथ राइस मिल
Last Updated : Jun 29, 2021, 11:34 AM IST
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